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बुधवार, 31 अक्तूबर 2018

सीमा कपूर

रीमा भारती नामक लेखिका की अंधाधुंध दौड़ में लगभग प्रकाशन ने मिलते -जुलते नाम से Ghost writer ओपैदा कर दिये। ऐसा ही एक नाम है सीमा कपूर। सीमा कपूर 'रजत प्रकाशन-मेरठ' की देन है।
 सीमा कपूर 'मिस मोना डार्लिंग सीरीज' लिखती थी।

सीमा कपूर के उपन्यास

  1. आधा तीतर आधा बटेर
  2. रहस्यमय हत्याएं



भूपेन्द्र चौधरी

दिल्ली निवासी भूपेन्द्र चौधरी एक सामाजिक उपन्यासकार थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार इनके उपन्यास रजत प्रकाशन-मेरठ से प्रकाशित होते थे।
भूपेन्द्र चौधरी के उपन्यास
1. सुहाग मिटा दूंगी (प्रथम उपन्यास)
2. बिक रहे खुदा
3. जला डालो दुल्हन को
4. कफन मेरे लाल का
5. जोगन तेरे नाम की
6. कब आओगे?
7. एक बार मुस्कान दो
लेखक संपर्क
- भूपेन्द्र चौधरी
B 1,/57, यमुना विहार, दिल्ली-53


भोपाल सिंह

भोपाल सिंह नामक उपन्यासकार के विषय में हमें उनके उपन्यास 'इंकलाब' से जानकारी प्राप्त हुयी है। हालांकि इनके विषय में कुछ ज्यादा जानकारी तो उपलब्ध नहीं है।
   हमारी जानकारी में जितने उबके उपन्यास है वे सब 'कृष्णा प्रकाशन,243, मेहंदी मोहल्ला, कंकरखेड़ा, मेरठ -UP' से प्रकाशित हुये हैं।

भोपाल सिंह के उपन्यास
1. चिंगारी
2. इंकलाब
3. वंदे मातरम्
4. नया दौर
5. राजा भाई एल.एल. बी.
6. सत्यमेव जयते
7.
8.
9.
10.
उक्त लेखक के विषय में अभी तक कोई ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। अगर किसी मित्र के पास इनके विषय में कोई जानकारी उपलब्ध हो तो संपर्क करें।
धन्यवाद।
ईमेल- sahityadesh@gmail.com

मंगलवार, 23 अक्तूबर 2018

केसर पण्डित


केशव पण्डित सीरिज में केसर पण्डित लोकप्रिय जासूसी उपन्यास के क्षेत्र में जब से केशव पण्डित के उपन्यास लोकप्रिय होने लगे तब से अनेक पण्डित/ Ghost writer मैदान में उतर आये। यह सब प्रकाशन संस्थानों की देन है। केशव पण्डित नामक गंगा में 'सूर्या पॉकेट बुक्स मेरठ' ने भी 'केसर पण्डित' नाम से हाथ धो लिए। केसर पण्डित एक Ghost writing का कमाल है, यह सूर्या पॉकेट बुक्स- मेरठ की देन है।
केसर पण्डित नामक तथाकथित लेखक 'केशव पण्डित सीरिज' लिखते थे। जिसमें केशव पण्डित, विजय, अलफांसे, सिंगही और विकास जैसे पात्र होते थे।
 केसर पण्डित के उपन्यास
1. केशव पण्डित मौत के चक्रव्यूह में
2. वहशी दरिंदा 3. खुले आम कत्ले आम 4. केशव पण्डित और मौत का कोहराम


सोमवार, 15 अक्तूबर 2018

मोना चौधरी

Ghost writing के दौर में एक नाम था मोना चौधरी। मोना चौधरी भवानी पॉकेट बुक्स-मेरठ की देन थी।
 मोना चौधरी के उपन्यास
1. ब्लु फाइल
2. विष कन्या
3. असलाह
4. मिस चिंगारी
5. बिजली
 6. बारूद की बेटी
7.
8. 9. 10

रविवार, 14 अक्तूबर 2018

मंगलवार, 9 अक्तूबर 2018

लेखक

बायें से शुभानंद जी, रमाकांत मिश्र, आबिद रिजवी जी।

तीन पीढियां एक साथ।
आबिद रिजवी जी, रमाकांत मिश्र जी, शुभानंद जी।


लेखक

एक यादगार तस्वीर

अपने समय के प्रसिद्ध लेखक एक साथ।


शनिवार, 6 अक्तूबर 2018

दुर्गाप्रसाद खत्री

दुर्गाप्रसाद खत्री
Surendra Sabhani की फेसबुक पोस्ट।


दुर्गाप्रसाद खत्री जी का परिचय



दुर्गा प्रसाद खत्री (12 जुलाई, 1895- 5 अक्टूबर, 1974) हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यास लेखकों में से एक थे। ये ख्याति प्राप्त देवकीनन्दन खत्री के पुत्र थे, जिन्हें भारत ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में भी तिलिस्मी उपन्यासकार के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त थी।बाबू देवकीनन्दन खत्री के सुपुत्र बाबू दुर्गा प्रसाद खत्री भी अपने पिता के समान ही प्रतिभाशाली थे।दुर्गा प्रसाद खत्री जी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए साथ में कहानी / उपन्यास लिखने लगे। पिता-पुत्र के लेखन में कोई अंतर नहीं कर सकता। एक बार देवकी नन्दन खत्री जी को किसी कारणवश कहीं बाहर जाना पड़ा। उन्होंने पुत्र को निर्देश दिया कि कथा का क्रम संभाल लेना। ज्ञातव्य है कि किसी कहानी की कोई रूपरेखा उनके द्वारा कहीं लिखी नहीं थी, केवल दिमाग में रहती थी। कहानी की किस्तें लगभग रोज छपनी थी इसलिए रोज लिखना आवश्यक था। करीब 3-4 हफ्ते बाद बाबू देवकी नन्दन खत्री जी लौटे और दुर्गा प्रसाद खत्री जी से पूछा कि कहानी कहाँ तक पहुँची। पुत्र ने कहा - 'वहीं, जहाँ आप छोड़ गए थे'। हुआ यह था कि दुर्गा प्रसाद जी ने इस बीच एक तिलिस्म की यात्रा करा दी थी और पात्रों को वापस वहीं पहुँचा दिया था। 1912 ई. में विज्ञान और गणित में विशेष योग्यता के साथ स्कूल लीविंग परीक्षा उन्होंने पास की। इसके बाद उन्होंने लिखना आरंभ किया और डेढ़ दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे। इनके उपन्यास चार प्रकार के हैं-
तिलस्मी एवं ऐय्यारी
जासूसी
सामाजिक
अद्भुत किन्तु संभाव्य घटनाओं पर आधारित उपन्यास।
तिलस्मी उपन्यास में दुर्गा प्रसाद खत्री ने अपने पिता की परंपरा का बड़ी सूक्ष्मता के साथ अनुकरण किया है। जासूसी उपन्यासों में राष्ट्रीय भावना और क्रांतिकारी आंदोलन प्रतिबिम्बित हुआ है। सामाजिक उपन्यास प्रेम के अनैतिक रूप के दुष्परिणाम उद्घाटित करते हैं। लेखक का महत्व इस बात में भी है कि उसने जासूसी वातावरण में राष्ट्रीय और सामाजिक समस्याओं को प्रस्तुत किया।
भूतनाथ (1907-1913) (अपूर्ण) - देवकीनन्दन खत्री ने अपने उपन्यास 'चन्द्रकान्ता सन्तति' के एक पात्र को नायक बना कर 'भूतनाथ' उपन्यास की रचना की, किन्तु असामायिक मृत्यु के कारण वह इस उपन्यास के केवल छह भागों ही लिख पाये।आगे के शेष पन्द्रह भाग उनके पुत्र दुर्गा प्रसाद खत्री ने लिख कर पूरे किये। 'भूतनाथ' भी कथावस्तु की अन्तिम कड़ी नहीं है।इसके बाद बाबू दुर्गा प्रसाद खत्री लिखित 'रोहतास मठ' (दो खंडों में) आता है।उन्होंने अपने अतुल्य पिता के अनुपम उपन्यास 'भूतनाथ' को पूरा करने का बीड़ा उठाया और इस दायित्व को इस खूबी के साथ पूरा किया कि पता ही नहीं चलता कि कहाँ पिता ने कलम छोड़ी और कहाँ पुत्र ने कलम उठाई।
उनके सर्वाधिक चर्चित उपन्यास 'रक्त मंडल' और सुफेद शैतान' रहे। इन उपन्यासों को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित (बैन) कर दिया गया था l

कृतियाँ
दुर्गा प्रसाद खत्री ने 1500 कहानियाँ, 31 उपन्यास व हास्य प्रधान लेख लिखे। दुर्गा प्रसाद खत्री ने ‘उपन्यास लहरी’ और 'रणभेरी' नामक पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया था। इनके उपन्यास चार प्रकार के हैं-

तिलस्मी ऐयारी उपन्यास
भूतनाथ और रोहतासमठ उनके इस विधा के उपन्यास हैं और इनमें उन्होंने अपने पिता की परंपरा को जीवित रखने का ही प्रयत्न नहीं किया है वरन्‌ उनकी शैली का इस सूक्ष्मता से अनुकरण किया है कि यदि नाम न बताया जाय तो सहसा यह कहना संभव नहीं कि ये उपन्यास देवकीनंदन खत्री ने नहीं वरन्‌ किसी अन्य व्यक्ति ने लिखे हैं।

जासूसी उपन्यास
प्रतिशोध, लालपंजा, रक्तामंडल, सुफेद शैतान जासूसी उपन्यास होते हुए भी राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत हैं और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन को प्रतिबिंबित करते हैं। सुफेद शैतान में समस्त एशिया को मुक्त कराने की मौलिक उद्भावना की गई है। शुद्ध जासूसी उपन्यास हैं-
सुवर्णरेखा
स्वर्गपुरी
सागर सम्राट् साकेत
कालाचोर
इनमें विज्ञान की जानकारी के साथ जासूसी कला को विकसित करने का प्रयास है।
सामाजिक उपन्यास
इस रूप में अकेला 'कलंक कालिमा' है जिसमें प्रेम के अनैतिक रूप को लेकर उसके दुष्परिणाम को उद्घाटित किया गया है। बलिदान को भी सामाजिक चरित्रप्रधान उपन्यास कहा जा सकता है किंतु उसमें जासूसी की प्रवृत्ति काफ़ी मात्रा में झलकती है।
संसार चक्र अद्भुत किंतु संभाव्य घटनाचक्र पर आधारित उपन्यास
माया उनकी कहानियों का एकमात्र संग्रह है। ये कहानियां सामाजिक नैतिक हैं। उनकी साहित्यिक महत्ता यह है कि उन्होंने देवकीनंदन खत्री और गोपालराम गहमरी की ऐयारी जासूसी-परंपरा को तो विकसित किया ही है, सामाजिक और राष्ट्रीय समस्याओं को जासूसी वातावरण के साथ प्रस्तुतकर एक नई परंपरा को विकसित करने की चेष्टा की है।

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आलेख- Surendra Sabhani
 लेखक की मूल फेसबुक पोस्ट यहाँ है।



मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018

ए. हमीद

ए. हमीद के उपन्यास
1.  तूफान की रात

कैप्टन सुभाष

नाम- कैप्टन सुभाष

कैप्टन सुभाष के विषय में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं ।
कैप्टन सुभाष के उपन्यास अभिनव पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होते थे।

कैप्टन सुभाष के उपन्यास
1. मकङी और नाग
2. तीन करोड़ की बिल्ली  - 1986
3. बदनाम बस्ती
4. गोल्डन मैन
5. दौलत के पुजारी
6. अनोखा रिपोर्टर
7. 



नागपाल

नागपाल के उपन्यास बहुत देखने को मिलते हैं, अब ये लेखक कौन थे, कहां से थे कुछ जानकारी नहीं है।

नागपाल के उपन्यास
1. नरक का बादशाह
2. खतरनाक साजिश
3. झूठ का जाल
4. दौलत का ढेर
5. हत्यारी दौलत
6. जुर्म का पहरेदार
7.
8.
9.
10.

शहंशाह

 नाम- शहंशाह

Ghost Writer
  लोकप्रिय साहित्य में छद्म लेखन की भरमार रही है।
इसी लेखन में एक नाम आता है शहंशाह का। शहंशाह नामक Ghost Writer गौरी पॉकेट बुक्स की देन है।

शहंशाह के उपन्यास

1. कलयुग की काली
2. काली जंग 
3. ऐ वतन तेरे लिए





विमल

उपन्यासकार विमल के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
इनका एक उपन्यास मिला है।

विमल के उपन्यास
1. हत्यारी सुहागिन

बी.पाल भारती

 एक लेखक हैं बी. पाल भारती। जासूसी उपन्यासकार ।
इनके विषय में अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

बी. पाल भारती के उपन्यास
1. पाॅलिटिक्ल मर्डर

सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

हरीश पाठक

नाम - हरीश पाठक
     उपन्यास साहित्य में Ghost writing का लम्बा दौर चला है जिसमें सभी प्रकाशकों ने अपने-अपने Ghost writer मैदान में उतारे। 
    इसी दौर में गंगा पॉकेट बुक्स मेरठ ने भी अपना एक Ghost लेखक मैदान में उतारा जिसका नाम है- हरीश पाठक

 
हरीश पाठक के उपन्यास
  1. देखो और मार दो
  2. हसीन जुर्म
  3. मासूम गुनाह
  4. नीला आदमी
  5. मौत प्यारी है
  6. शाही खंजर
  7. मुर्दे की गवाही
  8. अधू्रा कत्ल
  9. मौत का वारण्ट
  10. वार्ड में लाश
  11. हत्यारे की मौत
  12. कालगर्ल का खून
  13. किस्मत का सिपाही (विजय, मिथुन, राकेश, छक्कन मियां,शेरी)
  

केशव शर्मा

छदम लेखकों की श्रेणी में एक और नाम आता है वो है केशव शर्मा।
वेदप्रकाश शर्मा का पात्र केशव पण्डित इतना प्रसिद्ध हुआ था की हर प्रकाशन संस्थान नें केशव पण्डित नाम से असंख्य लेखक ही पैदा कर दिये।
एक तरफ जहाँ ये Ghost Writer अपनी मौलिक प्रतिभा का हनन तो करते रहे वहीं इन्होंने लुगदी उपन्यास इंडस्ट्री का काम भी खत्म कर दिया।
पाठक जिस भी नये लेखक की उपन्यास उठाता वही लेखक नकली निकल जाता। इन Ghost writers को कहानी से कोई मतलब नहीं था। ये तो बस नाम बेच रहे थे और बेच दी उपन्यास इंडस्ट्री ।
केशव पण्डित का आधार बना कर इतने केशव पण्डित पैदा हो गये जितने की केशव पण्डित के उपन्यास के पृष्ठ भी नहीं थे।
एक नजर देखिए- केशव पण्डित, केशव पाण्डेय, केशव शर्मा, केशव पाण्डे, केशव पारीक, केशव...केशव..केशव...
और फिर तो हद हो गयी केशव की पत्नी, पुत्र, असिस्टेंट और यहाँ तक की केशव पण्डित का जो नकली केशव पण्डित के उपन्यासों का ड्राइवर था उसी के नाम से उपन्यास तक बाजार में आ गये
इसी प्रकार का एक नकली केशव शर्मा था।
  हद तो तब हो गयी जब स्वयं वेदप्रकाश शर्मा को भी एक नकली केशव शर्मा बाजार में उतारना पड़ा।


वेदप्रकाश शर्मा का एक पात्र था 'केशव पण्डित' इस पात्र ने इतनी प्रसिद्ध पात्र की थी की जासूसी उपन्यास जगत में असंख्य केशव पण्डित पैदा हो गये।
   कमाल की बात तो ये है की स्वयं वेदप्रकाश शर्मा की तत्कालीन प्रकाशन संस्था 'तुलसी पॉकेट बुक्स' को भी एक घोस्ट राइटर 'केशव शर्मा' के नाम से बाजार में उतारना पड़ा।


जिसे बाद में 'तुलसी साहित्य पब्लिकेशन' प्रकाशित करती रही ।


केशव शर्मा के उपन्यास
1. केशव करेगा इंसाफ
2. माँ लाल है केशव
3. केशव पण्डित का मायाजाल
4. कानून मांगे इंसाफ
5. केशव पण्डित का कानून
6. फिर आया कानून का बेटा

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 लोकप्रिय उपन्यास साहित्य को समर्पित मेरा एक ब्लॉग है 'साहित्य देश'। साहित्य देश और साहित्य हेतु लम्बे समय से एक विचार था उपन्यासकार...