नाम- बिमल चटर्जी
दिल्ली निवासी बिमल चटर्जी एक्शन उपन्यासों के लेखक के रूप में चर्चित रहे हैं। इनके पात्र पाठकों में अत्यंत प्रिय थे। बिमल चटर्जी के छोटे भाई अशीत चटर्जी जी ने भी इन्हीं पात्रों पर रोचक उपन्यासों की रचना की थी।
बिमल चटर्जी के उपन्यास
- टैंजा के दुश्मन
- टैंजा का जाल
- टैंजा का अंत
- दुश्मनों के दुश्मन
- दुश्मनों के देश में
- दुश्मनों का अंत
- पहली चोट
- दूसरी चोट
- तीसरी चोट
- चोट पर चोट
- बर्फीला तूफान
- नीले गगन की आग
- गुरु और चेला
- राजा जानी खतरे में
- टैंजा की वापसी
- महाबली टैंजा का अंत
- युद्ध और प्रलय
- मास्टर प्लान ऑफ फोमांचू
- चार लड़ाके
- खतरनाक फोमांचू
- चार शैतान
- मैडम शिवाना लड़ाकों के देश में
- राहू केतू और फोमांचू
- जहाँ मौत बसती है
- मौत के दुश्मन (क्रम 01-24 तक, मनप्रिय प्रकाशन दिल्ली)
- मौत की बाजी
- कयामत की आग
- सुपरमैन फोमांचू
- फोमांचू और टैंजा के दुश्मन
- काला खतरा
- सब से बड़ा खिलाड़ी (क्रांति प्रकाशन, सहारनपुर)
- साधु, संत और फकीर ।। समीक्षा (भारती पॉकेट बुक्स, दिल्ली)
- डंके की चोट
- मौत का डंका
- डंके का अंत (गंगा पॉकेट बुक्स, मेरठ)
- जाग उठा शैतान
- घायल शेर
- दहल उठी दुनिया
- जय ज्वाला,
- भड़क उठी ज्वाला
- मौत की ज्वाला
- प्रतिशोध की ज्वाला।
- पासा पलट न जाये
- चीख उठा काल
- फोमांचू युद्ध के घेरे में
- पहला शोला
- दूसरा शॊला
- तीसरा शोला
- आग और शोला
- ओमर की वापसी
- पहला तूफान
- दूसरा तूफान
- तीसरा तूफान
- आंधी और तूफान
- चढ़ जा बेटा सूली पर
- फिर आया तूफान
- गर्ज उठा तूफान
- तूफान का जलजला
- नर्क की आग
- ठाकुर दादा
- आग का गोला
- कफन बांध लो
- सम्राट फोमांचू का अंत
- बिच्छू का आतंक
- जिंदा जला डालो (क्रम 62-65,गंगा पॉकेट बुक्स)
- आफत का बेटा
- प्रलय फिर न आयेगी
- आखिरी संग्राम
- मौत की वसीयत
- निशाना चूक न जाये (क्रम 67-70,गंगा पॉकेट बुक्स)
ठाकुर दादा सीरीज- जाग उठा शैतान, घायल शेर, दहल उठी दुनिया
ज्वाला सीरीज- जय ज्वाला, भड़क उठी ज्वाला, मौत की ज्वाला, प्रतिशोध की ज्वाला।
शोला सीरीज
मुसीबत सीरीज
डंका सीरीज
चोट सीरीज
उसी दौर में हेलन और कोक्समैन के नाम से भी उपन्यास छपते थे उसकी कोई जानकारी उपलब्ध है?
जवाब देंहटाएं