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गुरुवार, 30 दिसंबर 2021

नये उपन्यास- दिसंबर 2021

          Hindi Pulp Fiction के पाठकों को नमस्कार।
नववर्ष -2022 की हार्दिक शुभकामनाएं

सन् 2021 खत्म होने  वाल है और नये वर्ष का आरम्भ। इस अवसर पर सभी पाठक मित्रों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

     बीता हुआ समय अपने साथ बहुत सी खट्टी-मीठी यादें छोड़ जाता है। और हम भी उन यादों के साथ मुस्कुराते हैं तो कभी आँसू बहाते हैं। लेकिन जो बीत गया सो बात गयी। 

     मनुष्य में एक प्रवृत्ति और भी है वह है नववर्ष पर संकल्प की। अक्सर हम संकल्प भी लेते हैं आगामी वर्ष के लिए, यह अलग बात है की अधिकांश मित्रों के संकल्प सिर्फ संकल्प ही रह जाते हैं, दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव में पूर्ण नहीं होते।

        आप भी इस वर्ष पर अगर कोई संकल्प ले रहे हैं तो उसे पूर्ण करने की कोशिश कीजिएगा।

    अब कुछ साहित्यिक चर्चा। 

   सन् 2021 जा रहा है और नववर्ष 2022 आ रहा है। साहित्य देश ब्लॉग ने हर बार कुछ नया करने की कोशिश की है। वह चाहे उपन्यास समीक्षा हो, लेखक साक्षात्कार हो, लेखक परिचय हो या कुछ और हमारा प्रयास सतत जारी है। इस वर्ष भी हमारी कोशिश रहेगी की हम ज्यादा से ज्यादा जानकारी पाठकों तक पहुंचा सके।  लेकिन इसके लिए आप पाठक मित्रों का सहयोग आवश्यक है।आज भी बहुत से लेखक और उपन्यास पाठकों की पहुंच से दूर हैं। आप के संयुक्त प्रयास से ही हम समस्त जानकारी को एकत्र कर पायेंगे। आपका एक छोटा सा सहयोग का संकल्प उपन्यास साहित्य में मील का पत्थर हो सकता है। 

आओ मिलकर उपन्यास साहित्य संरक्षण में योगदान दें।

  अब चर्चा सन् 2021 के अंतिम माह में प्रकाशित उपन्यासों की।

1. महल - चन्द्रप्रकाश पाण्डेय
    प्रकाशक- थ्रिल वर्ल्ड

        हाॅरर श्रेणी के उपन्यासों में जो प्रयोगात्मक लेखन चन्द्रप्रकाश पाण्डेय जी ने किया है वह अद्वितीय है। उनके उपन्यासों का पाठकों को इंतजार रहता है। 

   'थ्रिल वर्ल्ड' से चन्द्रप्रकाश पाण्डेय जी का उपन्यास 'महल' प्रकाशित हो रहा है।

2. बवण्डर - सुरेश चौधरी
     प्रकाशक- रवि पॉकेट बुक्स

       लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में आज अधिकांश लेखक जासूसी लेखन कर रहे हैं वही सुरेश चौधरी जी सामाजिक उपन्यास की कमी को पूर्ण कर रहे हैं। लोकप्रिय उपन्यास साहित्य की एक विधा को जीवित रखने का सराहनीय प्रयास है।

बवण्डर - सुरेश चौधरी
प्राप्ति के लिए सम्पर्क- 9412200594

3. जीरो डिग्री- देवेन्द्र पाण्डेय
     प्रकाशक- सूरज पॉकेट बुक्स
       
लेखन के क्षेत्र में अगल पहचान स्थापित करने वाले देवेन्द्र पाण्डेय की रचनाओं का पाठकों को हमेशा इंतजार रहता है। उसी इंतजार को खत्म कर रही है उनकी नयी रचना 'जीरो डीग्री'।
दुर्गम बर्फीली घाटियों में हुयी एक दुर्घटना के दौरान भूस्खलन में दफन हो गए कुछ लोग किसी प्रकार जीवित बच गए, लेकिन जल्द ही उन्हें अहसास हो गया था कि उनके भीतर कुछ बदल चुका है। उनका सामना अपने भीतर छिपे दानव से हुआ और अब उनकी जिंदगी दूसरों के लिए बुरा सपना बन चुकी थी।
बर्फीली घाटियों में क्रूरता का एक ऐसा खेल शुरू हुआ जिसने इंसान और राक्षस की परिभाषा बदल कर रख दी।

प्राप्ति लिंक- जीरो डीग्री - देवेन्द्र पाण्डेय

4.  जुनून- विकास सी. एस. झा
     प्रकाशक- सूरज पॉकेट बुक्स

शालिनी खेतान का सरेशाम कत्ल उसके ही घर के अंदर हुआ था और जिस पर कातिल होने का शक था वो खुद कत्ल कर दिया गया। तो आखिर कौन था इन दो कत्लों के पीछे ? डबल मर्डर की ये गुत्थी पुलिस के सुलझाए न सुलझ पा रही थी। क्या ये कोई ड्रग एंगल था या फिर कुछ और ही था ? ऐसे में क्या प्राइवेट डिटेक्टिव अश्विन ग्रोवर कामयाब हो पाता है कत्ल की इस गुत्थी को सुलझाने में ? कहीं खुद उसकी क्लाइंट ही तो नहीं इन सब बातों के पीछे ? लालच, महत्वकांक्षा और जुनून की एक ऐसी रहस्यमय गाथा जो आपको रोमांच के समुंदर की गहराइयों तक लेकर जाएगी। डबल मर्डर की इस पूरी दास्तान को जानने के लिए पढ़िए विकास सी एस झा द्वारा लिखित अश्विन ग्रोवर सीरीज का पहला उपन्यास ‘जुनून – ए मर्डर मिस्ट्री’

प्राप्ति लिंक- जुनून- विकास सी. एस. झा


5. दी सुसाइड केस- सुप्रिया प्रवाह
   प्रकाशक- सूरज पॉकेट बुक्स

   हिमालय यात्रा से आने के सिर्फ तीन दिन बाद ही सुपरस्टार आरव की लाश रेल की पटरी पर मिलती है। आरव की संदेहास्पद मौत की जाँच करते हुए उसकी एक्स गर्लफ्रेंड एसीपी कलसी, उसका दोस्त दीपक व उसका वकील अरुणाचल पहुंचते है । नन्हे लामा और वकील के लापता होते ही एसीपी कलसी के शक की सुई वकील पर अटक जाती है। आखिर क्या है आरव की मौत का राज?
मुंबई से अरुणाचल, नेपाल, तिब्बत, कैलाश और फिर मुंबई से इंदौर, रुड़की तक के इस रोमांचक रहस्यमई यात्रा में मर्डर मिस्ट्री के साथ दोस्ती, प्यार, व्यथा और भावुकता है। यह अद्भुत कहानी है एक मानव जीवन के संघर्ष, उसके जीने की इच्छा और आत्मदर्शन की।
6. गैंग आॅफ फोर- सुरेन्द्र मोहन पाठक
      सुरेन्द्र मोहन पाठक जी की चर्चा के बिना तो यह स्तम्भ अधूरा है। लोकप्रिय साहित्य में एक सशक्त स्तम्भ हैं सुरेन्द्र मोहन पाठक।
    पाठक जी का विमल सीरीज का 46 वां उपन्यास है।
प्राप्ति लिंक - Gang OF Four
   


 सुरेन्द्र मोहन पाठक जी की दो बाल साहित्यिक रचनाएँ लगभग चासीस वर्ष पश्चात साहित्य विमर्श द्वारा पुनः प्रकाशित हो रही हैं।

- कुबड़ी बुढिया की हवेली
- बेताल और शहजादी

मंगलवार, 28 दिसंबर 2021

लव हिट पण्डित

 नाम- लव हिट पण्डित

 उपन्यास साहित्य में केशव पण्डित ने जो नाम कमाया उसका अनुसरण करते हुये बहुसंख्यक केशव पण्डित बाजार में आ गये। ऐसा ही एक नाम है -लव हिट पण्डित।

  हालांकि इस के विषय में कोई ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। एक उपन्यास से संक्षिप्त जानकारी मिलती है।

लव हिट पण्डित के उपन्यास

1. कानून से बड़ा

2. विस्फोट

3. रेप मिस्ट्री

प्रकाशक- पूनम पॉकेट बुक्स, शाहदरा दिल्ली

वितरक- राम पॉकेट बुक्स, दिल्ली

 उक्त समस्त जानकारी का स्त्रोत लव हिट पण्डित का उपन्यास 'कानून से बड़ा' है।

उक्त लेखक के विषय में अगर कोई जानकारी हो तो अवश्य शेयर करें।

Email- sahityadesh@gmail.com


मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

जयदेव चावरिया - साक्षात्कार शृंखला-10

साहित्य देश ब्लॉग साक्षात्कार के क्रम में प्रकाशित कर रहा है नवोदित उपन्यासकार जयदेव चावरिया का साक्षात्कार।

  जयदेव चावरिया हरियाणा के रेवाड़ी जिले के निवासी हैं। अपने प्रथम उपन्यास से पूर्व जासूसी कहानियों के माध्यम से पाठकों मे मध्य अपनी पहचान स्थापित कर चुके हैं। सूरज पॉकेट बुक्स से प्रकाशित 'माय फर्स्ट मर्डर केस' लेखक का प्रथम उपन्यास है।
  'प्रथम उपन्यास, प्रथम साक्षात्कार'  साक्षात्कार शृंखला-10

उपन्यासकार जयदेव चावरिया
उपन्यासकार जयदेव चावरिया
1. जयदेव भाई, सर्वप्रथम आपको आपके प्रथम उपन्यास पर हार्दिक शुभकामनाएं। आज आप एक उपन्यासकारों की श्रेणी में पहुँच गये। बहुत से पाठक आपसे परिचित हैं, फिर भी हम एक बार आप विस्तृत परिचय जानना चाहेंगे।

   मैं जयदेव चावरिया में हरियाणा जिला रेवाड़ी का रहने वाला हूँ।  वैसे मेरा असली नाम जितेंद्र हैं पर मेरे दोस्त और मेरे परिवार वाले सभी मुझे जयदेव कहकर पुकारते थे। इसलिए मैंने अपना नाम जितेंद्र से जयदेव कर दिया। चावरिया मेरे पिता जी का गोत्र है। मेरे पिता जी का नाम रामलाल चावरिया है मेरे पिता जी के देहांत हुए करीब 18 साल हो गये। पिता जी रेलवे में काम करते थे।      पिता जी के देहांत के बाद पिता जी की जॉब मेरी माता जी (रेनू देवी जी) को मिल गयी। मेरे परिवार में मेरी बड़ी रजनी, उनसे छोटा भाई महेश, उनसे छोटी बहन पूजा फिर, आखिरी में 

सोमवार, 20 दिसंबर 2021

जयदेव चावरिया

नाम - जयदेव चावरिया
पिता-  राम लाल
माता-  रेनू देवी
शिक्षा- 12th
सम्पर्क-
जयदेव चावरिया
Mob- -          90347 35152
Facebook id – Author jaidev Chawariya
Email-  jaidev5152@gmail.com
उपन्यासकार जयदेव चावरिया
उपन्यासकार जयदेव चावरिया
उपन्यास सूची
1. माय फर्स्ट मर्डर केस 13.09.2021

http://svnlibrary.blogspot.com/2021/12/482.html?m=1

           

रविवार, 5 दिसंबर 2021

यादें वेदप्रकाश शर्मा जी की -11

यादें वेद प्रकाश शर्मा जी की - 11

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ऐश ट्रे मेरी पहुँच से दूर थी। वेद भाई जहाँ बैठे थे, उससे कुछ दूर बायीं ओर। 

ऐश ट्रे अपनी ओर खींचने के लिए मुझे कुर्सी से उठकर टेबल पर काफी आगे झुकना पड़ा। फिर मैंने ऐश ट्रे खींच कर, उसके कॉर्नर पर अपनी सिगरेट का टोटा रगड़ कर बुझाया और बुझा हुआ टोटा ऐश ट्रे में डाल दिया। 

फिर ऐश ट्रे पीछे सरकाकर मैं वापस कुर्सी पर बैठ गया। 

       उन दिनों शास्त्रीनगर में तुलसी पेपर बुक्स आरम्भ तो हो चुकी थी, लेकिन काम करने वाले लोग उतने नहीं थे, जितने बाद में धीरे धीरे बढ़ गये थे। फिर भी कुछ तो थे, लेकिन थोड़ी देर बाद मैंने जो देखा, मुझे स्वामीपाड़ा का वेद भाई का वो घर याद आ गया, जहाँ बरसात में कई जगह से टपकती छत के नीचे परछत्ती में, हम दोनों ने साथ मिलकर कुछ पेज लिखे थे और साथ साथ खाना - खाया था। 

और अचानक ही वो दिन क्यों याद आ गया, यह तो मेरी समझ में नहीं आया, पर जब वेद भाई वापस ऑफिस आये तो उनके हाथों में दो शीशे के मग थे और मग में फलों का जूस...। 

बस, उस समय कुछ ऐसा लगा था, जैसे वक़्त अचानक बरसों पीछे चला गया हो। 

एक मग मेरी ओर बढ़ा कर वेद भाई ने कहा - "चाय तो तू पीवैगा नहीं, ले अब सेहत बना।"

"चाय पीने के लिए मैंने कब मना किया।" मैं जूस का मग अपने होंठों की तरफ बढ़ाते हुए बोला -"अभी जूस पीते हैं। थोड़ी देर बाद चाय पियेंगे।"

“चाय क्या, खाना खिलावैंगे यार...। पहले जूस तो पी...।"- वेद भाई ने कहा और मग होंठों से लगा लिया। 

शनिवार, 4 दिसंबर 2021

यादें वेद प्रकाश शर्मा जी की - 10

यादें वेद प्रकाश शर्मा जी की - 10
प्रस्तुति- योगेश मित्तल
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 दिल्ली में जो लोग रहते हैं, कहीं भी घूम फिर आयें, चैन की सांस, मानों दिल्ली में ही मिलती है। 
वैसे तो यह हर शहर में रहने वाले, अपने शहर के लिए महसूस करते हों, पर दिल्ली वालों की बात कुछ और ही है। 
दिल्ली के साथ बहुत सी बातें जुड़ जाती हैं। जैसे - 
दिल्ली है दिल वालों की। 
अब दिल्ली दूर नहीं। 
दिल्ली दिल है हिन्दुस्तान का। 
और
        दिल बड़ा है दिल्ली का, किसी भी गाँव, शहर, प्रान्त, देश का व्यक्ति दिल्ली आता है तो दिल्ली का होकर रह जाता है। 
बहुत से आक्रांता आये दिल्ली और बार-बार आये। कुछ दिल्ली को लूटकर चले गये तो कुछ यहीं के हो गये। 
हम जब कलकत्ता (आज का कोलकाता) रहते थे, दुनिया का सबसे खूबसूरत शहर कलकत्ता ही लगता था। वहाँ बोटानिकल गार्डेन के विशाल बरगद की छांव में हवाओं के झोंके मन प्रसन्न कर देते थे तो धर्मतल्ला और उसके आस-पास फुटबॉल क्लबों के मैदान एक जुनून सा पैदा कर देते थे और दक्षिणेश्वर, ताड़केश्वर, काली मंदिर, हुगली नदी, डायमंड हार्बर तथा कलकत्ते का कोना-कोना दिल से नहीं, रोम-रोम से जुड़ा लगता था और हम कलकत्ते से बाहर के अपने रिश्तेदारों को 'कलकत्ते' के बारे में यह सब बताते हुए बड़ा गर्व महसूस करते थे कि कलकत्ते में 'कलकत्ता' नाम का तो कोई रेलवे स्टेशन ही नहीं है। एक रेलवे स्टेशन है 'हावड़ा' और दूसरा रेलवे स्टेशन है -'सियालदह' और हवाई अड्डा है - 'दमदम।

बुधवार, 1 दिसंबर 2021

29 दिसम्बर की रात - विक्की आनंद, उपन्यास अंश

 अब उसके लिये कत्ल करना बहुत जरूरी हो गया था...इस ताबड़तोड़ भयानक घटनाचक्र में यही एकमात्र उसके बचाव का मार्ग रह गया था।

      अपने अँधेरे कमरे में वह बड़ी देर से इन्हीं विचारों के बवंडर में इधर-उधर घूमे जा रहा था। अपने तीव्र मानसिक तनाव में वह कमरे की बत्ती जलाना भी भूल गया था। एकाकीपन तथा घना अँधेरा मन को और भी विचलित कर देता है।

          तनाव में इधर से उधर और उधर से इधर चलते हुये वह सिगरेट पर सिगरेट फूँके जा रहा था। उसके  मस्तिष्क में सुधा के वाक्य गूँज-गूँज कर प्रलय मचा रहे थे। 

29 दिसम्बर की रात - विक्की आनंद
29 दिसम्बर की रात - विक्की आनंद

“केवल चौबीस घण्टे...इससे अधिक समय मैं तुम्हें नहीं दे सकती।”

“मेरे पेट में पनप रहा तुम्हारा बच्चा- अब मुझे कुलबुलाता अनुभव हो रहा है।”

उसने सुधा से आँख न मिलाते हुये कहा- 

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मेरठ उपन्यास यात्रा-01

 लोकप्रिय उपन्यास साहित्य को समर्पित मेरा एक ब्लॉग है 'साहित्य देश'। साहित्य देश और साहित्य हेतु लम्बे समय से एक विचार था उपन्यासकार...