लेबल

सोमवार, 17 जून 2024

एच. इकबाल (सोमदत्त शर्मा)

 नाम- एच. इकबाल

 जासूसी कथा साहित्य में नकल का हमेशा से बोलबाल रहा है। इस क्षेत्र ने चाहे धुरंधर जासूस पैदा कर लिये, जटिल केस हल कर लिये, शातिर ठग-चोरों का पर्दाफास किया और भी न जाने कितने रहस्य हल किये और कितनों को इंसाफ दिलाया। बहुत से आदर्शवादी जासूस भी सामने आये, पर यह खेल सिर्फ शब्दों और पृष्ठों कर जाल से बाहर न निकल सका।
  अगर निकल पाता तो शायद स्वयं के क्षेत्र में इतने घपले न होते, शायद लेखक शोषण से बचते, शायद नकली उपन्यासों का संसार बंद हो जाता।
   अन्याय पर न्याय की जीत, असत्य पर सत्य की विजय दिखाने वाले लेखक स्वयं के साथ होने वाले शोषण पर चुप रहे और इसी चुप्पी का परिणाम यह निकला की जासूसी साहित्य में नकली लेखक और पात्रों की भरमार हो गयी।
  एच. इकबाल भारत में जन्मे उर्दू भाषा के जासूसी उपन्यासकार थे, जो बाद में पाकिस्तान चले गये। उनके उर्दू उपन्यासों का हिंदी रुपांतरण भारत में प्रकाशित होता रहा‌ ।
लेकिन यहाँ के प्रकाशनों ने एच. इकबाल के नाम से बहुसंख्यक नकली लेखक पैदा कर दिये।
एच. इकबलका पूरा नाम हुमायू इकबाल था लेकिन भारत में एच. इकबाल ले नाम से Ghostwriting होने लगी।
कुछ लेखक सामने आये जिनके उपन्यासों के बाहर एच. इकबाल लिखा होता था और अंदर अन्य नाम
जैसे- 
-एच. इकबाल (हमीद इकबाल)
- एच. इकबाल (सोमदत्त शर्मा)
 यहाँ हम आज ऐसे ही एक एच.इकबाल की बात कर रहे हैं।
विनय प्रकाशन दिल्ली के अंतर्गत एक एच. इकबाल थे और उपन्यास से प्राप्त जानकारी अनुसार उनका वास्तविक नाम 'सोमदत्त शर्मा' था।

एच. इकबाल (सोमदत्त शर्मा) के उपन्यास

  1. पहला कत्ल
  2. दूसरा कत्ल
  3. कत्ल की रात
  4. कत्ल ही कत्ल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

मेरठ उपन्यास यात्रा-01

 लोकप्रिय उपन्यास साहित्य को समर्पित मेरा एक ब्लॉग है 'साहित्य देश'। साहित्य देश और साहित्य हेतु लम्बे समय से एक विचार था उपन्यासकार...