प्रकाश पराशर(प्रकाश पाराशर) का मेरे पास एक उपन्यास उपलब्ध है, वो है -हत्या एक लेखक की।
एक ऐसा उपन्यास है जो वर्षों तक पाठक के मन-मस्तिष्क पर छाया रहेगा।
लेखक इसलिए लिखता है की पाठक का मनोरंजन हो सके लेकिन जब कोई सिरफिरा पाठक किसी उपन्यास को आधार बना कर कत्ल जैसा घृणित कार्य बैठे तब। वह भी इस अंदाज से के कोई उसे कातिल भी न ठहरा सके।
तब वास्तव में एक व्यक्ति का कत्ल नहीं होता वह कत्ल एक लेखक का होता है। हत्या एक लेखक की बहुत ही अच्छी रचना है।
मुझे याद है इस उपन्यास को पढकर मैंने प्रकाश पराशर जी को एक प्रशंसात्मक पत्र लिखा था।
हालांकि अब मेरे पास उपलब्ध यह उपन्यास क्षतिग्रस्त अवस्था में है, प्रारंभ के कुछ पृष्ठ भी गायब है। उपन्यास के प्रकाशक तक की भी जानकारी इसमें अब उपलब्ध नहीं। मैंने यह उपन्यास सन् 2004 में पढा था।
यह स्वयं में एक संपूर्ण उपन्यास है।
प्रकाश पराशर के उपन्यास-
1. हत्या एक लेखक की।
2. कब खुलेगा राज
3. अपराध का महाभारत
4. हर कदम पर खून
5 खून की गंगा
6. इंसाफ की सजा
7. रुपया बोलता है
8. दौलत के हाथ
9. मौत बनी सौत
10. दंगाई
11. मौत की आहट
12. लाजवाब घोटाला
13. मरा हुआ सांप
14. इनाम पांच हजार
15. आँखों वाला अंधा
16. दौलत पर कत्थक
17. ब्रेन मास्टर
18. सबका बाप
19. शातिर
20. खलीफा
21. जहरीला अमृत
22. हत्यारा
23. मौत की सनसनी
24. पांच अरब की लाश
25. दौलत सबको प्यारी
26.
27.
28.
29.
30.
सभी उपन्यास तुलसी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित
शानदार जानकारी !
जवाब देंहटाएंब्लाॅग पर पधारने पर आपका हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंमैंने यह उपन्यास 1992 मे पढ़ा था..प्रकाश जी कि लेखनी ग़ज़ब हैँ...आजतक इसकी छाप मेरे मन मस्तिष्क पर अंकित है.. अगर मिल जाये तो दोबारा पढ़ना चाहूंगा!
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