• पुस्तक का नाम : मास्टरमाइंड
° लेखक का नाम : शुभानंद
• प्रकाशक एवं स्थान : सूरज पॉकेट बुक्स , ठाणे ( महाराष्ट्र )
• मूल्य ( पेपर बैक ) : ₹ 118
किंडल : ₹ 50 ( अनलिमिटेड )
• पेज संख्या : 345
• भाषा : हिंदी • लेखक के बारे में -
IIT , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षित शुभानंद ने बचपन से ही लिखने के लिए कलम उठा ली थी और लिखने के शौक के कारण उपन्यास लिखते चले गए । इनकी लिखने की खास बात यह है कि सरल भाषा शैली पर जटिल व तेज रफ्तार कहानी जो पाठक को एक ही सिटिंग में अंत तक पढ़ने के लिए बाध्य करती है । शुभानंद मुंबई में अपनी लेखिका व डॉक्टर पत्नी रुनझुन व पुत्र मानस के साथ रहते हैं । लेखन के अलावा संगीत सुनने , इंटरनेशनल टी.वी. सीरीज देखने में रुचि रखते हैं ।
• पुस्तक के बारे में -
अमेजॉन किंडल पर शुभानंद कृत जावेद , अमर , जॉन सीरीज का चतुर्थ उपन्यास मास्टरमाइंड पड़ा ।
इस उपन्यास में तीन मुख्य पात्र हैं , जिनके नाम जावेद , अमर , जॉन हैं । यह तीन भारतीय सीक्रेट सर्विस के जांबाज़ जासूस हैं । अमर , जॉन को ' मेरी जान ' और जॉन , अमर को ' मेरे आम ' कहकर पुकारता है । जैसा कि इस उपन्यास के टाइटल ' मास्टरमाइंड ' को देखकर विदित होता है कि यह आतंकवाद पर आधारित कहानी है । हां , तो यह असल में आतंकवाद और साजिश पर आधारित कहानी ही है । एक ऐसी साजिश जिसमें कदम कदम पर रोंगटे खड़े कर देने एवं चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं ।
मास्टरमाइंड , इतना शातिर की सीक्रेट सर्विस को धता बताकर अपने मास्टर प्लान के तहत सीक्रेट सर्विस के जासूस के खिलाफ कुछ ऐसे सबूत प्लांट करता है , जिससे कि सीक्रेट सर्विस का जासूस जेल चला जाए और सीक्रेट सर्विस अपने जासूस को निर्दोष साबित करने में लग जाए ताकि वह अपने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचा सके । लेकिन सीक्रेट सर्विस अपने ही जासूस के जेल जाने के पीछे के कारणों को तलाशने लगती है और तेजी से इन्वेस्टिगेशन शुरू कर देती है । तब जाकर सीक्रेट सर्विस के अपनी जांच पड़ताल में कुछ ऐसे खुलासे होते हैं । जिन्हें जानकर सीक्रेट सर्विस के एजेंट एवं चीफ आश्चर्यचकित रह जाते हैं ।
वो कौन सा प्लान था जिसे जानने के बाद सीक्रेट सर्विस के एजेंट आश्चर्यचकित रह जाते हैं ?
आखिर उस मास्टरमाइंड का ऐसा कौन सा प्लान था जिसके तहत मास्टर माइंड ने सीक्रेट सर्विस को अन्य दिशाओं में उलझाकर रख दिया ?
क्या मास्टरमाइंड अपने प्लान को अंजाम तक पहुंचा पाता है ?
क्या सीक्रेट सर्विस को पता चल पाता है कि मास्टरमाइंड कौन है और किस के इशारे पर काम कर रहा था ?
क्या सीक्रेट सर्विस असल मास्टरमाइंड तक पहुंच पाती है ?
क्या सीक्रेट सर्विस का एजेंट जेल से आजाद हो पाता है ?
° मेरी रुचि का कारण -
मुझे स्पाई ( जासूसी ) थ्रिलर बहुत पसंद हैं ।इस उपन्यास में अमर और रिंकी के बीच के वार्तालाप और क्रियाकलाप बहुत अच्छे लगे । अमर सीक्रेट सर्विस का एजेंट और रिंकी भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की एजेंट थी । जो अपने अपने मिशन के तहत एक दूसरे से अचानक मिल जाते हैं । अमर और रिंकी को ना जाने कब एक दूसरे से प्यार हो जाता है । अमर , रिंकी को अपनी सोलमेट मानने लगता है ।
• पुस्तक के बारे में मेरी राय -
यह उपन्यास अपने आप में पूर्ण उपन्यास है । लेकिन लेखक ने इस कहानी के अंत में कुछ ऐसे हालात पैदा कर दिए जिससे कि पाठकों के मन में जिज्ञासा बढ़ जाती है कि अब इन किरदारों का आगे चलकर क्या होगा क्या नहीं । मेरी नजर में लेखक महाशय ऐसा ना करते तो भी उपन्यास की कहानी पूर्ण ही होती ।
• मेरी संस्तुति -
यह उपन्यास जासूसी थ्रिलर पढ़ने वालों को बहुत पसंद आएगा । जो लोग जासूसी थ्रिलर पढ़ते हैं मैं उन्हें उपन्यास पढ़ने का सुझाव देना ज्यादा पसंद करूंगा ।
• पाठक : प्रेम कुमार मौर्य
• दिनांक : 31 मई 2020
° लेखक का नाम : शुभानंद
• प्रकाशक एवं स्थान : सूरज पॉकेट बुक्स , ठाणे ( महाराष्ट्र )
• मूल्य ( पेपर बैक ) : ₹ 118
किंडल : ₹ 50 ( अनलिमिटेड )
• पेज संख्या : 345
• भाषा : हिंदी • लेखक के बारे में -
IIT , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से शिक्षित शुभानंद ने बचपन से ही लिखने के लिए कलम उठा ली थी और लिखने के शौक के कारण उपन्यास लिखते चले गए । इनकी लिखने की खास बात यह है कि सरल भाषा शैली पर जटिल व तेज रफ्तार कहानी जो पाठक को एक ही सिटिंग में अंत तक पढ़ने के लिए बाध्य करती है । शुभानंद मुंबई में अपनी लेखिका व डॉक्टर पत्नी रुनझुन व पुत्र मानस के साथ रहते हैं । लेखन के अलावा संगीत सुनने , इंटरनेशनल टी.वी. सीरीज देखने में रुचि रखते हैं ।
• पुस्तक के बारे में -
अमेजॉन किंडल पर शुभानंद कृत जावेद , अमर , जॉन सीरीज का चतुर्थ उपन्यास मास्टरमाइंड पड़ा ।
इस उपन्यास में तीन मुख्य पात्र हैं , जिनके नाम जावेद , अमर , जॉन हैं । यह तीन भारतीय सीक्रेट सर्विस के जांबाज़ जासूस हैं । अमर , जॉन को ' मेरी जान ' और जॉन , अमर को ' मेरे आम ' कहकर पुकारता है । जैसा कि इस उपन्यास के टाइटल ' मास्टरमाइंड ' को देखकर विदित होता है कि यह आतंकवाद पर आधारित कहानी है । हां , तो यह असल में आतंकवाद और साजिश पर आधारित कहानी ही है । एक ऐसी साजिश जिसमें कदम कदम पर रोंगटे खड़े कर देने एवं चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं ।
मास्टरमाइंड , इतना शातिर की सीक्रेट सर्विस को धता बताकर अपने मास्टर प्लान के तहत सीक्रेट सर्विस के जासूस के खिलाफ कुछ ऐसे सबूत प्लांट करता है , जिससे कि सीक्रेट सर्विस का जासूस जेल चला जाए और सीक्रेट सर्विस अपने जासूस को निर्दोष साबित करने में लग जाए ताकि वह अपने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचा सके । लेकिन सीक्रेट सर्विस अपने ही जासूस के जेल जाने के पीछे के कारणों को तलाशने लगती है और तेजी से इन्वेस्टिगेशन शुरू कर देती है । तब जाकर सीक्रेट सर्विस के अपनी जांच पड़ताल में कुछ ऐसे खुलासे होते हैं । जिन्हें जानकर सीक्रेट सर्विस के एजेंट एवं चीफ आश्चर्यचकित रह जाते हैं ।
वो कौन सा प्लान था जिसे जानने के बाद सीक्रेट सर्विस के एजेंट आश्चर्यचकित रह जाते हैं ?
आखिर उस मास्टरमाइंड का ऐसा कौन सा प्लान था जिसके तहत मास्टर माइंड ने सीक्रेट सर्विस को अन्य दिशाओं में उलझाकर रख दिया ?
क्या मास्टरमाइंड अपने प्लान को अंजाम तक पहुंचा पाता है ?
क्या सीक्रेट सर्विस को पता चल पाता है कि मास्टरमाइंड कौन है और किस के इशारे पर काम कर रहा था ?
क्या सीक्रेट सर्विस असल मास्टरमाइंड तक पहुंच पाती है ?
क्या सीक्रेट सर्विस का एजेंट जेल से आजाद हो पाता है ?
° मेरी रुचि का कारण -
मुझे स्पाई ( जासूसी ) थ्रिलर बहुत पसंद हैं ।इस उपन्यास में अमर और रिंकी के बीच के वार्तालाप और क्रियाकलाप बहुत अच्छे लगे । अमर सीक्रेट सर्विस का एजेंट और रिंकी भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की एजेंट थी । जो अपने अपने मिशन के तहत एक दूसरे से अचानक मिल जाते हैं । अमर और रिंकी को ना जाने कब एक दूसरे से प्यार हो जाता है । अमर , रिंकी को अपनी सोलमेट मानने लगता है ।
• पुस्तक के बारे में मेरी राय -
यह उपन्यास अपने आप में पूर्ण उपन्यास है । लेकिन लेखक ने इस कहानी के अंत में कुछ ऐसे हालात पैदा कर दिए जिससे कि पाठकों के मन में जिज्ञासा बढ़ जाती है कि अब इन किरदारों का आगे चलकर क्या होगा क्या नहीं । मेरी नजर में लेखक महाशय ऐसा ना करते तो भी उपन्यास की कहानी पूर्ण ही होती ।
• मेरी संस्तुति -
यह उपन्यास जासूसी थ्रिलर पढ़ने वालों को बहुत पसंद आएगा । जो लोग जासूसी थ्रिलर पढ़ते हैं मैं उन्हें उपन्यास पढ़ने का सुझाव देना ज्यादा पसंद करूंगा ।
• पाठक : प्रेम कुमार मौर्य
• दिनांक : 31 मई 2020
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