नमस्ते पाठक मित्रो ।
लोकप्रिय उपन्यास साहित्य के ब्लॉग 'साहित्य देश' पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आशा करता हूँ आप सभी कुशलमंगल हैं।
लोकप्रिय साहित्य के इतिहास में कुछ और नये उपन्यासों की वृद्धि हुयी है। उन उपन्यास की सूचना यहाँ प्रस्तुत है।
जयदेव चावरिया, मिथिलेश गुप्ता, अफजल अहमद, जितेन्द्र नाथ, लेखनी, शुभानन्द
1. जुर्म का आगाज- जयदेव चावरिया
प्रकाशक- सूरज पॉकेट बुक्सजयदेव चावरिया जी का द्वितीय उपन्यास 'जुर्म का आगाज़' शीघ्र प्रकाशित होने वाला है।
जयदेव चावरिया जी का प्रथम उपन्यास 'माय फर्स्ट मर्डर केस' एक मर्डर मिस्ट्री उपन्यास था तो वहीं उनका द्वितीय उपन्यास जुर्म का आगाज एक थ्रिलर उपन्यास है जो अण्डरवर्ल्ड के काले कारनामों को उजागर करता है।
2. असायलम- अफजल अहमद, मिथिलेश गुप्ता
प्रकाशक- FlyDreams Publications
क्या है "असायलम : सब मरेंगे"
1970 में डॉक्टर निर्मल बनर्जी ने प्रोफेसर भास्कर के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय ख़ुफ़िया प्रोग्राम पर काम किया था, जिसमें भारत के साथ-साथ रोमानिया और हॉलैंड जैसे देश भी शामिल थे। उन दोनों का यह खतरनाक प्रयोग बुरी तरह असफल हुआ, जिसका नतीजा यह हुआ कि इस प्रयोग में शामिल तीनों ही देश के कुल 90 बहादुर लोग न सिर्फ पागल हो गए, बल्कि उनकी जिंदगी भी खतरे में पड़ गई। उन सबको मजबूरी वश आजीवन मेन्टल असाइलम में ठूंस दिया गया।
वह प्रयोग क्या था? किस कारण वह प्रयोग असफल हो गया? मेन्टल असाइलम बनाने की जरूरत क्यों पड़ी? इन पागल हुए लोगों की पीछे की क्या कहानी है?
डॉक्टर सत्यजीत बनर्जी, जिसके पिता का इस प्रयोग में एक अहम किरदार था, वह किस तरह इन रहस्यों से पर्दा उठायेगा? भारत, हॉलैंड और रोमानिया के असाइलम का रहस्य सुलझाने में उसका साथ कौन लोग देने वाले थे?
यह डॉक्टर्स के जोखिम भरे सफर की एक ऐसी कहानी है जिसे पढ़कर आपकी रूह कांप उठेगी।
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मिथिलेश गुप्ता जी का वो भयानक रात और 11:59 के बाद हाज़िर एक और हॉरर, साइकोलॉजी थ्रिलर
इस कहानी को लिखा है शानदार कलम के धनी Afzal Ahmed ने। और कहानी का क्रिएशन और लेखन में सहयोग किया है मिथिलेश गुप्ता जी ने।
प्रकाशक हैं हॉरर में सबसे ज्यादा और बेहतरीन किताबें निकलाने वाले
प्राप्ति लिंक- असायलम
3. ड्रैगनफ़्लाई - शुभानंद
प्रकाशक- सूरज पॉकेट बुक्स
अपनी एक्स गर्लफ्रेंड के शहर से अचानक ही गायब हो जाने की वजह जानने की उत्सुकता सीक्रेट सर्विस ऑफिसर अमर वर्मा के लिये धीरे-धीरे एक जुनून में परिवर्तित हो जाती है। आखिरकार जब वह उसके नये एड्रेस पर पहुँचता है तो उसे उसके नाम पर कोई और ही लड़की रहती हुई मिलती है। जब इस पूरे सिलसिले के तार भारत में मौजूद चीनी जासूसों के साथ जुड़ने लगते हैं तब इंडियन सीक्रेट सर्विस के सामने एक मौका आता है कि वह अपने दुश्मन देश के जासूसों और देश के गद्दारों को सबक सिखा सकें पर कोई तो था जो रहस्य की कई परतों में छिपा उनके प्लान को फेल करने के लिये घात लगा कर बैठा था। उस अनोखी शख्सियत का कोड नेम था ‘ड्रैगनफ़्लाई’ ।
प्राप्ति लिंक- ड्रैगनफ़्लाई
4. चौसर- जितेन्द्र नाथ
प्रकाशक- सूरज पॉकेट बुक्स
जितेन्द्र नाथ जी का द्वितीय उपन्यास प्रकाशित हो चुका है। प्रथम उपन्यास 'राख' से चर्चा में जितेन्द्र नाथ जी का द्वितीय उपन्यास भी उम्मीद करते हैं एक अच्छी पहचान स्थापित करेगा।
मुम्बई महानगर। न जाने कितने रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुए सपनों का शहर। जब इंस्पेक्टर सुधाकर शिंदे एक कम्पनी के लापता हुए लोगों की तलाश में मुम्बई में निकला तो फिर शह और मात का एक ऐसा खेल शुरू हुआ जिसमें हर खिलाड़ी सिर्फ जीतना चाहता था । जिन्दगी और मौत के बीच बिछी चौसर की बिसात पर अपने कर्तव्य-पथ पर बढ़ते वीरों की हैरतअंगेज दास्तान…
उपन्यास प्राप्ति लिंक- चौसर- जितेन्द्र नाथ
प्रकाशक- नीलम जासूस कार्यालय- दिल्ली
इश्तियाक खान जी का यह प्रथम उपन्यास है। इस से पूर्व इश्तियाक खान जी ने उर्दू से कुछ रचनाएं अनुवादित की हैं। रहस्य रोमांच से परिपूर्ण काला जादू उनका प्रथम उपन्यास है।
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