पात्र परिचय के इस स्तम्भ में इस बार प्रस्तुत है उपन्यासकार श्याम तिवारी (शैलेन्द्र तिवारी) के द्वारा रचित प्रसिद्ध पात्र हर्रामी सिंह (सिद्धार्थ) का परिचय ।
हर्रामी सिंह
आज के युग का फौलाद मानव। अनोखे, विलक्षण चमत्कारों एवं असाधारण प्रतिभाओं का स्वामी। कद लगभग पौने छः फुट का चेहरा किसी प्रिंस के समान आकर्षक पूरा बदन गठा हुआ। कोई भी युवती यदि उसे देख ले तो—वह उसे अपना बनाने के लिये अपनी समस्त दौलत दांव पर लगा दे।
किन्तु — हर्रामी सिंह सदा सुन्दरियों से दूर रहा। सुन्दरियों के मामले में सदा गम्भीर रहा। एक समय था जब वह फुटपाथ पर अपनी जिन्दगी गुजार रहा था और भूख से लड़ाई लड़ते हुये उसे कई दिन हो गये थे, उसने अपने जीवन का अन्त करने का निर्णय कर लिया और अर्द्ध रात्रि को— तेज रफ्तार से आती हुई कार के नीचे उसने छलांग लगा दी थी। कार के ब्रेक चीखे थे। वह बाल- बाल बचा था और बेहोश हो गया था । जब दोबारा होश में आया था तो उसने अपने को शानदार कोठी में पाया था ।
यह कोठी धरमसिंह की थी । धरमसिंह ने उसे नई जिंदगी दी थी और बदले में उसका जीवन देश के गरीब, अनाथ, दुखी, परेशान लोगों के लिये उससे माँगा था। हर्रामीसिंह ने प्रण था कि वह अपना जीवन- अपने देश के लिये- मानवता की भलाई के लिये दूसरों के लिये- अर्पित कर देगा ।
और तब से आज तक हर्रामीसिंह अपने उसी प्रण को बाँस धरमसिंह से किये गये वायदे को निभाता चला आ रहा है । उसकी जिंदगी की शुरुआत एक चोर से शुरू हुई। चोर के रूप में उसकी प्रसिद्धि पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हो गई चोरी के भयानक कारनामे सुनकर अखबारों में पढ़कर लोग दांतों तले उंगलियां दब गये ।
वे ऐसा सोच भी नहीं सकते थे कि कोई व्यक्ति अनोखी- जोखिम भरी चोरी कर सकता है। जहाँ मच्छर नहीं हो सकता, आदमी की बात तो बहुत दूर थी वहाँ हर्रामीसिंह ने हाथ डाला। दर्जनों इलेक्ट्रोनिक, ऑटोमेटिक बाधाओं को समाप्त करके काम को अंजाम दिया ।
विश्व के प्रसिद्ध जासूस - विक्रान्त, जेम्स बॉण्ड, बागारोफ, अलइमामुद्दीन ताऊ, माईक, फूचिंग आदि सैकड़ों जासूसों को तिगनी का नाच नचा दिया। हर्रामी सिंह का रहस्य खोलने के लिये विक्रान्त ने प्रतिज्ञा की किन्तु आज तक उसे सफलता न मिली । दर्जनों मिशन के दौरान विक्रान्त को जो सहायता मिली उसके कारण उसने — उसका रहस्य जानने का विचार ही दिल - से निकाल दिया ।
विश्व प्रसिद्ध अपराधी बाल-साँगड़ा, मादाम विचत्रा आदि दर्जनों अन्तरराष्ट्रीय अपराधियों ने हर्रामीसिंह से मात खायी थी ।
स्त्रोत - धरती का खुदा- श्याम तिवारी
अन्य लिंक
परिचय- श्याम तिवारी
परिचय- बाल सांगड़ा-
अन्य पात्र परिचय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें