लेबल

शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2022

यामी- आलोक सिंह खालौरी, हास्य रस

मासिक माॅर्निग वाॅक
 'साहित्य देश' के स्तम्भ 'हास्य रस' में इस बार प्रस्तुत है उपन्यासकार आलोक सिंह खालौरी जी के उपन्यास 'यामी' से चंद हास्य पंक्तियाँ -मासिक माॅर्निग वाॅक.
“और सर मॉर्निंग वॉक हो रही है।”–विजय बोला। 
“हाँ भाई, क्या करें, अब नियम है तो है, चाहे कुछ हो जाए हम अपनी मासिक मॉर्निंग वॉक कभी नहीं छोड़ते।”–आलोक सहज भाव से बोला। 
“मासिक मॉर्निंग वॉक ?”–रिया बोली। 
“हाँ भाई, हर महीने नियम से आधा घंटा मॉर्निंग वॉक करनी ही करनी है चाहे कुछ हो जाए।” 
“जरूरी है सर, सेहत का ख़्याल रखना भी।”–रिया सहज भाव से बोली। 
“बिलकुल, जीवन में अनुशासन बेहद जरूरी है।”–आलोक भी सहज स्वर में बोला। 
विजय ने गौर से लेखक की तरफ देखा। उसे कहीं से कहीं तक विनोद का एक भी भाव नजर नहीं आया।

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2022

बाबा ठाकुर

नाम -बाबा ठाकुर
मूल नाम -
प्रकाशक - माया पॉकेट बुक्स, मेरठ

उपन्यास साहित्य में बहुत से प्रयोग होते रहे हैं। कथानक के स्तर पर यह प्रयोग हो या न हो पर लेखक के नाम पर अनेक प्रयोग देखने को मिलते हैं।
  जब उपन्यास साहित्य में अश्लील उपन्यासों का दौर आता, हर दूसरे लेखक ने एक महिला जासूस को मैदान में उतारा और 'सैक्स- एक्शन' के आवरण में लिपटे उपन्यास प्रकाशित होने लगे।
बाबा ठाकुर, जरा पहचानो चित्र किस प्रसिद्ध उपन्यासकार का हैं?
   इस समय में माया पॉकेट बुक्स ने अश्लील साहित्य के विरोध में अपना लेखक 'बाबा ठाकुर' भी मैदान में उतारा जो साफ- सुधरे उपन्यास होने का दावा करता है।
  याद रहे इसी दौर में एक और Ghost writer देवा ठाकुर भी थे।
  अब बाबा ठाकुर के प्रथम उपन्यास की 'लेखकीय' घोषणा पढ लीजिए।
श्री गणेश

सोमवार, 17 अक्तूबर 2022

दुर्गाशंकर सत्यार्थी

नाम- दुर्गाशंकर सत्यार्थी

   दुर्गाशंकर सत्यार्थी जी उस समय के लेखक हैं जब इलाहाबाद से उपन्यास प्रकाशित होते थे और मासिक पत्रिका का समय था।
   इलाहाबाद से 'लता कार्यालय' प्रकाशन की मासिक पत्रिका 'महान जासूस' में दुर्गाशंकर सत्यार्थी जी के उपन्यास प्रकाशित होते रहे हैं। यह 1970 के दशक की बात है।

दुर्गाशंकर सत्यार्थी के उपन्यास
1. मृत्युदूत
2. कुत्ते की लाश
3. रंजनगढ का प्रेत




Featured Post

मेरठ उपन्यास यात्रा-01

 लोकप्रिय उपन्यास साहित्य को समर्पित मेरा एक ब्लॉग है 'साहित्य देश'। साहित्य देश और साहित्य हेतु लम्बे समय से एक विचार था उपन्यासकार...