पात्र परिचय की इस शृंखला में इस बार हम लेकर आये हैं एक खतरनाक अंतरराष्ट्रीय अपराधी का परिचय। लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में श्याम तिवारी जी ने एक खतरनाक अपराधी का सर्जन किया था जिसका नाम है- बाल सांगड़ा। बाल सांगड़ा को 'मास्टर' की उपाधि दी गयी है। लोग उसे बाल सांगड़ा न कहकर 'मास्टर' नाम से बुलाते हैं।
बाल सांगड़ा।
अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सबसे बदनाम मुजरिम । विश्व के नामी-गिरामी जासूसों ने आज तक न जाने कितनी बार चेष्टा की— कि बाल सांगड़ा पर हाथ डाल दें या उसका हमेशा के लिये सफाया कर दें, किन्तु आज तक वे उसका बाल बांका नहीं कर सके। जिन लोगों ने उसे समाप्त करने का बीड़ा उठाया — उन लोगों की लाशें बड़ी वीभत्स अवस्था में चौराहे, सड़कों पर मिलीं। जिसने भी उन लाशों को देखा उसी का कलेजा कांप गया। |
प्रतीकात्मक चित्र गूगल से |
विश्व का ऐसा कोई भी देश नहीं जहां बाल सांगड़ा ने अपराध न किया हो । बाल सांगड़ा का नाम पूरे विश्व में पीले बुखार के समान लिया जाता है वह जहां पहुंच जाता है वहाँ लाशों के ढेर लग जाते हैं।
पूरे विश्व में उसके अड्डे थे। वह जहां चाहे अपराध कर सकता था। विश्व के अनेक देशों की सरकारें उसके नाम से घबराती थीं। उन्होंने गुप्त समझौता कर रखा था कि उनके देश में अपराध न करे इसके एवज में वे बाकायदा किस्तें चुकाया करते थे।
बाल सांगड़ा का चेहरा किसी बन्दर के बच्चे के समान छोटा था। लेकिन उसकी आंखें किसी टमाटर की भांति बड़ी-बड़ी लट्टू के समान प्रज्वलित आंखें थीं। चीनी टाइप की मूछें जो हमेशा नीचे की ओर झुकी रहती थीं दाढ़ी पर चार छः बाल बेतरतीबी से उगे हुये थे ।
पूरा चेहरा ऐसा खूंखार कि देखने वाला नजरें न मिला सके। चीनी बाप और सिसलियन मां के संयुक्त मिश्रित खून की दोगली औलाद बाल सांगडा और उसकी प्रत्येक बात में दोगलापन था । उसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि- वह किसी पर विश्वास नहीं करता था। यही कारण था- वह आज तक जिन्दा था ।
स्त्रोत- धरती का खुदा- श्याम तिवारी
परिचय - श्याम तिवारी
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