वेदप्रकाश शर्मा
'सस्पेंश के बादशाह' के नाम से विख्यात वेदप्रकाश शर्मा लोकप्रिय जासूसी उपन्यास जगत के वह लेखक थे जिन्होंने उपन्यास जगत को एक नयी बुलंदी पर पहुंचाया था।
वेदप्रकाश शर्मा छोटी उम्र में ही उपन्यास लेखन के क्षेत्र में आ गये थे। लंबे समय छद्म लेखन के बाद 'दहकते शहर' उपन्यास स्वयं के नाम से प्रकाशित हुआ।
अश्लीलता से दूर, सामाजिक थ्रिलर लिखने में वेद जी को महारथ हासिल थी। अपने समय के सर्वाधिक चर्चित लेखक वेद जी ने समसामयिक विषयों पर भी खूब लिखा है। वेदप्रकाश जी के कुछ उपन्यासों पर फिल्मों का निर्माण भी हुआ।
'लल्लू, केशव पण्डित, क्योंकि वो बीवियां बदलते थे, साढे तीन घण्टे, देवकांता संतति' जैसे अनेक यादगार रचनाएँ वेद जी ने लिखी हैं।
इनका प्रथम उपन्यास 'दहकते शहर', सौं वा उपन्यास 'कैदी नंबर 100' और अंतिम रचना 'भयंकरा' है।
जीवन परिचय
नाम- वेदप्रकाश शर्मा
जन्म- 10 जून 1955
मृत्यु- 17 फरवरी 2017
माता-
पिता- मिश्री लाल
भाई- श्री जयप्रकाश शर्मा, चन्द्र प्रकाश शर्मा
पत्नी- मधु शर्मा
बहन- कुसुम शर्मा
बेटियां- करिश्मा, खुशबु, गरिमा
बेटा- शगुन शर्मा (उपन्यासकार)
वेदप्रकाश शर्मा के उपन्यास
वेदप्रकाश शर्मा छोटी उम्र में ही उपन्यास लेखन के क्षेत्र में आ गये थे। लंबे समय छद्म लेखन के बाद 'दहकते शहर' उपन्यास स्वयं के नाम से प्रकाशित हुआ।
अश्लीलता से दूर, सामाजिक थ्रिलर लिखने में वेद जी को महारथ हासिल थी। अपने समय के सर्वाधिक चर्चित लेखक वेद जी ने समसामयिक विषयों पर भी खूब लिखा है। वेदप्रकाश जी के कुछ उपन्यासों पर फिल्मों का निर्माण भी हुआ।
'लल्लू, केशव पण्डित, क्योंकि वो बीवियां बदलते थे, साढे तीन घण्टे, देवकांता संतति' जैसे अनेक यादगार रचनाएँ वेद जी ने लिखी हैं।
इनका प्रथम उपन्यास 'दहकते शहर', सौं वा उपन्यास 'कैदी नंबर 100' और अंतिम रचना 'भयंकरा' है।
जीवन परिचय
नाम- वेदप्रकाश शर्मा
जन्म- 10 जून 1955
मृत्यु- 17 फरवरी 2017
माता-
पिता- मिश्री लाल
भाई- श्री जयप्रकाश शर्मा, चन्द्र प्रकाश शर्मा
पत्नी- मधु शर्मा
बहन- कुसुम शर्मा
बेटियां- करिश्मा, खुशबु, गरिमा
बेटा- शगुन शर्मा (उपन्यासकार)
वेदप्रकाश शर्मा के उपन्यास
उपन्यास के नाम पर क्लिक करें और समीक्षा पढें
- दहकते शहर 29.12.1973
- आग के बेटे
- खुनी छलावा (प्रथम भाग)
- छलावा और शैतान (द्वितीय भाग)
- विकास और मैकाबर (प्रथम भाग)
- विकास मैकाबर के देश में (द्वितीय भाग)
- मैकाबर का अंत (तृतीय भाग)
- प्रलयंकारी विकास
- एक मुट्ठी दर्द
- अपराधी विकास (प्रथम भाग)
- मंगल सम्राट विकास (द्वितीय भाग)
- विनाशदूत विकाश (प्रथम भाग)
- विकास की वापसी (द्वितीय भाग)
- विजय और विकास
- महाबली टुम्बकटू (प्रथम भाग)
- विकास दी ग्रेट (द्वितीय भाग)
- पहली क्रांति (प्रथम भाग)
- दूसरी क्रांति (द्वितीय भाग)
- तीसरी क्रांति (तृतीय भाग)
- क्रांति का देवता (चतुर्थ भाग)
- हीरों का बादशाह
- पाकिस्तान का बदला
- प्रिंसेस जैक्सन का देश
- सी आई ए का आतंक
- रहस्य की बीच
- आयरन मन
- सिंगही और मर्डरलैंड
- बदसूरत
- सुमन
- अर्थी मेरे प्यार की
- राखी और सिंदूर
- आलपिन का खिलाडी
- सफ़ेद चूहा
- दौलत पर टपका खून
- कोबरा का दुशमन
- इंकलाब का पुजारी
- सब से बड़ा जासूस (प्रथम भाग)
- चीते का दुश्मन (द्वितीय भाग)
- विश्व विजेता
- तीन तिलंगे (प्रथम भाग)
- आग लगे दौलत को (द्वितीय भाग)
- शहीदों की चिता (प्रथम भाग)
- खून की धरती (द्वितीय भाग)
- तिरंगा झुके नहीं
- वतन की कसम (दो भाग)
- खून दो आजादी लो (प्रथम भाग)
- बिच्छू (द्वितीय भाग)
- लाश कहाँ छुपाऊ. (प्रथम भाग)
- कानून मेरे पीछे (द्वितीय भाग)
- वतन (प्रथम भाग)
- गुलिस्ता खिल उठा (द्वितीय भाग)
- दौलत है ईमान है मेरा
- आ बैल मुझें मार
- देवकांता सन्तति (भाग 1-2)
- देवकान्ता सन्तति (भाग 3-4)
- देवकान्ता सन्तति (भाग 5-6)
- देवकान्ता सन्तति (भाग 7-8)
- देवकान्ता सन्तति (भाग 9-10)
- देवकान्ता सन्तति (भाग 11-12)
- देवकान्ता सन्तति (भाग 13-14)
- जजमेंट
- हिन्द का बेटा
- देश न जल जाये
- कानून बदल डालो (प्रथम भाग)
- फांसी दो कानून को (द्वितीय भाग)
- जला हुआ वतन (प्रथम भाग)
- चीख उठा हिमालय (द्वितीय भाग)
- धरती बनी दुल्हन
- विश्वयुद्ध की आग
- चकमा
- रुक गई धरती
- कर्फ्यू (प्रथम भाग)
- शेर का बच्चा (द्वितीय भाग)
- खून ने रंग बदला
- हत्यारा कौन
- माटी मेरे देश की
- मत रो माँ (प्रथम भाग)
- लाखों है लाल तेरे (द्वितीय भाग)
- गैंडा
- कत्ल ए आम
- हिंसक (प्रथम भाग)
- दरिंदा (द्वितीय भाग)
- एक कब्र सरहद पर
- जय हिन्द (प्रथम भाग)
- वंदे मातरम् (द्वितीय भाग)
- रणभूमि ( प्रथम भाग)
- गन का फैसला (द्वितीय भाग)
- एक और अभिमन्यु (प्रथम भाग)
- सारे जहाँ से ऊँचा (द्वितीय भाग)
- सभी दीवाने दौलत के
- इन्कलाब जिंदाबाद
- दूध न बख्शुंगी
- धर्मयुद्ध
- बहु मांगे इंसाफ
- साढ़े तीन घंटे (विभा जिंदल)
- अलफांसे की शादी
- कफ़न तेरे बेटे का
- विधवा का पति
- इंसाफ का सूरज
- हत्या एक सुहागिन की (प्रथम भाग)
- कैदी न.100 (सौवां उपन्यास)(द्वितीय भाग)
- दुल्हन मांगे दहेज़
- सुलग उठा सिंदूर
- मेरे बच्चे मेरा घर (प्रथम भाग)
- आज का रावण (द्वितीय भाग)
- नसीब मेरा दुश्मन
- औरत एक पहेली
- कानून का पंडित (यह केशव पण्डित सीरीज का नहीं है)
- केशव पंडित - 1986 (प्रथम भाग)
- कानून का बेटा (द्वितीय भाग)
- मांग में अंगारे
- बीवी का नशा
- विजय और केशव पंडित (प्रथम भाग)
- कोख का मोती (द्वितीय भाग)
- सब से बड़ी साजिश
- साजन की साजिश
- भगवान न.दो (1988)
- सुहाग से बड़ा
- चक्रव्यूह
- जुर्म की माँँ (प्रथम भाग)
- कुबड़ा (द्वितीय भाग)
- दहेज़ में रिवॉल्वर (प्रथम भाग)
- जादू भरा जाल (द्वितीय भाग)
- शीशे की अयोध्या
- वर्दी वाला गुंडा
- जिगर का टुकड़ा
- लल्लू
- रैना कहे पुकार के (प्रथम भाग)
- भस्मासुर (द्वितीय भाग)
- मेरा बेटा सब का बाप (प्रथम भाग)
- पागल मई-1997 (द्वितीय भाग)
- मिस्टर चैलेंज
- इंटर नेशनल खिलाड़ी (screen play)
- वो साला खदरवाला
- कातिल हो तो ऐसा (प्रथम भाग)
- शाकाहारी खंजर (द्वितीय भाग)
- मदारी (तृतीय भाग)
- फंस गया अलफांसे (प्रथम भाग)
- पंगा (द्वितीय भाग)
- कारीगर
- ट्रिक
- कठपुतली
- एक थप्पड़ हिंदुस्तानी (प्रथम भाग)
- पाक साफ़ (द्वितीय भाग)
- गूंगा
- डमरुवाला
- असली खिलाड़ी
- शिखंडी (2004) 148-
- राम बाण (2005) -149
- दूर की कौड़ी -150
- काला अंग्रेज (फरवरी-2005)(प्रथम भाग) 151
- फिरंगी (द्वितीय भाग)152
- खलीफा (153)
- शंखनाद (154 वां उपन्यास)
- क्योंकि वो बीवियां बदलते थे (155)
- वेदमंत्र (156)
- अंगारा (प्रथम भाग) (157)
- शेखचिल्ली (द्वितीय भाग)(158)
- हत्यारा मंगलसूत्र (159)
- केशव पण्डित की वापसी ((प्रथम भाग)
- विजय के सात फेरे (10 नवंबर 2008)द्वितीय भाग
- नौकरी डाॅट काॅम - 2010
- खेल गया खेल
- सुपरस्टार - प्रथम भाग(30 नंवबर 2010
- पैंतरा - द्वितीय भाग
- कश्मीर का बेटा (प्रथम भाग)
- चलते पुर्जे (द्वितीय भाग)
- डायन (प्रथम भाग)
- डायन (द्वितीय भाग)
- सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री (2014)
- अपने कत्ल की सुपारी (15.01.2015)
- गद्दार देशभक्त
- आॅनर किलिंग 15.06.2015
- छठी उंगली
- भयंकरा - 2017, राजा पॉकेट बुक्स
(उपन्यास 'छठी उंगली' और 'भयंकरा' वेदप्रकाश शर्मा जी की मृत्यु के पश्चात प्रकाशित होने वाले उपन्यास हैं। दोनों को पढने के पश्चात पता चलता है कि ये न तो वेद जी की कहानी है और न उनकी शैली। यह पूर्णतः नकली उपन्यास कहे जा सकते हैं।)
मैंने अपने जीवन में वेद प्रकाश शर्मा लेखक नहीं देखा मेरी फर्स्ट च्वाइस वेद प्रकाश शर्मा
जवाब देंहटाएंमैने आजतक किन्ही को दिल से पढ़ा है तो वो हैं वेद प्रकाश शर्मा। इनकी विकास सीरीज की कारनामे तो अद्भुत और अकल्पनीय हैं जो कि सबसे अधिक पॉपुलर हुए। दूसरे पात्र हैं केशव पंडित जिनके दिमाग के आगे विजय और अल्फांसे भी नाचने को मजबूर थे। सच कितनी मजेदार और खतरनाक लगती थी इनकी दुनिया।
जवाब देंहटाएंवेदप्रकाश शर्मा जी उपन्यास साहित्य के वो सितारे हैं जिन्होंने सर्वाधिक चमक बिखेरी है।
हटाएंये एशिया के महानतम जासूसी लेखक इब्ने सफ़ी की नक़ल करते थे।
हटाएंअच्छा भले ही बताए कभी तुम वेद प्रकाश कंबोज ओम प्रकाश शर्मा को पढ़े हो
हटाएंये नकल नही करते जो चीजे बाकी उपन्यास कार नही लिख पाए उन्ही का उपन्यास पढ़ कर उनके आगे का कथानक लिखे हैं
और जहां तक इब्ने सफी की बात है तो ये अपने मन से कुछ लिखे ही नही है सभी यूरोप के जासूसी लेखकों की किताबों का अनुवाद भर कर दिए हैं
हटाएंVed ji ka ek novel honor killing Bhool Gaye Kya.
जवाब देंहटाएंसर शुक्रिया । सबसे बड़ा जासूस पहला भाग - दूसरा चीते का दुश्मन दूसरा भाग , दौलत ही मेरा ईमान पहला भाग - आ बैल मुझे मार दूसरा भाग । केशव पंडित की वापसी पहला भाग - विजय के साथ फैरे दूसरा भाग ।
जवाब देंहटाएंसर आप कुछ उपन्यास के भाग लगता है भूल गए , हत्या सुहागिन की पहला भाग - कैदी नंबर 100 दूसरा भाग
जवाब देंहटाएंसर अल्फांसे की शादी पहला भाग - कफ़न तेरे बेटे का दूसरा भाग ,
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिए धन्यवाद जयदेव जी। आपकी दी गयी जानकारी को अपडेट करते हैं।
हटाएंधन्यवाद
इनके किस उपन्यास मै जंगल का चित्रण है ?
हटाएंवेद प्रकाश शर्मा का शायद ही कोई ऐसा उपन्यास रहा हो जो मैंने नहीं पढ़ा हो, मैं तो यह सोच सोच कर हैरान होता हूं कि अगर वेद प्रकाश जैसा आदमी क्राइम करने पर उतर आए तो क्या मजाल के संसार भर की पुलिस भी इन्हें पकड़ पाए, इतना जबरदस्त दिमाग था इस उपन्यासकार में
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने
हटाएंमैं वेद प्रकाश शर्मा जी का बहुत बड़ा प्रशंसक हू मेरे पसंदीदा लेखक हैं
हटाएंVed sir ke सभी navel के लिए 9355496301 pe what's up kare
हटाएंVed sir ke sabhi novel telegram par free h. 93...301 vale aadmi ko ruppes Na dena.
हटाएंशर्माजी मेरे प्रिय लेखक थे। गज़ब लिखते थे। वाह
जवाब देंहटाएंवो भी क्य दीन थे जब हम वेद प्रकाश शर्मा के उपन्यास का रस्ता देखा करते थै
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