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रविवार, 25 फ़रवरी 2024

क्रमांक वाले कुछ रोचक शीर्षक

साहित्य देश के 'शीर्षक स्तम्भ' के अंतर्गत इस अंक में प्रस्तुत है कुछ ऐसे शीर्षक जो क्रमवार हैं। 
उपन्यास साहित्य में एक समय था जब इस तरह के उपन्यास चैलेंज रूप में भी लिखे जाते थे।
  जब बिमल चटर्जी जी ने धुंआ सीरीज लिखी तो चैलेंज स्वरूप कर्नल सुरेश (रितुराज जी) ने धुंध सीरीज लिखी थी।
यहाँ प्रस्तुत है कुछ ऐसे रोचक शीर्षक, जिनमें उपन्यास एक विशेष क्रम में हैं।
परशुराम शर्मा - पहली छाया, दूसरी छाया, तीसरी छाया, नर्क की छाया
परशुराम शर्मा- पहला चोर, दूसरा चोर, तीसरा चोर,पृथ्वी के चोर
परशुराम शर्मा- पहला बवण्डर, दूसरा बवण्डर, तीसरा बवण्डर, बवण्डर की ज्वाला
अनिल मोहन- पहली चोट, दूसरी चोट, तीसरी चोट, महामाया की माया
बिमल चटर्जी- पहली चोट, दूसरी चोट, तीसरी चोट, चोट पर चोट
बिमल चटर्जी- पहला शैतान, दूसरा शैतान, तीसरा शैतान, शैतानों का बादशाह
वेदप्रकाश शर्मा- पहली क्रांति, दूसरी क्रांति, तीसरी क्रांति, क्रांति का देवता
श्याम तिवारी - पहला तिलिस्म, दूसरा तिलिस्म, तीसरा तिलिस्म, तिलिस्म का बादशाह
कुमार मनेष- पहला हैवान, दूसरा हैवान, तीसरा हैवान, हैवानों का शहंशाह
एच.इकबाल(सोमदत्त शर्मा)- पहला कत्ल,दूसरा कत्ल, कत्ल की रात, कत्ल ही कत्ल (विनय प्रकशन)
अम्बरीश कश्यप- बाजीगर सीरीज

पहला धुंआ
पहली धुंध
- वेदप्रकाश शर्मा जी का सौवां उपन्यास- कैदी नम्बर 100
- कंवल शर्मा के क्रमशः उपन्यास- वन शाॅट, सैकण्ड चांस, टेक थ्री

शनिवार, 17 फ़रवरी 2024

शलभ - उपन्यास अंश

उपन्यास जगत में तहलका मचा देने वाले
उपन्यासकार शलभ 
के पांच महान उपन्यास

प्यासी
यह कहानी है एक ऐसी औरत की, जो औरत होते हुए भी औरत नहीं थी। जिसकी अधूरी प्यास ने उसे कहां से कहां पहुंचा दिया और वह अपनी प्यास के लिये पतन के गहरे गर्त में गिरती ही चली गई परन्तु क्या उसकी अनबुझ प्यास बुझ सकी ? कैसी प्यास थी वह ?... एक अपूर्ण औरत की दिलचस्प कहानी ।
इन्तकाम
यह इन्तकाम की आग में जलते हुए एक ऐसे युवक की सनसनी खेज गाथा है, जिसने एक हरे-भरे परिवार को तबाह कर दिया ! 
इन्तकाम दो ऐसी युतियों को दर्दनाक गाथा है, जिन्हें परिस्थितियों ने एक विचित्र मोड़ पर ला खड़ा किया। 
एक ऐसे बाप की कहानी है जिसने ...बाप ने इन्तकाम लेने के लिये बेटी और उसके पति की हत्या का इरादा करके भी आत्महत्या कर ली...! 
क्यों ? ...
रहस्य और सनसनी खेज घटनाओं से भरा कथानक ।
चितचोर
यह एक ऐसे युवक की कहानी है जो प्यार का देवता था। जिसने अपनी पत्नी का हर अपराध हंसकर क्षमा कर दिया, किन्तु उसकी पत्नी उसके विश्वास को छलती रही और एक ऐसे गैर पुरुष की बांहों में झूलती रही, जिसकी शक्ल भी उसने नहीं देखी और जब उजाले में एक दिन  शक्ल देखी तो वह चीख उठी ! 
और उसकी हत्या कर दी।
विश्वास
यह है एक युवताइ की आंसू भरी गाथा... जो अपने प्यार को पाकर भी उसे छू नहीं सकती थी। यह चित्रण है भाई-बहन के पावन रिश्ते का और समाज में होने वाले अत्याचारों ओर जुल्मों का । अविश्वास और विश्वास के ताने-बाने में बुना शलभ का एक महान यादगार उपन्यास ।
उपासना
यह उपन्यास है 'शलभ' को लेखनी से बनी एक तस्वीर जो समाज में बिखरे दर्दो... आंसुओं और नफरत का सजीव चित्रण करती है।

और इनके बाद शलभ का आगामी आकर्षण है-
रहस्य, रोमांच, प्यार, नफरत, आंतू और दर्दो से भरी रचना-
जलन
प्रभात पाकेट बुक्स ३३ हरीनगर, मेरठ-२

शलभ उपन्यासकार

नाम- शलभ
प्रकाशन- प्रभात पॉकेट बुक्स

मेरठ कभी उपन्यास साहित्य का मुख्य केन्द्र था। मेरठ से जितने उपन्यास प्रकाशित होते थे, उनमें से अधिकांश छद्म लेखक थे।
 हर प्रकाशन ने अपना -अपना छद्म लेखक(Ghost writer) तैयार कर रखा था।
 इसी क्रम में एक नाम आता है- शलभ।
 शलभ के विषय में कोई ज्यादा और विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है।

शलभ के उपन्यास

  1. प्यासी
  2. इंतकाम
  3. चितचोर
  4. विश्वास 
  5. उपासना
  6. जलन

बुधवार, 7 फ़रवरी 2024

दिनेश ठाकुर उपन्यास पोस्टर

 हिंदी उपन्यास साहित्य में रीमा भारती के जनक दिनेश ठाकुर ने अत्यंत लोकप्रियता प्राप्त की थी। 
यहाँ उपन्यास पोस्टर शृंखला में प्रस्तुत है
दिनेश ठाकुर उपन्यास पोस्टर




विनय प्रभाकर उपन्यास पोस्टर

 विनय प्रभाकर उपन्यास पोस्टर



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 लोकप्रिय उपन्यास साहित्य को समर्पित मेरा एक ब्लॉग है 'साहित्य देश'। साहित्य देश और साहित्य हेतु लम्बे समय से एक विचार था उपन्यासकार...