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शनिवार, 8 फ़रवरी 2025

योगेश मित्तल जी को 'साहित्य देश सम्मान पत्र'

योगेश मित्तल जी को साहित्य देश सम्मान पत्र से किया सम्मानित ।
विश्व पुस्तक मेला- 2025, नई दिल्ली 03 फरवरी, प्रगति मैदान 

लोकप्रिय उपन्यास साहित्य के सितारे और छद्म लेखन के लिए चर्चित दिल्ली निवासी योगेश मित्तल जी को साहित्य देश सम्मान से सम्मानित करता गया ।
योगेश मित्तल जी को सम्मान पत्र भेंट करते हुये 

  साहित्य देश ब्लॉग लोकप्रिय साहित्य संरक्षण के लिए प्रयासरत एक ब्लॉग है। साहित्य देश ने उपन्यास साहित्य संरक्षण के लिए लेखकों के साक्षात्कार, उपन्यास परिचय, विभिन्न शृंखला समय-समय पर ब्लॉग पर प्रकाशित की हैं । इसी क्रम में‌ इस क्षेत्र के साहित्यकारों को सम्मानित करने का यह प्रथम अवसर है।
दिल्ली निवासी योगेश मित्तल जी लोकप्रिय साहित्य में जो सराहनीय कार्य किया है, इनकी उन्हीं सेवाओं को देखते हुये साहित्य देश ब्लॉग ने अपना प्रथम सम्मान पत्र योगेश मित्तल जी भेंट किया है।

विश्व पुस्तक मेला- 2025 के अवसर पर दिनांक 02.02.2025 को हाॅल नम्बर 2&3 में नीलम जासूस कार्यालय की बुक स्टाॅल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
        इस संक्षिप्त कार्यक्रम का संचालन नीलम जासूस के प्रबंधन श्री सुबोध भारतीय जी ने किया । उन्होंने योगेश मित्तल जी का परिचय करवाते हुये कहा- आज हम विश्व पुस्तक मेला 2025 नई दिल्ली में मौजूद हैं। यह नीलम‌ जासूस कार्यालय का स्टाॅल है और हमारे बीच हैं देश के सबसे बड़े Ghost writer (प्रेत लेखक) योगेश मित्तल जी । इन्होंने विभिन्न लेखकों के नाम से साढे चार सौ (450) से ज्यादा पुस्तकें लिखी हैं। हमने (नीलम जासूस कार्यालय) भी इनकी तीन पुस्तकें प्रेत लेखक की आत्मकथा, वेदप्रकाश शर्मा- यादें, बातें और अनकहे किस्से और एक उपन्यास शैतान ।
  वहीं कार्यक्रम को आगे बढाते हुये साहित्य देश के संचालक गुरप्रीत सिंह ने सभी का स्वागत करते हुये कहा-  साहित्य देश का उद्देश्य लोकप्रिय साहित्य के लेखन को, उनकी यादों को संजोने का एक छोटा सा प्रयास है । इसी क्षेत्र में हमने काफी प्रयास किये थे और इसी क्रम में लेखकों को सम्मानित करने का यह प्रथम प्रयास है । इस विश्व पुस्तक मेले पर सर्वप्रथम योगेश मित्तल जी को हम सम्मान‌ पत्र भेंट कर रहे हैं।
        इस अवसर पर योगेश मित्तल जी का शाॅल उढाकर कर 'साहित्य देश सम्मान पत्र' से सम्मानित किया गया ।
इस कार्यक्रम में लेखकगण सत्यपाल जी, रामपुजारी जी, अतुल प्रभा जी,  पराग डिमरी जी, विकास नैनवाल(अनुवाद, ब्लॉगर) के अतिरिक्त साहित्य देश परिवार से सुनील भादू (हिसार, हरियाणा), राजस्थान से ओम सिहाग, राजेन्द्र सहारण, हरियाणा से अंकित (सिरसा), प्रवीण गुलिया जी, संदीप जुयाल (दिल्ली)
के अतिरिक्त अन्य पाठक (दर्शक ) उपस्थित थे।

 पाठको को बता दें साहित्य देश लोकप्रिय साहित्य संरक्षण हेतु प्रयासरत एक ब्लॉग है। जिसका उद्देश्य लोकप्रिय साहित्य का संरक्षण हैं‌ । इस ब्लॉग द्वारा समय-समय पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है । इस से पूर्व मेरठ में लेखक सम्मेलन का आयोजन भी किया गया था । साहित्य देश का आगे भी इस प्रकार की गतिविधियों को जारी रखेगा।
  कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लेखक राम पुजारी जी ने कहा- प्रिय साथियों योगेश मित्तल जी का थोड़ा सा परिचय मैं देना चाहूंगा। उस जमाने में, सत्तर- अस्सी के दशक में जब लोकप्रिय साहित्य रेल्वे स्टेशन, बस अड्डों पर बिका करता था, बहुत से नामी लेखक जो बहुत व्यस्त रहते थे, जिनकी किताबें कई बार बड़ी हो जाती थी या छोटी हो जाती थीं या जिनका अंत (क्लाइमैक्स) प्रकाशकों को पसंद नहीं आता था, तब उनके(प्रकाशक) दिमाग में एक ही नाम आता था योगेश मित्तल । योगेश मित्तल जी वो शख्स हैं जो किसी भी किताब के कथानक को बड़ा कर सकते हैं, छोटा कर सकते हैं, एंड (समापन) को बदल सकते हैं, और उसमें ऐसा कथानक या घटनाएं डाल सकते हैं जिससे पाठक बंधा रह जाता है ।....अफसोस तब पाठक को यह नहीं पता चलता था की इसके पीछे कौन है । आज गुरप्रीत भाई (साहित्य देश) और सुबोध भाई (नीलम जासूस कार्यालय प्रकाशन) के प्रयासों से योगेश मित्तल जी को दोबारा से हिंदी पल्प फिक्शन की दुनिया में लेकर आये हैं । यह हम सब का एक सांझा प्रयास है , वरिष्ठ लेखक योगेश मित्तल जी को सम्मानित कर रहे हैं ।

योगेश मित्तल जी का योगदान- योगेश मित्तल जी ने लेखक क्षेत्र में दिल्ली और मेरठ के विभिन्न प्रकाशकों के लिए छद्म नाम से लेखन किया है, इनका अधिकांश लेखन दूसरों के लिए ही रहा है। वहीं योगेश मित्तल जी ने इस क्षेत्र के इतिहास को अपने शब्दों में समेटने का जो प्रयास किया है वह एक अद्वितीय उपलब्धि है। ऐसा प्रयास इन से पहले किसी ने भी नहीं किया था। वह चाहे वेदप्रकाश शर्मा जी, राजभारती या फिर राजहंस जी का वृतांत हो या फिर इस क्षेत्र का इतिहास हो । इसके अतिरिक्त योगेश मित्तल जी ने बहुत से लेखकों का जीवन‌ परिचय, अनसुने किस्से भी पाठकों तक पहुंचाये हैं। (योगेश जी का योगदान साहित्य देश ब्लॉग पर देखा जा सकता है, इनकी पुस्तकें 'वेदप्रकाश- यादें, बातें और अनकहे किस्से, प्रेत लेखन का नंगा सच' में पढा जा सकता है।
निर्विवाद रूप से योगेश मित्तल जी वह पहले लेखक हैं जिन्होंने इस लोकप्रिय के लिए लिखा और लोकप्रिय साहित्य पर भी लिखा ।
लेखक योगेश मित्तल जी ने भावुकता के साथ अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा-
आज मैं बहुत भावुक हो गया हूँ,दरअसल ऐसे किसी पल की कल्पना ही नहीं की थी । क्योंकि मैं कभी बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी नहीं रहा । बस लिखना और अच्छे से अच्छा लिखना, कॊई भी ये न कहे बकवास, बस ये कहे की क्या लिखा था, दिल को छू गया।
योगेश मित्तल जी ने अपने संक्षिप्त भाषण में सभी का धन्यवाद करते हुये कहा कि यह उनके जीवन के भावुक क्षण हैं।
               देखा जाये तो लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में 'साहित्यिक कार्यक्रम' बहुत कम होते हैं। जब तक साहित्यिक कार्यक्रम नहीं होंगे, साहित्य पर चर्चा नहीं होगी तब तक साहित्य नये रास्ते नहीं तलाश पायेगा । नये रास्ते, नये आयाम तभी तय होते हैं जब उन पर विमर्श हो और विमर्श के लिए आवश्यक है चर्चा मंच का होना और उसमें पाठक-लेखक, प्रकाशक का भागीदार बनना ।
साहित्य देश सभी वर्ग (पाठक, लेखक और प्रकाशक) से यही निवेदन करता है कि समय-समय पर विभिन्न गतिविधियां होनी चाहिए ताकि साहित्य की धारा में प्रवाह बना रहे ।
 इस आयोजन में साहित्य देश के अतिरिक्त नीलम‌ जासूस कार्यालय, रामपुजारी जी और सुनील बिश्नोई जी का विशेष योगदान रहा । साहित्य सभी का हार्दिक धन्यवाद करता है ।
हम फिर मिलेंगे आगे,कभी किसी और कार्यक्रम में ।
धन्यवाद।
टीम साहित्य देश
प्रगति मैदान, नई दिल्ली 
02.02.2025
Email- sahityadesh@gmail.com

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया 👌 पढ़कर अच्छा लगा अगली बार शामिल होने का प्रयास रहेगा

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  2. क्या बात है सर, बधाई आपको जो इस सराहनीय काम के भागीदार बने और बहुत बहुत बधाई योगेश सर को, योगेश जी इस सम्मान के हकदार थे

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