विश्व पुस्तक मेला -2025
प्रगति मैदान- नई दिल्ली
भारत धर्म और आस्था प्रधान देश है । यह पर्व और त्योहरों का देश है । यहां हर माह कोई न कोई पर्व या त्योहार मनाया जाता है और लोग पूरी आस्था के साथ ऐसे पर्वों को मनाते हैं । बारह वर्ष बाद महाकुम्भ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा और भारतीय संस्कृति को मानने वाले लोग पूरी आस्था के साथ महाकुम्भ में स्नान करने जा रहे हैं । यही है भारत की परम्परा, धर्म और आस्था ।जहां एक तरफ महाकुम्भ का धार्मिक आयोजन हो रहा है वहीं नयी दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला-2025 का आयोजन 01-09 फरवरी के मध्य हो रहा है । पुस्तक प्रेमियों का महाकुम्भ तो यही है ।
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| बायें से- गुरप्रीत सिंह, अंकित, सुनील भादू, राजेन्द्र, ओम सिहाग |
इस बार तो पूर्व में ही विचार था कि पुस्तक मेले में जाना ही है और दोस्तों को भी सूचना थी । इस सिलसिले में हरियाणा से मित्र अंकित और सुनील भादू तैयार थे । मेरे ही गांव से शिक्षक साथी ओम सिहाग भी तैयार थे । लेकिन ओम की एक विभागीय डयूटी की सूचना आने के कारण विचार अधूरा रह गया था । मैंने शनिवार शाम को दो फरवरी की दो टिकटें श्री गंगानगर से मेरी और अंकित की कन्फर्म करवा ली थी ।
हमारे यहां से दिल्ली के लिये एकमात्र ट्रेन है दिल्ली सराय रोहिला एक्सप्रेस जो बीकानेर से चल कर मेरे शहर रायसिंहनगर में रात्रि को आठ बजे पहुचंती है । लेकिन मेरी टिकट श्री गंगानगर से थी क्योंकि अंकित श्री गंगानगर से इस ट्रेन में सवार होने वाला था ।


