यादें वेदप्रकाश शर्मा जी की - 14
प्रस्तुति योगेश मित्तल
"ऐसी क्या मुसीबत आ गई कि मुझे बुलाने के लिए आपको मेरठ आना पड़ा?" मैंने राजेन्द्र भूषण जैन से पूछा तो वह बोले -"मुझे क्या पता, मुझसे तो गौरीशंकर जी ने रिक्वेस्ट की थी कि जैन साहब, योगेश मेरठ में कहीं होगा, उसके घर पर पता करवाया था, दिल्ली में तो वह है नहीं। आप मेरठ जाकर उसे पकड़ कर लाओ, जो भी खर्चा होगा, आपको हम देंगे।"
"काम नहीं बताया उन्होंने।" - मैंने पूछा!
"मैंने पूछा नहीं, उन्होंने बताया नहीं। पिछली बार राज कुमार गुप्ता जी ने भेजा था, तब भी हमने कोई सवाल नहीं किया था।" राजेन्द्र भूषण बोले।
मैं सोचने लगा, क्या करूँ? दिल्ली जाऊँ या नहीं?
मेरठ की मेरी यादों में, दिल्ली से मुझे बुलाने के लिए प्रकाशकों द्वारा किसी को मेरठ भेजने की घटनाएँ तीन बार हुई है। दो बार मनोज पाकेट बुक्स से - एक बार राजकुमार गुप्ता द्वारा तथा एक बार गौरीशंकर गुप्ता द्वारा राजेन्द्र भूषण जैन को मेरठ भेजा गया और एक बार विजय पाकेट बुक्स का मैसेज लेकर टूरिंग एजेन्ट इन्द्र मेरठ आये थे।
"ऐसी क्या मुसीबत आ गई कि मुझे बुलाने के लिए आपको मेरठ आना पड़ा?" मैंने राजेन्द्र भूषण जैन से पूछा तो वह बोले -"मुझे क्या पता, मुझसे तो गौरीशंकर जी ने रिक्वेस्ट की थी कि जैन साहब, योगेश मेरठ में कहीं होगा, उसके घर पर पता करवाया था, दिल्ली में तो वह है नहीं। आप मेरठ जाकर उसे पकड़ कर लाओ, जो भी खर्चा होगा, आपको हम देंगे।"
वेदप्रकाश शर्मा जी |
"मैंने पूछा नहीं, उन्होंने बताया नहीं। पिछली बार राज कुमार गुप्ता जी ने भेजा था, तब भी हमने कोई सवाल नहीं किया था।" राजेन्द्र भूषण बोले।
मैं सोचने लगा, क्या करूँ? दिल्ली जाऊँ या नहीं?
मेरठ की मेरी यादों में, दिल्ली से मुझे बुलाने के लिए प्रकाशकों द्वारा किसी को मेरठ भेजने की घटनाएँ तीन बार हुई है। दो बार मनोज पाकेट बुक्स से - एक बार राजकुमार गुप्ता द्वारा तथा एक बार गौरीशंकर गुप्ता द्वारा राजेन्द्र भूषण जैन को मेरठ भेजा गया और एक बार विजय पाकेट बुक्स का मैसेज लेकर टूरिंग एजेन्ट इन्द्र मेरठ आये थे।