कुमार प्रिय अपने समय चर्चित रोमांस लेखक रहे हैं
इनके उपन्यासों में प्रेम का एक अलग ही रंग मिलता था, इसलिए इन्हें 'दूसरा गुलशन नंदा' भी कहा जाता था।
उपन्यास चाहे छोटे थे लेकिन कथा में संवेदना का फलक विस्तृत था।
कुमार प्रिय के 'रंगभूमि पॉकेट बुक्स दिल्ली' से प्रकाशित उपन्यास
इनके उपन्यासों में प्रेम का एक अलग ही रंग मिलता था, इसलिए इन्हें 'दूसरा गुलशन नंदा' भी कहा जाता था।
उपन्यास चाहे छोटे थे लेकिन कथा में संवेदना का फलक विस्तृत था।
कुमार प्रिय के 'रंगभूमि पॉकेट बुक्स दिल्ली' से प्रकाशित उपन्यास
- प्यासा दरिया
- ठण्डी आग
- गुड़िया
- राजा और रखैल
- पत्थर का देवता
- बेगाना
- दीदार
- अधूरा सुहाग
- पिंजरे की मैना
- मेरे अरमान तेरे सपने
- थाम लो आँचल
- छलिया
- बाबुल की गलियाँ (जनवरी, 1973)
- हमराही
- आह
- भंवरा
- थाम लो आँचल
- प्रतिशोध
- अधूरा सुहाग
- मर्यादा
- गौरी
- राख की दुल्हन
- खामोश चिता
- बदनसीब
- छलिया
- तमन्ना
- बेवफा
- सौगात
- हमराही
- इंतजार (क्रम 20- 30 तक भारती पॉकेट बुक्स , दिल्ली से प्रकाशित)
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