साक्षात्कार शृंखला-05
साक्षात्कार की पांचवी किस्त में प्रस्तुत है सामाजिक उपन्यास सुरेश चौधरी से हुयी बातचीत
सुरेश चौधरी जी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पेशे से वकील हैं लेकिन साहित्य प्रेमी भी हैं। इनके अब तक तीन सामाजिक उपन्यास 'खाली आँचल-2005, 'अहसास'-2015 और 'प्रतिशोध'-2019 प्रकाशित हो चुके हैं।
साक्षात्कार की इस शृंखला में हम सुरेश चौधरी जी से हुयी चर्चा को यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. सुरेश जी, सर्वप्रथम पाठकवर्ग के लिए आप अपना परिचय दीजिएगा, फिर साक्षात्कार आगे बढाते हैं।
- मेरा नाम सुरेश वर्मा है, लेकिन लेखन का नाम सुरेश चौधरी है। मैं उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ।
पहले मैं सरकारी जाॅब करता था, लेकिन सन् 2005 में रिटायरमेंट लेकर वकालत में आ गया, और लेखन कार्य भी करने लगा।
2. आप किस तरह का साहित्य पढना ज्यादा पसंद करते हैं? आपकी पसंद के लेखक या रचनाएँ?
- मैं सामाजिक साहित्य पढ्ना पसंद करता हूँ। मेरी पसंद के लेखक है, मुन्शी प्रेमचंद जी व मुल्कराज आनन्द। मुल्कराज आनन्द का उपन्यास 'अनटचेबल' मुझे बहुत अच्छा लगा।
मुन्शी प्रेमचंद जी की सभी रचनाएँ बहुत ही सुन्दर है।
3. आपका लेखन क्षेत्र में आने का मानस कैसे बना?
- लेखन का कार्य शोध के समय से ही मेरे मन में था।
4. शोध किस तरह का?
- मित्र मेरे द्वारा political science में संविधान में दियें गये अधिकार टाॅपिक पर शोध किया गया था।
5. आपके अब तक तीन उपन्यास आये हैं और इनके विषय में कम शब्दों में कुछ कहना चाहेंगे?
- अब तक प्रकाशित मेरे तीनों उपन्यास प्रेम प्यार व समाज में आम आदमी के लिए आने वाली विपदाओं पर आधारित है।
6. वर्तमान सोशल मीडिया के दौर में आप किताबों की दुनियां को कैसा देखते हैं? - वर्तमान में तमाम साहित्य सोशल मीडिया पर टिककर रह गया है। सोशल मीडिया जिस लेखक को उठाना चाहे उठा देता है और जिस लेखक को गिराना चाहे आगे आप स्वयम जानतें हैं।
7. क्या सामाजिक उपन्यासों के पाठक आज भी सक्रिय हैं?
- आजकल के जो पाठकगण हकीकत की दुनिया में जीना चाहते हैं वे पाठक अवश्य ही सामाजिक उपन्यास पढते हैं ।
8. प्रथम उपन्यास (खाली आँचल-2005) प्रकाशन के पश्चात, उपन्यास पाठकों की क्या प्रतिक्रिया रही और आपने कैसा महसूस किया?
- मित्र मेरे पहले उपन्यास पर सभी पाठकों के द्वारा दिया गया रिस्पोंस बहुत ही अच्छा रहा, और मेरे विचार से भी मेरा पहला उपन्यास 'खाली आँचल' बहुत-बहुत उत्तम है।
पाठकों के द्वारा दिए गए रिस्पोंस से मेरा उत्साह चार गुना हो गया, इसीलिए आगे लिखना शुरू किया।
9. आपके अब तक तीन उपन्यास आ गये हैं, कैसा महसूस करते हैं?
- अभी मंजिल छूना शेष है। अगर आप जैसे मित्रों का साथ बना रहा तो एक दिन कामयाबी अवश्य मिलेगी।
10. उपन्यास के कथानक का विचार आपने मन में कैसे आता है?
- कथानक का विचार भगवान का आशीर्वाद एवम् आप जैसे मित्रों की दुआओं का असर है। बाकी कहानियाँ तो परिवेश से प्राप्त होती हैं।
11. पाठकों के लिए कुछ कहना चाहेंगे?
- पाठकगण मेरे लिए भगवान से कम नहीं है सदैव मुझे इसी तरह से प्यार देते रहें, यही कामना है मेरी।
12. 'साहित्य देश ब्लॉग' के लिए कोई दो शब्द?
- साहित्य देश ब्लाग हम जैसे आधे, अधूरे लेखकों के लिए जमीन से आसमान का कार्य करता है मैं इस प्रकार के ब्लाग का सम्मान करता हूँ। आपको यह साक्षात्कार कैसा लगा अपने विचार अवश्य शेयर करें।
सुरेश चौधरी जी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पेशे से वकील हैं लेकिन साहित्य प्रेमी भी हैं। इनके अब तक तीन सामाजिक उपन्यास 'खाली आँचल-2005, 'अहसास'-2015 और 'प्रतिशोध'-2019 प्रकाशित हो चुके हैं।
साक्षात्कार की इस शृंखला में हम सुरेश चौधरी जी से हुयी चर्चा को यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. सुरेश जी, सर्वप्रथम पाठकवर्ग के लिए आप अपना परिचय दीजिएगा, फिर साक्षात्कार आगे बढाते हैं।
- मेरा नाम सुरेश वर्मा है, लेकिन लेखन का नाम सुरेश चौधरी है। मैं उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ।
पहले मैं सरकारी जाॅब करता था, लेकिन सन् 2005 में रिटायरमेंट लेकर वकालत में आ गया, और लेखन कार्य भी करने लगा।
2. आप किस तरह का साहित्य पढना ज्यादा पसंद करते हैं? आपकी पसंद के लेखक या रचनाएँ?
- मैं सामाजिक साहित्य पढ्ना पसंद करता हूँ। मेरी पसंद के लेखक है, मुन्शी प्रेमचंद जी व मुल्कराज आनन्द। मुल्कराज आनन्द का उपन्यास 'अनटचेबल' मुझे बहुत अच्छा लगा।
मुन्शी प्रेमचंद जी की सभी रचनाएँ बहुत ही सुन्दर है।
3. आपका लेखन क्षेत्र में आने का मानस कैसे बना?
- लेखन का कार्य शोध के समय से ही मेरे मन में था।
4. शोध किस तरह का?
- मित्र मेरे द्वारा political science में संविधान में दियें गये अधिकार टाॅपिक पर शोध किया गया था।
5. आपके अब तक तीन उपन्यास आये हैं और इनके विषय में कम शब्दों में कुछ कहना चाहेंगे?
- अब तक प्रकाशित मेरे तीनों उपन्यास प्रेम प्यार व समाज में आम आदमी के लिए आने वाली विपदाओं पर आधारित है।
6. वर्तमान सोशल मीडिया के दौर में आप किताबों की दुनियां को कैसा देखते हैं? - वर्तमान में तमाम साहित्य सोशल मीडिया पर टिककर रह गया है। सोशल मीडिया जिस लेखक को उठाना चाहे उठा देता है और जिस लेखक को गिराना चाहे आगे आप स्वयम जानतें हैं।
7. क्या सामाजिक उपन्यासों के पाठक आज भी सक्रिय हैं?
- आजकल के जो पाठकगण हकीकत की दुनिया में जीना चाहते हैं वे पाठक अवश्य ही सामाजिक उपन्यास पढते हैं ।
8. प्रथम उपन्यास (खाली आँचल-2005) प्रकाशन के पश्चात, उपन्यास पाठकों की क्या प्रतिक्रिया रही और आपने कैसा महसूस किया?
- मित्र मेरे पहले उपन्यास पर सभी पाठकों के द्वारा दिया गया रिस्पोंस बहुत ही अच्छा रहा, और मेरे विचार से भी मेरा पहला उपन्यास 'खाली आँचल' बहुत-बहुत उत्तम है।
पाठकों के द्वारा दिए गए रिस्पोंस से मेरा उत्साह चार गुना हो गया, इसीलिए आगे लिखना शुरू किया।
9. आपके अब तक तीन उपन्यास आ गये हैं, कैसा महसूस करते हैं?
- अभी मंजिल छूना शेष है। अगर आप जैसे मित्रों का साथ बना रहा तो एक दिन कामयाबी अवश्य मिलेगी।
10. उपन्यास के कथानक का विचार आपने मन में कैसे आता है?
- कथानक का विचार भगवान का आशीर्वाद एवम् आप जैसे मित्रों की दुआओं का असर है। बाकी कहानियाँ तो परिवेश से प्राप्त होती हैं।
11. पाठकों के लिए कुछ कहना चाहेंगे?
- पाठकगण मेरे लिए भगवान से कम नहीं है सदैव मुझे इसी तरह से प्यार देते रहें, यही कामना है मेरी।
12. 'साहित्य देश ब्लॉग' के लिए कोई दो शब्द?
- साहित्य देश ब्लाग हम जैसे आधे, अधूरे लेखकों के लिए जमीन से आसमान का कार्य करता है मैं इस प्रकार के ब्लाग का सम्मान करता हूँ। आपको यह साक्षात्कार कैसा लगा अपने विचार अवश्य शेयर करें।
लेखक का परिचय इस लिंक पर उपलब्ध है-
गुरप्रीत सर आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं । हम सब आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंबढ़िया पहल
जवाब देंहटाएंरोचक साक्षात्कार। सुरेश जी की यह किताबें किधर उपलब्ध होंगी यह जानकारी भी दी होती तो अच्छा रहता।
जवाब देंहटाएंआपका साक्षात्कार पढ़कर बहुत अच्छा लगा. आपके उपन्यास बेहद पसंद किये जा रहे हैं. उम्मीद है आगे भी हमें आपके बेहतरीन उपन्यास पढ़ने को मिलते रहेंगे. इस शानदार साक्षात्कार को उपलब्ध कराने के लिए गुरप्रीत भाई का आभार.
जवाब देंहटाएंबढ़िया साक्षात्कार। सुरेश जी और गुरप्रीत जी को बधाई।
जवाब देंहटाएंGood
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