साहित्य देश साक्षात्कार की इस शृंखला में इस बार लेकर आया है युवा उपन्यासकार विजय कुमार बोहरा जी का साक्षात्कार। यह विजय कुमार जी का प्रथम साक्षात्कार है।
विजय जी अपने प्रथम उपन्यास मर्डर ऑन वैलेंटाइन नाईट के कारण काफी चर्चा में रहे हैं।
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विजय कुमार बोहरा जी अपने प्रथम उपन्यास के साथ |
1. विजय जी, सर्वप्रथम हम आपका परिचय जानना चाहेंगे।- जन्म, शिक्षा, वर्तमान स्थिति आदि।
- मेरा जन्म 31 जनवरी , 1988 को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित बेगूं कस्बे में हुआ। स्नातक तक की शिक्षा यहीं हुई।
2. आपका साहित्य की तरफ झुकाव कैसे हुआ?
- बचपन में चम्पक पत्रिका पढ़ने को मिली। कहानियों में मेरी रुचि इस पत्रिका में छपने वाले रंग - बिरंगे चित्रों को देखकर जाग्रत हुई। इसके बाद तो बस हर तरह की किताबें पढ़ने लगा। हालाँकि अपने पारिवारिक वातावरण की वजह से कॉमिक्स और उपन्यासों तक पहुंच मेरे लिए काफी मुश्किल थी। फिर बचा गंभीर साहित्य, ...तो 15 - 16 की आयु में गंभीर साहित्य की ओर रुचि होने का मेरे पास कोई कारण नहीं था। इसी बीच रामचरितमानस और कुछ पुराण हाथ लगे। जल्द ही मैं समझ गया कि इनमें बहुत ही रोचक कहानियां हैं। इस तरह बाल साहित्य के बाद मेरी रुचि आध्यात्मिक साहित्य में हुई। फिर जब कॉलेज पहुँचा और वहाँ की लाइब्रेरी देखी तो जैसे खज़ाना हाथ लग गया, बाल साहित्य तो वहाँ था नहीं, किन्तु बाकी बहुत तरह की किताबें थी। गंभीर साहित्य, विश्व की श्रेष्ठ कृतियों के साथ ही संस्कृत के कुछ नाटकों के हिन्दी अनुवाद, सेल्फ- हेल्प बुक्स - इन सबसे न केवल पहली बार परिचित हुआ, बल्कि इनमें कभी खत्म न होने वाली रूचि भी जागृत हुई। इन किताबों में न केवल कहानियां थी, बल्कि वे भावनाएं भी कूट कूटकर भरी हुई थी, जिनको महसूस करने के लिए मैं कठिन से कठिन पुस्तक भी पढ़ने के लिए तैयार हो जाता।
3. आप अध्यापक हैं, गंभीर साहित्य में रुचि आपकी, फिर लेखन में आपने लोकप्रिय जासूसी साहित्य कैसे चुना?