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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

नये उपन्यास 2020

अंबर राजु

 नाम- अम्बर राजु

मूल नाम- हादी हसन

लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में Ghost लेखन और उपनाम नाम का भी एक दौर रहा है।

  इस दौर में कुछ प्रतिभावान लेखक भी हुये जिन्हें स्वयं के नाम से कभी प्रकाशित होने का मौका न मिला लेकिन अन्य नाम और अपनी तस्वीर के साथ अवश्य प्रकाशित हुये। 

ऐसा ही एक नाम है अम्बर राजु। अम्बर राजु जी का वास्तविक नाम हादी हसन है लेकिन कभी इनका कोई उपन्यास वास्तविक नाम से प्रकाशित न हुआ। हां कुछ उपन्यासों पर इनकी तस्वीर अवश्य आयी पर लेखक की जगह कोई अन्य नाम प्रयुक्त हुआ। यां यू कहें की हादी हसन जी द्वितीय नाम अम्बर राजु जी के नाम से लेखन करते रहे।

अम्बर राजु के उपन्यास

1. सौतन बनी सुहागन (गंगा पॉकेट बुक्स)


शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

मेरे लेखन की शुरुआत- अनुराग कुमार जीनियस

मेरे लेखन जीवन की शुरुआत- अनुराग कुमार जीनियस
   साहित्य देश ब्लॉग हमेशा कुछ नया करने का प्रयास करता है। इसी क्रम में हमने लेखकों के प्रथम उपन्यास के संदर्भ में उनके रोचक वर्णन यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं। 
   इस स्तंभ के प्रथम चरण में पढें लोकप्रिय साहित्य के सितारे अनुराग कुमार जीनियस के अनुभव।


मुझे बचपन से ही पढ़ने का बेहद शौक रहा। घर पर उस समय खूब किताबें आती थी। किताबों का एक जमाना था। बच्चों की कहानियों की किताबों के साथ साथ उपन्यास भी खूब आते थे। चंपक, नंदन, बालहंस, मोगली की कहानी और ढेर सारी कॉमिक्स जिनमें लाल बुझक्कड़, नागराज, चाचा चौधरी आदि की संख्या ज्यादा होती थी। पत्रिकाओं में सरस सलिल, सरिता, हंस, इंडिया टूडे आदि पत्रिकाएं भी बहुत आती थी। उस समय मैंने बहुत सारे उपन्यासकारों को पढ़ा जिनमें प्रमुख थे वेद प्रकाश शर्मा जी, सुरेंद्र मोहन पाठक जी, रानू, अनिल मोहन जी, मनोज, रीमा भारती, दिनेश ठाकुर, परशुराम शर्मा जी, प्रेमचंद, फणीश्वरनाथ रेणु, कमलेश्वर स्वयं प्रकाश आदि। वेद प्रकाश शर्मा सुरेंद्र मोहन पाठक अनिल मोहन जी से मैं बहुत ज्यादा प्रभावित रहा।
पढ़ने का सिलसिला यूं ही चलता रहा।
    कक्षा 9 में आते ही मुझे लगा कि मुझे भी कुछ लिखना चाहिए। क्योंकि उस समय नाॅवल ज्यादा पढ़ता था नॉवल से ही शुरुआत की। एक नाॅवल पढा, नॉवेल का नाम था बदला। पर शीघ्र ही मन उचट गया। कई बार कोशिश की पर उसे कभी पूरा नहीं कर पाया। कुछ दिनों बाद फिर से दिल में तरंग उठी लिखने की तो इस बार कहानी पर हाथ आजमाया और उसे पूरा भी किया। इसके बाद कई छोटी-बड़ी कहानियां लिखी। इंटर के बाद फिर से उपन्यास लिखने का ख्याल आया। इस बार मैंने पहले से ही तय कर लिया था कि नॉवेल पूरा जरूर करूंगा। और इस बार मैंने जो नॉवेल शुरू किया उसका नाम था अनोखा कातिल जिसे मैंने पूरा भी किया। फिर मन में एक विश्वास आ गया कि मैं नाॅवल पूरा लिख सकता हूँ। इसीलिए फिर मैं नॉवेल लिखने लगा और उसे पूरा भी करता था। 

सोमवार, 9 नवंबर 2020

कर्नल सुधाकर

 नाम- कर्नल सुधाकर

एक और कर्नल नामक लेखक की जानकारी प्राप्त हुयी है। इनके उपन्यास साधना पॉकेट बुक्स, दिल्ली से प्रकाशित होते थे।


कर्नल सुधाकर के उपन्यास

1. ढाका विजय के चौदह दिन

महेन्द्र सिंह 'निर्मल'

 नाम - महेन्द्र सिंह निर्मल


मुझे लोकप्रिय साहित्य में लेखकों को खोजना बहुत रुचिकर लगता है। यह मेरी रुचि है और....और क्या कहूँ।

एक लेखक महोदय की जानकारी मिली वह है जिनका नाम है महेन्द्र सिंह 'निर्मल'

हालांकि उनके विषय में कोई विशेष जानकारी प्राप्त नहीं हुयी है।
महेन्द्र सिंह निर्मल के उपन्यास
1. नंगी हत्यायें (राजू पब्लिकेशन, कोलकाता)


कर्नल राणा

 नाम- कर्नल राणा

लोकप्रिय साहित्य में समय-समय पर कोई न कोई ट्रेड चलता रहता है। एक समय था जब उपन्यास साहित्य में कर्नल, कैप्टन, इंस्पेक्टर आदि नाम से लेखक बाजार में आये थे। जैसे कर्नल रंजीत, इंस्पेक्टर गिरीश, मेजर बलवंत आदि।
   इसी शृंखला में एक और नाम शामिल होता है वह है कर्नल राणा।
पुष्पी पॉकेट बुक्स इलाहाबाद की यह प्रस्तुति थी।

कर्नल राणा के उपन्यास
1. खूनी पत्र



मदन मोहन

 नाम- मदन मोहन

लोकप्रिय साहित्य की खोज में 

नित नये नाम मिल रहे हैं। इसी दौरान एक लेखक महोदय 'मदन मोहन' का नाम भी देखने को मिला है।
  मदन मोहन जी के विषय में वैसे तो कोई जानकारी नहीं प्राप्त हुयी जो भी जानकारी मिली उसका माध्यम उनका एक उपन्यास है।
मदन मोहन जी के उपन्यास
1. विश्व सम्राज्ञी फ्रैटांसिया (मंजरी प्रकाशन, मेरठ

शनिवार, 7 नवंबर 2020

डाॅ. रमेश चन्द्रा

नाम- डॉक्टर रमेश चन्द्रा
जन्म-
पता- ग्राम/पोस्ट- फतेहपुर तालरतोय
        मधुबन, जनपद-मऊ, उत्तर प्रदेश


लोकप्रिय उपन्यास साहित्य की सामाजिक उपन्यास धारा के अन्तर्गत एक लेखक का नाम शामिल होता है वह है डॉक्टर रमेश चन्द्रा। 


रमेश चन्द्रा के उपन्यास
1. मासूम कली (प्रथम उपन्यास)
2. अधूरा प्यार
प्रकाशक- शुभम पॉकेट बुक्स, मधुबन, उत्तर प्रदेश

रविवार, 1 नवंबर 2020

सुरेन्द्र मोहन पाठक बनाम मिर्जापुर -2

  वेब सीरीज मिर्जापुर-2 रिलीज के साथ एक विवाद में उलझ गयी। वह विवाद था आदरणीय सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के उपन्यास 'धब्बा' के एक संवाद पर। 

   SMP बनाम मिर्जापुर-2 पर पढें #सहर जी का यह आर्टिकल

मिर्ज़ापुर 2 के स्क्रीनप्ले में ऐसी दसियों बाते हैं जो आपत्तिजनक हैं, ससुर बहु का हौलनाक रिश्ता, बिना मतलब की गालियां, लचर फिलर्स, धीमा होता कथानक या बेहद बचकाना क्लाइमेक्स; ऐसे कई पॉइंट्स हैं जिसको टेक्निकल समझ न रखने वाले भी ये ज़रूर कह सकते हैं कि ‘नहीं यार, मज़ा नहीं आया’
     इन सबसे इतर, एक आपत्ति ऐसी उठी है जो किताबों से दूरी रखने वाला न समझ पायेगा लेकिन वो ख़ामी इन सारे टेक्निकल लापरवाहियों पर भारी है।
Series के तीसरे एपिसोड में एक सीन है कि जब कुलभूषण खरबंदा नॉवेल पढ़ रहे हैं, voice-over चल रहा है “बलराज को अपनी चचेरी बहन अच्छी लगती थी... जब वो स्नान करने के लिए निवस्त्र हुई..“ ठीक इसी वक़्त रसिका दुग्गल उनके हाथ से नॉवेल छीन लेती हैं। इस नॉवेल का नाम धब्बा है और ये सुरेंद्र मोहन पाठक साहब के चर्चित पात्र सुनील series का नॉवेल है। तो इसमें आपत्ति क्या है? आपत्ति ये है कि voice-over में सुनाई कथा बिलकुल बेतुकी है, उस नॉवेल में ऐसा कुछ है ही नहीं।    
मिर्जापुर-2 का विवादास्पद  voice-over दृश्य
  

रविवार, 25 अक्तूबर 2020

नये उपन्यास- 2020

 लोकप्रिय साहित्य के लिए यह हर्ष का विषय है की अपने समय की चर्चित मासिक पत्रिका 'नीलम जासूस कार्यालय' पुनः प्रकाशन के क्षेत्र में सक्रिय हो रही है। 

   नीलम जासूस के अंतर्गत वेदप्रकाश काम्बोज जी के सात उपन्यास पुनः प्रकाशित हो रहे हैं।

प्रकाशक महोदय लिखते हैं-

आज के दिन मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है की आप के प्रिय लेखक श्री वेद प्रकाश काम्बोजजी के 7 उपन्यास नीलम जासूस कार्यालय द्वारा शीघ्र ही प्रकाशित किये जा रहे हैं।

1.  बदमाशों की बस्ती
2.  देवता का हार
3.  अनोखा कैदी
4.  अलफांसे
5.  विजय पाकिस्तानी कैद में
6.  विद्रोह की आग
7.  चीते की आँख



शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2020

कृष्ण मेहता

 नाम- कृष्ण मेहता

लोकप्रिय साहित्य का गढ इलाहाबाद होता था। इसके बाद दिल्ली और मेरठ केन्द्र बने।

     हिन्दी लोकप्रिय साहित्य में कुछ अन्य जगहों से भी जासूसी पत्र- पत्रिकाएं प्रकाशित होती रही हैं। गुजरात, आगरा और मुंबई इत्यादि से।

     बुद्धिमान प्रकाशन भी मुंबई से प्रकाशित होने वाली एक पत्रिका थी। इसमें कृष्ण मेहता जी का उपन्यास प्रकाशित हुआ था।

कृष्ण मेहता के उपन्यास

1. मौत का घण्टा


 

शहजादा तबस्सुम

 नाम- शहजादा तबस्सुम

दिल्ली से प्रकाशित होने वाली पत्रिका 'नीलम जासूस' का लोकप्रिय साहित्य में विशेष स्थान रहा है। इस पत्रिका के सम्पादक थे 'सत्यपाल वार्ष्ण्य (BA.) प्रभाकर' और सलाहकार थे -बनवारी लाल सादा RMP.

 वेदप्रकाश काम्बोज जी के उपन्यास भी यहीं से प्रकाशित होते रहे हैं।

   इसी पत्रिका से एक लेखक शहजादा तबस्सुम का उपन्यास प्रकाशित हुआ था। 

  हालांकि लेखक शहजादा तबस्सुम का नाम कभी चर्चा में नहीं रहा ।

शहजादा तबस्सुम के उपन्यास

1. कोहतूर की चोरी - नवम्बर 1959




पुरुषोत्तम दत्त

 नाम- श्री पुरुषोत्तम दत्त

इलाहाबाद लोकप्रिय साहित्य का केन्द्र रहा है और यह लोकप्रिय साहित्य का वह दौर था जब उपन्यास पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित होते थे। 

   इस दौर की अच्छी बात यह थी कि पत्रिका पर प्रकाशन वर्ष होता था। बाद में जब पत्रिकाएं बंद हुयी और उपन्यास स्वयं के कलेवर में प्रकाशित होने लगे तो प्रकाशन वर्ष लिखना भी लगभग ने बंद कर दिया। इसका एक कारण यह था कि वर्ष लिखने से उपन्यास के नये पुराने होने का पता चलता था।

    इलाहाबाद का एक प्रकाशन था 'प्रेमी जासूस कार्यालय-इलाहाबाद'  और पत्रिका थी 'जासूसी कहानी' उसी से श्री पुरुषोत्तम दत्त जी का उपन्यास प्रकाशित हुआ था।


श्री पुरुषोत्तम दत्त जी के उपन्यास

1. शांति भवन- मई 1958




शम्भुप्रसाद जैन

 नाम- शम्भुप्रसाद जैन

इलाहाबाद के प्रकाशन 'जेबी जासूस व आशा पब्लिकेशन' के अन्तर्गत एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन होता था। उसी पत्रिका में शम्भुप्रसाद जी का उपन्यास प्रकाशित हुआ था। इसके संपादक रामचंद्र त्रिपाठी थे। 

 शम्भुप्रसाद जैन (B.A.) 'अशोक' के उपन्यास

1. मौत की छांव - 




रामप्रकाश सक्सेना

 नाम- रामप्रकाश सक्सेना

 लोकप्रिय साहित्य वह दौर जब इसका केन्द्र इलाहाबाद होता था और उपन्यास पत्रिका में छपा करते थे। उस दौर की एक पत्रिका थी-बुद्धिमान प्रकाशन, इलाहाबाद।

     बुद्धिमान पत्रिका में रामप्रकाश सक्सेना (B.A., LLB) के उपन्यास प्रकाशन की जानकारी प्राप्त हुयी है। इस पत्रिका के संपादक श्री वेदप्रकाश कंवल थे।


रामप्रकाश सक्सेना के उपन्यास

1. मुर्दे की हत्या - दिसंबर-1951



बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

रमेश चन्द्र गुप्त 'चन्द्रेश'

 नाम- रमेश चन्द्र गुप्त 'चन्द्रेश'

 लोकप्रिय साहित्य के जगमगाते सितारे कम मंद हुये और कब समय के चक्कर में खो गये हमें पता भी न चला। लोकप्रिय साहित्य की सबसे बड़ी कम रही वह है इस साहित्य का संरक्षण न होना। 

   संरक्षण न होने से कभी पता ही न चला किस लेखक ने कब और कितना लिखा। न तो उनके उपन्यासों का पता और न उपन्यासकारों का। लेकिन प्रतिभा कभी छुपी नहीं रहती देर-सवेर कुछ अच्छे लेखकों के विषय में जानकारी प्राप्त हो ही जाती है लेकिन कभी-कभी यह जानकारी इतनी देरी से प्राप्त होती है कि हम अफसोस करने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकते।

रमेशचन्द्र गुप्त 'चन्द्रेश'
रमेशचन्द्र गुप्त 'चन्द्रेश'

   आदरणीय वेदप्रकाश काम्बोज जी एक लेखक का कई बार जिक्र करते हैं वह लेखक हैं - रमेश चन्द्र गुप्त 'चन्द्रेश'।

श्री नारद जी

नाम- श्री नारद जी

उपन्यासकार श्री नारद जी के विषय में कोई जानकारी प्राप्त नहीं है। एक उपन्यास के आधार पर यहाँ कुछ जानकारी अपडेट की जा रही है।


श्री नारद जी के उपन्यास

1. शरीफ हत्यारा (जासूसी डायरी, इलाहाबाद)

 





सुरेन्द्र इलाहाबादी

 नाम- सुरेन्द्र इलाहाबादी

लोकप्रिय उपन्यास साहित्य का वह दौर जब इलाहाबाद उपन्यास साहित्य का केन्द्र हुआ करता था। इलाहाबाद का पुष्पी प्रकाशन प्रसिद्ध था। 

इसी प्रकाशन से एक लेखक थे- सुरेन्द्र इलाहाबादी ।

अप्राप्य जानकारी अनुसार इनका समय 1975 के आसपास का है। इनके उपन्यासों का नायक कोई 'मेजर' है।

  सुरेन्द्र इलाहाबादी के विषय में जानकारी अपर्याप्त है। 

सुरेन्द्र इलाहाबादी के उपन्यास

  1. खून की‌ नदियाँ
  2. मौत का बुलावा
  3. खून के प्यासे  www.Sahityadesh.blogspot.com
  4. काली ऐनक
  5. आधा मर्द, आधी औरत
  6. डरावनी सिसकियां
  7. हत्यारों का जाल
  8. लटकती लाश 



राम भारती

 नाम- राम भारती








    

   लोकप्रिय साहित्य के एक सितारे राम भारती जी की जानकारी प्राप्त हुयी है। हालांकि यह वास्तविक लेखक हैं या fake writer यह कहना संभव नहीं। फिर भी लोकप्रिय साहित्य में श्री वृद्धि करने के लिए धन्यवाद।

   राज भारती के बाद राम भारती नया नाम है।


राम भारती के उपन्यास

1. कैबरे डांसर की हत्या (अनिल पॉकेट बुक्स, मेरठ)





सतीश जैन

 नाम- सतीश जैन

आरियण्टल पॉकेट बुक्स मेरठ के मालिक सतीश जैन जी के नाम से भी कुछ उपन्यास बाजार में आये थे।
    साहित्य जगत में इनको 'मामा' के नाम से जाना जाता था।

सतीश जैन जी ने जहाँ पूर्व स्थापित पात्रों को आधार बना कर उपन्यास लिखें हैं वहीं 'कालमेघ' जैसा स्वयं का पात्र भी सृजित किया है।

इनकी मृत्यु सन् 2018-19 के लगभग हो गयी थी


    सतीश जैन के उपन्यास

  1. विक्रांत और जादूगर
  2. विक्रांत जा जादू
  3. विक्रांत जादूगर के जाल में 
  4. जादूगर का अंत
  5. विक्रांत का प्रतिशोध
  6. विक्रांत और कालमेघ
  7. कालमेघ की गर्जना
  8. विक्रांत, कालमेघ, जेब्रा
  9. विजयी कालमेघ
  10. दौलत का दानव


सुरेन्द्र प्रताप

 नाम - सुरेन्द्र प्रताप

लोकप्रिय साहित्य में एक दौर वह भी आया था जब 'जेम्स बाण्ड सीरीज' के उपन्यासों का बोलबाला था।

  लोकप्रिय अपराधी साहित्य के मर्डर मिस्ट्री एक्सपर्ट लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक जी ने भी जेम्स बाण्ड सीरीज के कुछ उपन्यास लिखे थे।

 इसी दौर में एक सुरेन्द्र प्रताप नाम के लेखक भी मिलते हैं जिन्होंने जेम्स बॉण्ड सीरीज के उपन्यास लिखे थे।

   इन्होंने जेम्स बाण्ड के नाम में कुछ परिवर्तन भी किया था। इनके उपन्यासों पर लिखा होता था - 'जेम्स 009 सीक्रेट एजेंट'

 सुरेन्द्र प्रताप के उपन्यास

1. आप्रेशन सिक्सटीन 



कर्नल राजेश

 नाम- कर्नल राजेश
कर्नल राजेश 'कंचन पॉकेट बुक्स, मेरठ' की देन है। यह एक घोस्ट राइटिंग है।

कर्नल राजेश के विषय में कोई विशेष जानकारी तो उपलब्ध नहीं है पर इतना तो अंदाजा लगया जा सकता है ये 'कर्नल, कैप्टन, इंस्पेक्टर' नामक के लेखकों का जब दौर रहा था तब के लेखक हैं।
कर्नल राजेश के उपन्यास
1. मर्डर
2. मुर्दे की चीख

कैप्टन वीरेन्द्र

 नाम- कैप्टन वीरेन्द्र

हिंद पॉकेट बुक्स ने 'कर्नल रंजीत' नाम से एक लेखक बाजार में उतारा। कर्नल रंजीत के नामक लेखक का एक पात्र था मेजर बलवंत। हालांकि बाद में हिंद पॉकेट बुक्स ने मेजर बलवंत नाम का एक और Ghost writer पैदा किया।
   इस दौर में लोकप्रिय साहित्य में मेजर, इंस्पेक्टर, कैप्टन आदि नाम से अनेक Ghost writer मैदान में आये। इसी शृंखला में एक नाम मिलता है कैप्टन वीरेन्द्र का।।
  कैप्टन वीरेन्द्र 'स्टार पॉकेट बुक्स-दिल्ली' के प्रकाशन की देन थे। यह एक Ghost writing थी।

कैप्टन वीरेन्द्र के उपन्यास
1. चौथा कत्ल
2. बाईस साल पहले
3. प्लेन मे टाईम बम
4. मैं निर्दोष हूँ
5. मौत का जश्न
6. हत्यारा कौन?
7. बिग बाॅस
8. गुनाह का खून-1988
 कैप्टन वीरेन्द्र के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध हो तो शेयर करें।
 





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केवल कुमार

 नाम- केवल कुमार

केवल कुमार उस दौर के उपन्यासकार हैं जब उपन्यास साहित्य का केन्द इलाहाबाद होता था।

  हालांकि इनके विषय में कोई अतिरिक्त जानकारी प्राप्त नहीं होती, जितनी जानकारी प्राप्त है वह यहाँ प्रस्तुत है।

केवल कुमार प्रसिद्ध 'खान-बाले सीरिज' के पात्रों पर उपन्यास किखते थे। इनका एक उपलब्ध उपन्यास 'जासूस मुकदमा' नामक पत्रिका इलाहाबाद से प्रकाशित हुआ है।


केवल कुमार के उपन्यास

1. कठपुतली- 



रामेश्वर

नाम- रामेश्वर सुल्तानपुरी
जन्म- 
संपर्क -
   उपन्यासकार रामेश्वर का परिचय मेरे लिए अज्ञात है। एक पाठक मित्र से इनके विषय में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त हुयी है जो यहाँ प्रस्तुत है।
रामेश्वर सुल्तानपुरी ने एक फिल्म 'धरमपुर का धरम' का लेखक किया है और इनके उपन्यास रॉयल पॉकेट बक्स, दिल्ली से प्रकाशित होते रहे हैं, ये उपन्यास रामेश्वर के नाम से लिखते थेेेे।
रामेश्वर के उपन्यास 

मोहन मौर्य

नाम-      मोहन लाल मौर्य
जन्मडेट- 21 जुलाई
माता-    स्व. श्रीमती भूरी देवी
पिता-    श्री राम नारायण मौर्य
एड्रेस-    117/57 अग्रवाल फार्म, मानसरोवर, जयपुर
कार्यरत-    विशाखापत्तनम
संपर्क- mohanmourya@gmail.com, मो.       -  7032801691
प्रथम उपन्यास का नाम- एक हसीन क़त्ल अप्रैल 2016 

उपन्यास सूची 

योगेश मित्तल

नाम-     योगेश मित्तल
जन्म-     25 मार्च 1957
माता-     स्वर्गीय उर्मिला मित्तल
पिता-  स्वर्गीय डाक्टर चन्द्र प्रकाश मित्तल

एड्रेस- शाप नम्बर - 26, पाकेट -F,  G - 8 एरिया,
           डीडीए मार्केट हरि कुंज
           हरिनगर,  नई दिल्ली - 110064
संपर्क- Email - yogeshmithal@gmail.com
उपन्यास सूची

मिथिलेश गुप्ता

नाम- मिथिलेश गुप्ता
जन्मडेट- 31 मार्च 
माता-     श्रीमती राजकुमारी
पिता-     स्व. श्री निर्मल गुप्ता
एड्रेस-    सारनी, मध्यप्रदेश (अभी बंगलौर निवास)
संपर्क-  Email- authormithileshgupta@gmail.com
प्रथम उपन्यास का नाम- वो भयानक रात
प्रकाशन तिथि- 29 सितम्बर 2015
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उपन्यास सूची 

शनिवार, 12 सितंबर 2020

शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

वीरेन्द्र कुमार

नाम- वीरेन्द्र कुमार

संपर्क-  

www.sahityadesh.blogspot.com
वीरेन्द्र कुमार के उपन्यास
1. रहमान और शैतान
2. जय बंगलादेश



उक्त लेखक के विषय में कोई और जानकारी उपलब्ध हो तो संपर्क करें।

बुधवार, 9 सितंबर 2020

मौत का तांडव- संतोष पाठक

मौत का तांडव- संतोष पाठक
नये उपन्यास 'मौत का तांडव' का कुछ अंश...
अश्विन पण्डित सीरीज

कोहिमा में चांग और उसकी फौज से टकराने के बाद - या फिर यूं कह लें कि अपनी जान गंवाने से बाल बाल बचा - अश्विन पंडित आखिरकार सकुशल बेगूसराय पहुंचने में कामयाब हो गया। ये अलग बात थी कि लीना रेंगमा उसके साथ जोंक की तरह चिपकी हुई थी, आत्महत्या करने पर उतारू लीना ने उसकी हालत सांप छछूंदर वाली बना कर छोड़ी थी, लिहाजा न उगलते बनता था ना निगलते बनता था। लीना को मरता वह देख नहीं सकता था और उसकी जान बचाने की खातिर उसे साथ लिये लिये फिरना उसे मंजूर नहीं था। आखिरकार इस समझौते के तहत वह लीना को अपने साथ ले आया कि कुछ रोज वहां रहने के बाद लीना गुवाहाटी वापिस लौट जायेगी। 

          वैसा सोचते वक्त अश्विन को सपने में भी ख्याल नहीं आया था कि बेगूसराय में एक नया चांग - उसकी लाश गिराने को दृढ़ प्रतिज्ञ बैठा - उसका इंतजार कर रहा था। ऐसे में ना चाहते हुए भी लीना की भूमिका ‘मौत का तांडव‘ में अहम हो उठी। फिर शुरू हुआ घात-प्रतिघात का कभी ना खत्म होने वाला ऐसा खेल जिसने बेगूसराय की धरती को रक्तरंजित कर के रख दिया। 

सोमवार, 7 सितंबर 2020

सुरेश चौधरी, परिचय

नाम - सुरेश चौधरी 
जन्म तिथि - 02.01.1960
माता जी - स्वर्गीया श्री मति खजानी देवी
पिताजी - स्वर्गीय उदाल सिंह
मोबाइल नंबर - 7906483500
ईमेल - chaudharysuresh7282@.gmail.com सम्पर्क - सत्यम कालोनी,
निकट एस वी स्कूल- कैराना, शामली
उत्तर प्रदेश
वर्तमान कार्य - वकालत
प्रथम उपन्यास - खाली आँचल 
लेखक का साक्षात्कार आप इस लिंक पर पढ सकते हैं-
साक्षात्कार- सुरेश चौधरी
सुरेश चौधरी
अब तक प्रकाशित उपन्यास 
1. खाली आँचल - 2005
2. अहसास-         2015
3. प्रतिशोध -        2019
4. दंगा
5. खूनी मसीहा ( सितंबर - 2022)
6. बवण्डर
7. कसक 
8. समझौता
9. साइलेंट किलर 
10. रेत का घर
11. डेंजर जाॅन


मंगलवार, 25 अगस्त 2020

दूसरा चेहरा- अजिंक्य शर्मा

दूसरा चेहरा- अंजिक्य शर्मा
 उपन्यास 'दूसरा चेहरा' का एक अंश-

इंस्पेक्टर सुबीर पाल ने होटल जश्न की छठवीं मंजिल पर स्थित कमरा नम्बर 303 में कदम रखा।
वो उस तरह के शानदार होटलों में मिलने वाले सुइट्स की तरह ही एक शानदार सुइट था, जिसमें कुल तीन रूम थे। एक बाहर वाला हॉलनुमा रूम, उसे पार करके अंदर एक छोटा रूम और आखिर में तीसरा व आखिरी कमरा।
लाश सबसे बाहर वाले कमरे में ही पड़ी थी।
       इंस्पेक्टर ने गौर से लाश का मुआयना किया। वो कोई 30-32 वर्ष का सेहतमंद ऊंची कद-काठी वाला युवक था। उसके गले के पास खून का छोटा-सा तालाब जैसा बन कर सूख भी चुका था। गले पर धारदार हथियार से काटे जाने का निशान था। 

       कुछ देर उस कमरे में रूकने के पश्चात इंस्पैक्टर पाल अगले कमरे को पार करते हुए सबसे अंदर वाले कमरे-बैडरूम में पहुंचा। वहां सब इंस्पैक्टर दिनेश रावत और पुलिस का डॉक्टर वी.के. खुराना पहले ही मौजूद थे। 

रविवार, 23 अगस्त 2020

स्वीटी माथुर

नाम- स्वीटी माथुर

Ghost Writing

धीरज पॉकेट बुक्स की एक पात्र है स्वीटी माथुर। यह उस समय का उपन्यास है जब लोकप्रिय जासूसी साहित्य में Ghost writer का दौर था और महिला पात्रों के नाम से एक्शन उपन्यास आते थे।


स्वीटी माथुर के उपन्यास

  1. सपनों‌ की रानी 
  2. हथियार
  3. टाॅर्चर
  4. चिकनी मछली
  5. मीठी आग
  6. टारगेट
  7. विस्फोट
  8. चैम्पियन
  9. तहलका
  10. कमाण्डर
  11. प्यासी मौत 

मंगलवार, 18 अगस्त 2020

कंवल शर्मा

नाम-  कंवल शर्मा
मूल नाम- डाॅ. कंवल किशोर शर्मा (Dr. Kanwal Kishore Sharma)
जन्म- जून-1975
माता- श्रीमति आशा शर्मा
पिता- श्री जे. जी. शर्मा (Sh. J G Sharma)
शिक्षा- M.A., M.Ed., M.Phil., NET, Ph.D.
संपर्क-
ईमेल- Email - kanwal.k.sharma@gmail.com
           जेम्स हेडली चेईजे के उपन्यासों से अनुवादक के रूप में अपने लेखन की यात्रा करने वाले कंवल शर्मा जी ने सन् 2016 में अपने उपन्यास 'वन शाॅट' के स्वयं के उपन्यासों के साथ यात्रा आरम्भ की।
प्रथम उपन्यास के साथ ही उन्होंने पाठक वर्ग में अपना एक विशेष स्थान बना लिया।
कंवल शर्मा जी के उपन्यास - रवि पॉकेट बुक्स 
(किसी भी उपन्यास के नाम पर क्लिक कर समीक्षा पढ सकते हैं।)
1. वन शाॅट (अगस्त 2016)
2. सैकण्ड चांस (जनवरी- 2017)
3. टेक थ्री(जुलाई 2017)
4. देजा वू (अप्रैल 2018)
5. जिप्सी (फरवरी-2019)
6. अनट्रेप्ड ( अगस्त-2019)
7. टोपाज- 25.07.2020

गुरुवार, 13 अगस्त 2020

5. साक्षात्कार- सुरेश चौधरी

अभी मंजिल छूना शेष है- सुरेश चौधरी
साक्षात्कार शृंखला-05
    साक्षात्कार की पांचवी किस्त में प्रस्तुत है सामाजिक उपन्यास सुरेश चौधरी से हुयी बातचीत
           सुरेश चौधरी जी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पेशे से वकील हैं लेकिन साहित्य प्रेमी भी हैं। इनके अब तक तीन सामाजिक उपन्यास 'खाली आँचल-2005, 'अहसास'-2015 और 'प्रतिशोध'-2019 प्रकाशित हो चुके हैं।
     साक्षात्कार की इस शृंखला में हम सुरेश चौधरी जी से हुयी चर्चा को यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।

1. सुरेश जी, सर्वप्रथम पाठकवर्ग के लिए आप अपना परिचय दीजिएगा, फिर साक्षात्कार आगे बढाते हैं।
- मेरा नाम सुरेश वर्मा है, लेकिन लेखन का नाम सुरेश चौधरी है। मैं उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ।
पहले मैं सरकारी जाॅब करता था, लेकिन सन् 2005 में रिटायरमेंट लेकर वकालत में आ गया, और लेखन कार्य भी करने लगा।
2. आप किस तरह का साहित्य पढना ज्यादा पसंद करते हैं? आपकी पसंद के लेखक या रचनाएँ?
     - मैं सामाजिक साहित्य पढ्ना पसंद करता हूँ। मेरी पसंद के लेखक है, मुन्शी प्रेमचंद जी व मुल्कराज आनन्द। मुल्कराज आनन्द का उपन्यास 'अनटचेबल' मुझे बहुत अच्छा लगा।
मुन्शी प्रेमचंद जी की सभी रचनाएँ बहुत ही सुन्दर है।

3. आपका लेखन क्षेत्र में आने का मानस कैसे बना?
- लेखन का कार्य शोध के समय से ही मेरे मन में था।
4. शोध किस तरह का?
     - मित्र मेरे द्वारा political science में संविधान में दियें गये अधिकार टाॅपिक पर शोध किया गया था।

5. आपके अब तक तीन उपन्यास आये हैं और इनके विषय में कम शब्दों में कुछ कहना चाहेंगे?
     - अब तक प्रकाशित मेरे तीनों उपन्यास प्रेम प्यार व समाज में आम आदमी के लिए आने वाली विपदाओं पर आधारित है।
6. वर्तमान सोशल मीडिया के दौर में आप किताबों की दुनियां को कैसा देखते हैं? 

शनिवार, 8 अगस्त 2020

ओम कुमार

 नाम- ओम कुमार

जन्म- 03.08.1982

माता- श्रीमति कंचन देवी

पिता- श्री कृष्ण कुमार

एड्रेस- बरेली, उत्तर प्रदेश

संपर्क-omkumar331@gmail.com

  उत्तर प्रदेश के युवा उपन्यासकार ओम कुमार का अभी तक एक ही उपन्यास आया है।

उपन्यास सूची

1. Private Detective Agency - 2016 (हिन्दी)

उपन्यास लिंक- अमेजन, फ्लिपकार्ट, बुककैमल



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