लेखक निहाल वर्मा के विषय में जो भी प्राप्त जानकारी है उसका एकमात्र स्त्रोत उनके उपन्यास का एक आवरण चित्र है।
इनके उपन्यास 'सोने का महल' के आवरण पर लिखा गया है - 'मौलिक, तिलस्मी एवं ऐयारी उपन्यास' जिससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है की यह उपन्यास देवकीनंदन खत्री जी की परम्परा का रहा होगा। यह उपन्यास 'हिन्दी प्रचारक पुस्तकालय- वाराणसी-01' से प्रकाशित हुआ है।
निहाल वर्मा के उपन्यास
1. सोने का महल
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इनके उपन्यास 'सोने का महल' के आवरण पर लिखा गया है - 'मौलिक, तिलस्मी एवं ऐयारी उपन्यास' जिससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है की यह उपन्यास देवकीनंदन खत्री जी की परम्परा का रहा होगा। यह उपन्यास 'हिन्दी प्रचारक पुस्तकालय- वाराणसी-01' से प्रकाशित हुआ है।
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1. सोने का महल
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