विशाल नामक उपन्यासकार के विषय में अभी तक कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं हो पायी।
विशाल के उपन्यास
1. वह देवी थी (सुबोध पॉकेट बुक्स)
विशाल नामक उपन्यासकार के विषय में अभी तक कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं हो पायी।
विशाल के उपन्यास
1. वह देवी थी (सुबोध पॉकेट बुक्स)
कुसुम गुप्ता के विषय में अभी तक कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं हो पायी। प्राप्त जानकारी अनुसार कुसुम गुप्ता जी के उपन्यास 'सुबोध पॉकेट बुक्स, दिल्ली' से प्रकाशित होते थे।
कुसुम गुप्ता के उपन्यास
लोकप्रिय सामाजिक उपन्यासों में प्यारे लाल 'आवारा' का नाम चर्चित रहा है। इलाहाबाद निवासी प्यारे लाल 'आवारा' ने अपने लेखन की शुरुआत कुशवाहा कांत के सानिध्य में चिनगारी प्रकाशन के अन्तर्गत की थी।
चिनगारी प्रकाशन से प्यारे लाल 'आवारा' का प्रथम उपन्यास 'राज-रानी' प्रकाशित हुआ था। सन् 1957 में प्यारे लाल 'आवारा' ने स्वयं का 'रूपसी प्रकाशन' आरम्भ किया किसके अंतर्गत स्वयं के और अन्य लेखकों के उपन्यास प्रकाशित होते रहे।
रूपसी एक मासिक पत्रिका थी। जिसमें उपन्यास प्रकाशित होते थे।
प्यारे लाल आवारा के उपन्यास
1. पगडंडी
2. अँगङाई
3. जाङे की रात
4. अनारकली
5. सबेरा (सवेरा)
6. धङकन
7. खण्डहर
8. भँवर
9. घायल
10. सुखे पत्ते
11. शबनम
12. हमारी गलियां
13. अमावस
14. मोहमाया
15. पायल
16. सोलह अगस्त
17. मुमताज
18. पीली कोठी
19. रोते नैना
हिंदी लोकप्रिय उपन्यास जगत के एक जगमगाते सितारे थे कुशवाहा कांत। लेकिन यह सितारा असमय ही पाठकों को अलविदा कह गया।
कुशवाहा ने कुल 35 उपन्यास लिखे थे।
कुशवाहा कांत के पश्चात इनकी पत्नी गीतारानी ने भी लेखन क्षेत्र में हाथ आजमाया।
कुशवाहा कांत के छोटे भाई जयंत कुशवाहा भी उपन्यास लेखक थे।
जयंत कुशवाहा के पुत्र सजल कुशवाहा ने भी सामाजिक और जासूसी दोनों तरह के उपन्यास लिखे थे।
हालांकि गीतारानी कुशवाहा, जयंत कुशवाहा और सजल कुशवाहा के उपन्यासों की संख्या का कोई पता नहीं की इन्होंने कितने उपन्यास लिखे।
लेकिन कुशवाहा कांत के उपन्यासों के साथ- साथ जयंत कुशवाहा के उपन्यास भी पाठकों के पास आज भी उपलब्ध हैं।
कुशवाहा परिवार एक ऐसा परिवार है जिसने उपन्यास जगत को चार उपन्यास लेखक दिये।
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श्रेष्ठ सामाजिक उपन्यासकार कुशवाहा कांत के बाद उनकी पत्नी भी लेखन क्षेत्र में आयी।
हालांकि उनके द्वारा लिखे गये उपन्यासों की पूर्ण जानकारी तो उपलब्ध नहीं है।
गीतारानी कुशवाहा के उपन्यास
लोकप्रिय उपन्यास जगत में राजभारती का एक अलग ही स्थान है।
उनके हाॅरर उपन्यास पाठकों को काफी पसंद आते थे।
राज भारती के कुछ उपन्यास
अव्यवस्थित क्रम से।
मौत ही मौत (पवन पॉकेट बुक्स)
काली बस्ती काले लोग (पवन पॉकेट बुक्स)
काला सूरज- सागर सीरिज ( दुर्गा पॉकेट बुक्स)
नीली आँखों वाली लङकी( पवन पॉकेट बुक्स)
नवाब मर्डर केस (डायमंड पॉकेट बुक्स)
राज भारती-
महाशक्ति- पच्चीसवां उपन्यास (शिवा पॉकेट बुक्स)
रवि पॉकेट बुक्स-
1. स्वाहा
2. लंगङा प्रेत
3. अनहोनी
4. सर्पहार
5. पिशाच कन्या
6.
पवन पॉकेट बुक्स
1. नीली आँखों वाली लङकी (सागर सीरिज)
2. मौत ही मौत
डायमंड पॉकेट बुक्स
1. मौत की परछाइया
2. खून की होली
3 नवाब मर्डर केस
5 गोली तेरे नाम की
5 मौत का खेल
6 मुट्ठी भर बारूद
7. कानून अंधा नहीं
8. कमांङो (कमांडो शिव सीरिज)
9. सिरफिरे
10. रक्त तिलक
11. प्यासे खून के
12. मासूम हत्यारा
13. कातिलों के कातिल
14. कागज की लंका
15. कहर खुदा का (समीर साहनी सीरिज)
16. अंगारों का नाच
17. लो मौत मुस्कुराई
18. घेराबंदी
19. धुएं की दीवार
20. एक कटोरा खून
21. मन के काले
22. खून की होली
23. और कत्ल हो गया (समीर साहनी सीरिज)
24. नवाब मर्डर केस
25. दगाबाज
26. कोहराम
27. नफरत की आंधी
28. जान हथेली पर
29. प्रेत सुंदरी
30.
31.
लेखक का पता:-
B-118, वेस्टपटेल नगर
न ई दिल्ली- 110008
खून की होली- राज भारती, संग्राम सीरीज |
लोकप्रिय उपन्यास साहित्य को समर्पित मेरा एक ब्लॉग है 'साहित्य देश'। साहित्य देश और साहित्य हेतु लम्बे समय से एक विचार था उपन्यासकार...