बस एक जगह से संक्षिप्त जानकारी मिली है
'अजय ठकराल' नाम के कोई लेखक थे, उनका उपन्यास था 'दबे पांव'।
यह जानकारी सुनील प्रभाकर के उपन्यास 'मौत का साया' से मिली है। जो गौरी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित हुआ था।
'मौत का साया' का एक संवाद देखें-
यह जानकारी सुनील प्रभाकर के उपन्यास 'मौत का साया' से मिली है। जो गौरी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित हुआ था।
'मौत का साया' का एक संवाद देखें-
संवाद देखें
जेम्स को एक पुस्तक विक्रेता कहता है-
" ये लीजिये- अजय ठकराल का नया उपन्यास 'दबे पांव' कमाल का उपन्यास है....।"
जेम्स को एक पुस्तक विक्रेता कहता है-
" ये लीजिये- अजय ठकराल का नया उपन्यास 'दबे पांव' कमाल का उपन्यास है....।"
अगर किसी मित्र को अजय ठकराल के विषय में जानकारी हो तो अवश्य बतायें।
धन्यवाद
Email- sahityadesh@gmail.com
यह तो उपन्यास का संवाद लग रहा है। हो सकता है लेखक ने ऐसे ही लिख दिया हो। इसके विषय में तो लेखक ही साफ़ कर पाएंगे। आप तो आबिद रिजवी साहब के सम्पर्क में हैं। उनसे पता नहीं किया आपने?? शायद उन्हें इस विषय के ऊपर जानकारी हो।
जवाब देंहटाएंहां यह उपन्यास का संवाद है। लेकिन जिस जगह यह संवाद दिया है वहाँ इसके बिना भी काम चल सकता था।
हटाएंआबिद जी इस लेखक से अनजान है।
जी हो सकता है लेकिन फिर उन दिनों सम्पादन भी कहाँ होता था....सम्पादन तो आज भी नही होता खैर...
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