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गुरुवार, 20 अक्तूबर 2022

बाबा ठाकुर

नाम -बाबा ठाकुर
मूल नाम -
प्रकाशक - माया पॉकेट बुक्स, मेरठ

उपन्यास साहित्य में बहुत से प्रयोग होते रहे हैं। कथानक के स्तर पर यह प्रयोग हो या न हो पर लेखक के नाम पर अनेक प्रयोग देखने को मिलते हैं।
  जब उपन्यास साहित्य में अश्लील उपन्यासों का दौर आता, हर दूसरे लेखक ने एक महिला जासूस को मैदान में उतारा और 'सैक्स- एक्शन' के आवरण में लिपटे उपन्यास प्रकाशित होने लगे।
बाबा ठाकुर, जरा पहचानो चित्र किस प्रसिद्ध उपन्यासकार का हैं?
   इस समय में माया पॉकेट बुक्स ने अश्लील साहित्य के विरोध में अपना लेखक 'बाबा ठाकुर' भी मैदान में उतारा जो साफ- सुधरे उपन्यास होने का दावा करता है।
  याद रहे इसी दौर में एक और Ghost writer देवा ठाकुर भी थे।
  अब बाबा ठाकुर के प्रथम उपन्यास की 'लेखकीय' घोषणा पढ लीजिए।
श्री गणेश      पहले उपन्यास के प्रकाशन पर आपसे कुछ कहने के लिए मेरे पास ज्यादा अल्फाज नहीं हैं। किसी अजनबी शहर में भीड़ भरे चौराहों पर मैं तन्हा खड़ा हूं और देख रहा हूं कि कौन-सा रास्ता मुझे सही मंजिल पर पहुंचाता है। मेरे चारों तरफ पाठकों का हुजूम है। वे मुन्तजिर हैं कि देखो मैं किस रास्ते पर अपना सफर शुरू करता हूँ। मुमकिन है कि मैं सही रास्ता चुनने में कामयाब न हो सकूं या हो सकता है कि जिधर मैं चलूं सारा कारवां ही उधर चल पड़े और बजाते खुद मैं ही रास्ता बन जाऊं। जिस रास्ते पर चलने का मैंने मन बनाया है। उसका पहला मील पत्थर 'बेटी हिन्दुस्तानी'है। हिन्दुस्तानी लड़की की एक तहजीब संस्कृति होती है। उसके मन में संवेदनायें होती हैं। जज्बात होते हैं, वकार होता है। हमारे मुल्क की बेटियों की हजारों जाने हैं। रानी झांसी, पदमनी, सती सावित्री, सीता,  मीराबाई के अलावा, सोनी, हीर में इसी सरजमीन की खुश्बू मिलती है। हमारे यहां पुतली बाई भी हुई, फूलनदेवी भी हुई। इन तमाम सच्चे किरदारों की अलग-अलग दास्तानें हैं। वर्तमान दौर में एक नयी बीमारी चल रही है। बेशक वह काल्पनिक किरदार हैं और उन्हें रचाने वाले लेखक हैं, लेकिन इन उपन्यासों में हन्दुस्तान की बेटियों की इज्जत आबरू को ताक पर खकर उसे एक घटिया सी 'नंगी तस्वीर' बनाकर पेश किया जा रहा है। मैं उस क्षेत्र की बात कर रहा हूं जहां मेरा यह सफर शुरू हुआ है यानि हिन्दी पॉकेट बुक्स ट्रेड - उपन्यासों की दुनिया। तअज्जुब की बात है कि इतना अश्लील साहित्य धड़ल्ले से छप रहा है और कोई इसे रोकने वाला नहीं है। बाजार में इनकी खासी बिक्री भी है।
          इन सी कपास एडल्डस मूवी जैसे उपन्यासों के गर्म बाजार में मैंने गंगा को उतारने का प्रयास किया है। इस गंगा का नाम है 'बेटी हिन्दुस्तानी'।
         जो लोग 'सेक्स' की चाशनी के शौकीन हैं यह उपन्यास हरगिज हरगिज उनके लिये नहीं है। जो अपने मुल्क की तहजीब से बाबस्ता हैं और खुशबू जिन्हें भाती है वह इस उपन्यास को जरूर पढ़ें। यह उपन्यास ही जाहिर कर देगा कि मैं किस रास्ते का मुसाफिर हूं और देखना यह है कि कितने पाठक मेरे हमसफर बनते हैं। अगर आपको मेरा चुना हुआ रास्ता पसंद आये तो मेरी हौसला अफजाई के लिए खत जरूर लिखें।

बाबा ठाकुर
द्वारा माया पॉकेट बुक्स
आर-10, केदार काम्पलेक्स,
देहली गेट, मेरठ-2

बाबा ठाकुर के उपन्यास
1. बेटी हिंदुस्तानी
2. डाॅक्टर बिच्छू

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