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मंगलवार, 31 मार्च 2020

नये उपन्यास- मार्च 2020

नमस्कार
एक बार हम‌ फिर उपस्थित हैं कुछ नये उपन्यासों की जानकारी के साथ।
      पूरा विश्व जहाँ 'कोरोना वायरस' से लड़ रहा है, दुनिया lockdown में बैठी है। इस स्थिति में घर पर बैठना भी इस समस्या का एक समाधान है।
    अब घर पर बैठे हैं तो कुछ पढ भी लिया जाये। इस स्तंभ में हम नये उपन्यासों के साथ -साथ उन नये उपन्यासों की चर्चा भी करेंगे जो किंडल पर प्रकाशित हुए हैं।


1. आखिरी मिशन- शुभानंद,‌ सूरज पॉकेट बुक्स
           सूरज पॉकेट बुक्स से प्रकाशित यह उपन्यास 'जाॅन अमर जावेद' सीरीज का है। उम्मीद है यह उपन्यास इस सीरीज के अन्य उपन्यासों की तरह रोचक होगा। 


2.  11:59 - मिथिलेश गुप्ता, सूरज पॉकेट बुक्स
       इस उपन्यास का शीर्षक तो स्वयं में रोचक है। यह मित गुप्ता जी का हाॅरर उपन्यास है। 'वो भयानक' रात की तरह उम्मीद करते हैं यह समय भी हाॅरर होने वाला है।
         कहते हैं कि एक भयानक दुर्घटना कई जिंदगियां बदल देती है। उस रात हम लोगों के साथ भी वैसा ही कुछ हुआ। घड़ी की बढ़ती सुईयों के साथ जब साक्षात मौत हमारे सिर मंडराने लगी, बचपन से सुने सारे डरावने किस्से हमारी आंखों के सामने घूमने लगे।

'वो भयानक रात' ,'जस्ट लाइक दैट' और 'तेरी इश्क़ वाली खुशबू' के लेखक की कलम से...
   यह उपन्यास किंडल पर प्रकाशित हो चुका है। 

लिंक- 11:59_ दशहत का अगला पड़ाव


3. रोड ट्रिप- देवेन पाण्डेय, सूरज पॉकेट बुक्स
      यह देवेने पाण्डेय जी का तृतीय उपन्यास है। और यह उनका पहले दोनों से अलग उपन्यास है। यह तीन‌ लोगों की तीन यात्राएँ हैं, जो पाठक को बहुत कुछ नया प्रदान करती हैं। तीन लोग, तीन यात्रा, तीन अनुभव।

4. खाकी से गद्दारी- अनिल मोहन, सूरज पॉकेट बुक्स
    खाकी से गद्दारीका  नया संशोधित संस्करण
इस बार देवराज डकैती की जगह जा पहुंचता है खतरनाक आतंकवादी जब्बार से मिलने सीधे जेल में। फिर वह उसे जेल से भगा देता है। पर ...क्यों? और कैसे ? आइये पता करें।


5. अवैध - एम. इकराम फरीदी, थ्रिल वर्ल्ड

          उनका रिश्ता अवैध था क्योंकि उम्र का बड़ा फासला था लेकिन वह लड़की दुनिया की रस्मों को उन कोण से स्वीकार नहीं करती थी, दुनिया ने जिस स्तर से तामीर कर रखी थी। उसने जिंदगी के अपने उसूल बना लिए थे। अभी उम्र ही कितनी थी उसकी। अभी तो वोट देने का अधिकार भी उससे कई माह दूर था लेकिन उसकी दिव्य दृष्टि में मानो मानव सभ्यता के तीस लाख वर्ष समाहित थे।
मगर....
      यह तत्पश्चात उसे पता चला कि दुनिया की रस्में उतनी खोखली नहीं थी कि जितना उसने जान रखी थी। जब उसे पता चला कि दुनियावी रस्मो के धरातल में कहीं ना कहीं प्रकृति की अनुमति शामिल है ,तब तक बहुत देर हो चुकी थी और प्रकृति उस लड़की से उसकी हठधर्मिता की क़ीमत वसूलना शुरू कर दी थी।
जिसका आधार रक्तरंजित था।

    किंडल लिंक  अवैध- एम. इकराम फरीदी
    

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