लेबल

मंगलवार, 23 मई 2023

नये उपन्यास - may-2023

सूरज पॉकेट बुक्स के तीन नये उपन्यास
इंतजार अब खत्म हुआ 🎉🎉
पुस्तकें अब सूरज की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं आज ही अपनी प्रतियां सुरक्षित कीजिए !!
पुस्तक विवरण :-

1. 7 जुलाई की रात (लेखक : विकास सी. एस. झा )

‘ड्रीम हाउस’ टेलीविजन की दुनियां का एक बेहद चर्चित रियलिटी शो था जहां 7 जुलाई की रात को शो के ग्रैंड फिनाले के दौरान शो की एक कंटेस्टेंट गीता भसीन की लाश ड्रीम हाउस के सेट से महज कुछ दूर पर ही पड़ी मिली थी। लोकल थाने ने लड़की की मौत को आत्महत्या करार दिया था मगर एक बार जब क्राइम ब्रांच ऑफिसर चंद्रशेखर त्यागी के कदम मौका-ए-वारदात पर पड़े तो तफ्तीश ने एक नया ही रुख अख्तियार कर लिया।
आत्महत्या के बेहद साधारण से लगने वाले इस केस ने एक बार तो त्यागी जैसे ऑफिसर को भी हैरान-परेशान कर डाला था। तफ्तीश के दौरान त्यागी के कदम जहां भी पड़े उसका सामना किसी-न-किसी लाश के साथ ही हुआ।
क्या ये वाकई एक आत्महत्या का मामला था या फिर कुछ और ही बात थी ?
एक सिलसिलेवार ढंग से हुई इन चार हत्याओं के पीछे की सच्चाई क्या थी ? जानने के लिए पढ़िए सी.एस.टी. सीरीज की नई किताब “सात जुलाई की रात”

रविवार, 14 मई 2023

पंकज उपन्यास सूची

 नाम- पंकज
प्रकाशक- नूतन पॉकेट बुक्स, मेरठ
श्रेणी- सामाजिक उपन्यासकार, Ghost writer

मेरठ से प्रकाशित होने वाले Ghost writer में एक नाम और पता चला है और वह नाम है - पंकज।

   पंकज एक सामाजिक उपन्यासकार हैं और इनके उपन्यास नूतन पॉकेट बुक्स,मेरठ से प्रकाशित होते रहे हैं। हालांकि इनके विषय में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। 


पंकज के उपन्यास

  1. फैसला
  2. बेकसूर
  3. दर्द की छांव
  4. सुहानी शाम
  5. वचन
  6. पायल
  7. प्यासी जोगन
  8. आइना
  9. ममता




गोपालराम गहमरी

नाम- गोपालराम गहमरी 
जन्म- 1866, 
निधन- 1946
विशेष
- लगभग दो सौ उपन्यास की रचना।
- हिंदी कथा साहित्य में जासूसी साहित्य का आरम्भ कर्ता

हिंदी साहित्य और पत्रकारिता के विकास में गोपालराम गहमरी का अतुलनीय और अविस्मरणीय योगदान है। हिंदी को जन-जन तक पहुँचाने के लिए कविताएँ लिखीं, उपन्यास लिखे, उपन्यासों का अनुवाद किया, नाटक लिखे, हास्य-व्यंग्य लिखे, पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया, रिपोर्टें लिखीं, रिपोर्ताज लिखे। अपने गाँव गहमर से 'जासूस' नामक मासिक पत्र का संपादन और प्रकाशन किया। हिंदी में जासूस शब्द के प्रचलन की शुरुआत की।
'जासूस' का पहला अंक बाबू अमीर सिंह के हरिप्रकाश प्रेस से छपकर आया और पहले ही महीने में वी. पी.पी. से पौने दो सौ रुपए की प्राप्ति हुई। इसने अपने प्रवेशांक से ही लोकप्रियता की सारी हदों को पार करते हुए शिखर को छू लिया था। इसकी अपार लोकप्रियता को देखकर गोपालराम गहमरी जब जासूसी ढंग की कहानियों और उपन्यासों के लेखन की ओर प्रवृत्त हुए फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और न इसकी परवाह की कि साहित्य के तथाकथित अध्येता उनके बारे में क्या राय रखते हैं। गहमरी जी अपनी रचनाओं में पाठकों की रुचि का विशेष ध्यान रखते थे कि वे किस तरह की सामग्री पसंद करते हैं।

रविवार, 7 मई 2023

गोपाल- उपन्यास सूची

नाम- गोपाल

प्रकाशक- संगीता पॉकेट बुक्स, मेरठ
  उपन्यास जगत की Ghost writing में एक और नाम मिलता है- गोपाल।
  गोपाल के उपन्यास संगीता पॉकेट बुक्स मेरठ से प्रकाशित हुये हैं।

गोपाल के उपन्यास
1. सिंदूर गया हार
2. तुम वो नहीं



शनिवार, 6 मई 2023

निराली थी उपन्यासों‌ की दुनिया- प्रदीप पालीवाल

 बिमल चटर्जी...चन्दर...वेद प्रकाश काम्बोज...जनप्रिय लेखक 'ओम प्रकाश शर्मा'...

निराली थी...इन 'उपन्यासों' की दुनिया... 

मैंने जब अपनी 'बुक स्टॉल' संभाली...मैं इनके बारे में 'ABC...D' भी नहीं जानता था... 

'मजरूह' (  सुल्तानपुरी ) साहब के शब्द उधार लेना चाहूँगा...कि -

...  

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर 

लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया...



इन उपन्यासों के बारे में 'साहित्य' के लोगों की राय अच्छी नहीं थी. आज भी नहीं है...वे इसे 'पल्प फिक्शन' ( लुगदी साहित्य ) कहकर लगभग 'पाक़िस्तान' भेजने की बात करते थे...उनका मानना था कि 'ये पुस्तकें बच्चों को बिगाड़ती हैं...' 

ऐसे में मेरी मुलाक़ात होती है वन एण्ड ओनली...जनप्रिय लेखक 'ओम प्रकाश शर्मा'...जी से...

देखते ही देखते साहित्य ( प्रेमचंद...राही मासूम रज़ा ( 'मिली' फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का पुरस्कार प्राप्त करने वाले...) का प्रेमी #प्रदीप_इटावा_वाला 'शर्मा' जी के अपनी ही दुकान #पालीवाल_बुक_सेण्टर पर उपलब्ध सभी उपन्यास पढ़ गया...मुझे तो वे कहीं से भी 'बच्चों' को बिगाड़ने वाले नहीं लगे...  

'ओम प्रकाश शर्मा'.जी...अपने नाम के आगे 'जनप्रिय लेखक' क्यों लगाते थे ?

जनप्रिय लेखक 'ओम प्रकाश शर्मा' जी...'विक्रांत'...सीरीज़ के 'ट्रेड' नाम वाले लेखक 'ओम प्रकाश शर्मा' जी ( ? ) से कैसे अलग थे...?

कहानी बहुत लम्बी है...मेरे 'सीने' में इन उपन्यासों को 'पल्प फिक्शन' की गाली देकर 'पुकारने' वालों के प्रति 'शिकायत' दफ़न है...विशाल अनुभव और अध्ययन तो है ही...

नीचे कुछ कोट कर रहा हूँ... 

"मैंने उससे दुबारा मेरठ जाने पर पूछा, ''प्रेमचंद और शरतचंद के बीच तुम किसे महान समझते हो ?''

मैंने सोचा कि वही रटा रटाया उत्तर कि दोनों. पर मैं स्वयं तनिक स्तब्ध रह गया, उसका उत्तर सुनकर. उसने कहा प्रेमचंद को ध्यान से पढ़ोगे तो जानोगे कि वह एक ऐसा कायस्थ था जिसका संपूर्ण साहित्य ब्राह्मण विरोधी था जबकि ब्रिटिश युग में ब्राह्मण भी साधारण प्रजा था. आज तो कुछ है ही नहीं.''

...ये किससे मुलाक़ात की 'चर्चा' थी ?

कौन था...जो...बातचीत में तुम...उसका...उसने...जैसे 'आत्मीय' संबोधन यूज़ कर रहा था...?

ये थे...ये तो बाद में बताऊंगा...वो भी यदि मौक़ा लगा... 

लेकिन प्रेमचंद जी को... ब्राह्मण विरोधी बताने वाले थे... 

वन एण्ड ओनली...जनप्रिय लेखक 'ओम प्रकाश शर्मा'...जी !

राजेश,जगत,जगन,बन्दूक सिंह जैसे 'यादगार' चरित्र को लेकर 'सीरीज़' लिखने वाले दिवंगत 'शर्मा' जी के...दो जासूसी उपन्यासों ( 'एक नवाब पन्द्रह चोर' और  'सुधाकर हत्याकांड' )  का मुख्य पृष्ठ निम्न में शामिल है... 

शुरुआत में ही... 

शामे-अवध अवश्य प्रसिद्ध है । 

परन्तु अवध की दोपहर...जून का महीना ।

चुंबक की तरह 'जकड़' लेने वाले...शर्मा जी...उनके पढ़े उपन्यास बहुत याद आते हैं... 

आमीन... 

लेकिन दुःखी मन से... 

#प्रदीप_इटावा_वाला 

( 9761453660 )

Featured Post

मेरठ उपन्यास यात्रा-01

 लोकप्रिय उपन्यास साहित्य को समर्पित मेरा एक ब्लॉग है 'साहित्य देश'। साहित्य देश और साहित्य हेतु लम्बे समय से एक विचार था उपन्यासकार...