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गुरुवार, 25 अप्रैल 2019

सफलता के दो वर्ष

साहित्य देश ब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर...

        समस्त पाठक मित्रों को ब्लॉग के दो वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक शुभकामनाएँ।
         साहित्य देश ब्लॉग और लोकप्रिय उपन्यास साहित्य के समस्त पाठकों के स्नेह और सहयोग से ब्लॉग ने अपने सफलतापूर्वक दो वर्ष पूर्ण कर लिये।
      ब्लॉग का निर्माण 'लोकप्रिय साहित्य संरक्षण' (उपन्यास लेखक और उपन्यासों की जानकारी) के लिए किया गया था। धीरे-धीरे उद्देश्य विस्तृत होते गये।
           मेरा बचपन साहित्य पठन में ही बीता है, समय के साथ परिवर्तन होते गये और मनोरंजन के साधनों में परिवर्तन आया और इसी परिवर्तन की चपेट में उपन्यास जगत अंधेरे में खोता चला गया। सन् 2017 में जब सोशल मीडिया के माध्यम से मैं पाठक मित्रों के संपर्क में आया तब पाठक एक-दूसरे से लेखकों के उपन्यासों के नाम पूछा करते थे। किसी के पास कोई संतुष्टिजनक उत्तर नहीं होता था। वहीं अगर किसी लेखक के जीवन के विषय में कोई बात चलती तो एक-दो लेखकों के अतिरिक्त किसी लेखक का कोई पता ही नहीं चलता था। हालांकि बहुत से अच्छे लेखक थे, उनके उपन्यासों की आज भी चर्चा होती है।
            बस यहीं से मुझे प्रेरणा मिली की लोकप्रिय उपन्यास साहित्य के लिए कुछ किया जाये और उसी का परिणाम है साहित्य देश ब्लॉग।

          साहित्य देश ब्लॉग/टीम इस उद्देश्य के साथ आरम्भ हुआ था की लोकप्रिय उपन्यास साहित्य संरक्षण के लिए 'कुछ' किया जाये। यह 'कुछ' किस स्तर का होगा यह हालांकि तय न था। लेकिन फिर भी एक प्रयास था की लेखकों की जानकारी एकत्र की जाये और आज सभी सहयोगी मित्रों की प्रेरणा और मदद से हमने बहुत से ज्ञात और अज्ञात लेखकों की जानकारी एकत्र की और ब्लॉग पर शेयर की। इसी क्रम में 'साहित्य देश' नाम से YouTube चैनल पर कुछ साक्षात्कार भी प्रस्तुत किये। youtube  चैनल लिंक साहित्य देश

   ब्लॉग पर दो सौ से ज्यादा लेखक की जानकारी उपलब्ध है (हालांकि यह अधूरी है) और इन दो सालों में साठ हजार से भी ज्यादा बार ब्लॉग को पाठकों द्वारा पढा (देखा) गया है। यह सब पाठक मित्रों के सहयोग का ही परिणाम है। इन दो वर्षों में कुछ अनुभव भी मिले, जो भविष्य में सहायक हो।
                  बहुत से पाठक मित्रों के पास आज भी पुराने उपन्यास उपलब्ध हैं लेकिन पता नहीं किस संकोचवश वे उनको शेयर नहीं कर पा रहे। एक किस्सा याद आ रहा है। मेरे एक दोस्त के पास कुछ उपन्यास थे। वह किसी को भी पढने के लिए नहीं देता था‌। उनको छुपा कर रखता। एक दिन उनके घर वालों ने घर की सफाई की तो वो सब उपन्यास रद्दी वाले को बेच दिये। उस दोस्त ने एक दिन यह घटना मुझे बताई की मेरे सारे उपन्यास घरवालों ने बेच दिये। यह किस्सा सिर्फ पाठकों तक ही सीमित नहीं, लेखकों तक विस्तृत है।
          यही स्थिति अधिकांश पाठकों के साथ हो रही है। वे अपने संग्रह को सार्वजनिक नहीं करना चाहते। वक्त का पता भी नहीं चलेगा और सब खत्म हो जायेगा। अगर हम पुराने उपन्यासों को ONLINE उपलब्ध करवा सके तो यह बहुत अच्छा रहेगा। हालांकि ज्यादातर इसमें प्रकाशक और लेखक की सहमति का झंझट है। आज न तो वे प्रकाशक रहे और न ही लेखक। एक बार मैंने एक लेखक से बात की और उनसे कहां की आप अपने उपन्यास ONLINE उपलब्ध करवा दीजिएगा तो लेखक महोदय ने कहा 'एक दिन फिर वही दौर आयेगा और मेरे उपन्यास उसी प्रकार पुन: बिकेंगे'। अब यह पता नहीं कब संभव होगा।
            मेरा उद्देश्य किसी को बुरा बताना नहीं है। मेरे कहने का तात्पर्य मात्र यही है की उपन्यास साहित्य संरक्षण के लिए कोई भी गंभीर नहीं है। न प्रकाशक, न लेखक और न पाठक। आज अगर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी को छोड़ दिया जाये तो और किसी लेखक के पास स्वयं के उपन्यासों की व्यवस्थित सूची उपलब्ध नहीं है।

         ‌ब्लॉग पर ऐसे बहुत से पाठक आते हैं जो पुराने लेखकों को पढना चाहते हैं लेकिन हमारे पास ऐसा कोई विकल्प ही नहीं है जो उन्हें उपन्यास उपलब्ध करवा सके। अगर देखा जाये तो हिन्दी जासूसी उपन्यास साहित्य (Pulp fiction) के क्षेत्र में आज तक कोई सार्थक कार्य हुआ ही नहीं। किसी ने भी इस क्षेत्र में, इस क्षेत्र के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम तक नहीं उठाया।
         आज अधिकांश लेखकों का तो अता-पता भी नहीं, और जिनके विषय में जानकारी है उनके उपन्यास तक स्वयं उनके पास भी उपलब्ध नहीं और जिनके पास कुछ उपन्यास उपलब्ध हैं वे कहीं भी Online उपलब्ध नहीं करवा पा रहे।
वर्तमान उपन्यास साहित्य चाहे एक लाभदायक व्यवसाय नहीं है लेकिन आप एक समर्पित व्यक्तित्व की तरह इसके लिए कुछ कर सकते हैं। आपकी कृतियां तो सुरक्षित रहेंगी। आप का नाम तो अमिट रहेगा, पाठक तो आपको याद करेंगे।
           हमारा प्रयास है पुराने लेखकों के उपन्यास भी सुरक्षित किये जायें अगर संभव हो तो उनका पुनः प्रकाशन किया जाये या Online पाठन हेतु प्रस्तुत किये जायें। यह काम किसी भी एक व्यक्ति के द्वारा संभव नहीं है यह तो एक टीमवर्क के द्वारा ही संभव है।
             उपन्यास साहित्य संरक्षण के लिए साहित्य देश ब्लॉग के अतिरिक्त और भी बहुत से मित्र सक्रिय हैं लेकिन कोई सामूहिक प्रयास नजर नहीं आता। लेकिन जो भी प्रयासरत है उनका कार्य प्रशंसनीय है। हालांकि अब कुछ लेखक भी सक्रिय हुये हैं‌ लेकिन यह सक्रियता अभी अधूरी है।
              दो वर्ष पूर्ण होने पर साहित्य देश ब्लॉग अपने पाठकों के लिए कुछ न कुछ नया विचार लाता रहेगा। इसी क्रम में लेखक 'राम पुजारी' का आर्टिकल लोकप्रिय साहित्य के लिए.. भी ब्लॉग पर प्रकाशित है। अगर संभव हुआ तो हम कुछ उपन्यास भी ब्लॉग पर प्रकाशित करेंगे। (अगर कोई अच्छा टाइपिस्ट मिल गया तो)।
            वर्तमान में बहुत से लेखक हमारे संपर्क में हैं लेकिन समयाभाव के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा और उनके साक्षात्कार भी ब्लॉग पर प्रकाशित नहीं कर पा रहे।
             उपन्यास जगत के सभी पाठक, लेखक और प्रकाशक मित्रों से निवेदन है की हम सामूहिक रूप से इस क्षेत्र के लिए प्रयास करें। आज अनिवार्यता महसूस हो रही है की हमें कोई सामूहिक और ठोस कार्य करना चाहिए ताकी इस विरासत को सुरक्षित किया जा सके। आप भी अपने क्षेत्र में देखेंगे तो कोई‌ न कोई लेखक शायद नजर आ जाये। आज जरूरत हैं उन लेखकों को उनका उचित सम्मान देने की जिन्होंने साहित्य लेखक कर हमें मनोरंजन प्रदान किया।
          हमें उम्मीद है आपका सहयोग लोकप्रिय उपन्यास साहित्य संरक्षण में सहयोगी साबित होगा।
             एक बार पुनः उन पाठक मित्रों का हार्दिक धन्यवाद जिन्होंने उपन्यास जगत से संबंधित जानकारी हमें प्रदान की।
आओ हम सब मिलकर कदम बढायें।
आपके उत्तर का इंतजार रहेगा।

साहित्य देश टीम
Email- sahityadesh@gmail.com


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