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सोमवार, 1 मई 2017

सुरेश साहिल

नाम- सुरेश साहिल
वास्तविक नाम- विनोद प्रभाकर

मेरठ के मलियाना शहर के निवासी सुरेश साहिल जी का वास्तविक नाम विनोद प्रभाकर है। सुरेश साहिल जी ने अपने वास्तविक नाम विनोद प्रभाकर के नाम से जासूसी नाम उपन्यास लिखे वहीं सुरेश साहिल पेन नाम से सामाजिक उपन्यास लेखन किया है। 

मेरठ क्षेत्र के निवासी लेखक वेदप्रकाश वर्मा जी के साथ मिलकर इन्होंने 'श्यामा पॉकेट बुक्स' की भी स्थापना की थी।

  सुरेश सहिल जी के कुछ उपन्यास फिल्म निर्माण हेतु अनुबंधित भी हुये थे। गोविदा अभिनित फिल्म कुछ रिल्स के बाद बंद हो गयी थी।

  वर्तमान में मलियाना में दो निजी शिक्षण संस्थानों का संचालन करते हैं। 

'लौट आओ सिमरन' इनका एक चर्चित उपन्यास है।
फरेब नामक उपन्यास सामाजिक होते हुए भी जासूसी है, अर्थात् सामाजिक-जासूसी कहा जा सकता है। स्वयं लेखक ने लिखा है की उसकी इच्छा थी पाठकों के लिए कुछ अलग लिखा जाये इसलिए उन्होंने सामाजिक थ्रिलर लिखा।

सुरेश साहिल के उपन्यास

  1. अधूरा प्यार
  2. सतयुग की सीता
  3. आखिरी गुनाह
  4. कलयुग का लक्ष्मण
  5. अधूरा मिलन
  6. मां तुझे सलाम
  7. एक और लंका
  8. दौलत से टपका खून
  9. मेघा
  10. किराये का पति
  11. कोख का कलंक
  12. मुझे पुकार लो
  13. ये दिल तेरा दीवाना
  14. हवेली की बहू
  15. बेदर्द जमाना
  16. लौट आओ सिमरन
  17. पूजा करूंगी तेरी
  18. पूनम का चांद
  19. किसी से प्यार ना करियो
  20. उधार का सिन्दूर
  21. प्यासा आसमान
  22. चांद-सा मुखड़ा
  23. एक थी आशा
  24. फरेब
  25. A LOVE STORY OF जलपरी
  26. जोगन बन जाऊंगी
  27. दो पंछी दीवाने से
  28. मस्ताना
  29. सूर्या 
  30. कारगिल का सपूत (रजत प्रकाशन)
  31. माँ तुझे सलाम (रजत प्रकाशन)
  32. एक करोङ की दुल्हन
  33. आखिरी गुनाह (धीरज पाॅकेट बुक्स)

  संपर्क-
- सुरेश साहिल
वी कॉन्वेंट स्कूल
मलियाना, मेरठ, उत्तर प्रदेश
उक्त लेखक के विषय में किसी के पास कोई अन्य जानकारी हो तो भेजने का कष्ट करें।

उक्त उपन्यास सूची नवीन कुमार, रायपुर, छतीसगढ ने भेजी है। नवीन जी का हार्दिक धन्यवाद।

4 टिप्‍पणियां:

  1. सुरेश साहिल जी ने
    लौट आओ सिमरन,
    किराये का पति,
    फरेब , जैसे अनेकों समाजिक और सुंदर कहानियों की सौगात हमे दी है,
    काफी दिनो से इनका कोई भी उपन्यास नही दिखा जाने क्यों.......

    जवाब देंहटाएं
  2. You are extraordinary writer sir.. आपका उपन्यास बेदर्द जमाना मुझे बहुत पसंद है

    जवाब देंहटाएं
  3. जब मैं 10th में था तब आप का उपन्यास बेदर्द जमाना पड़ा था और आज तक मैं उसे ढूंढ रहा हूं

    जवाब देंहटाएं

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