मेरे मन में एक इच्छा थी की उपन्यास पात्रों पर एक श्रृंखला आरम्भ की जाये जिसमें पात्रों के बारे में महत्वपूर्ण बाते/घटनाएं आदि वर्णित हो। जैसे इमरान, अलफांसे, विमल, देवराज चौहान, नाना पाटेकर, विजय-विकास जैसे बहुसंख्यक पात्रों पर कुछ लिखा जाये।
श्री मान प्रवीण जैन जी ने एक सराहनीय प्रयास किया है और यह प्रयास स्वयं में अनूठा और एकदम अलग है। प्रवीण जी ने आदरणीय वेदप्रकाश कांबोज साहब के पात्रों का ज्योतिषीय महत्व रेखांकित किया है।
इस श्रृंखला की प्रथम कड़ी में आप पढेंगे रघुनाथ और विजय के नाम का ज्योतिषीय महत्व। (गुरप्रीत सिंह, साहित्य देश)
भाई वेद प्रकाश कम्बोज के जासूसी उपन्यास पढ़ने वाले मित्र उनके अन्य पात्र रघुनाथ को नही भूल सकते खास तौर से इसलिए कि विजय हमेशा उसे प्यारे तुला राशि कह कर सम्भोदित करता है। पाठको को ऐसी अनुभूति होती है जैसे अपने किसी अति घनिष्ठ मित्र से मिल रहे हो। पर क्या कभी आपने पढ़ा है कि विजय को किसी ने, रघुनाथ ने भी वृष राशि कह कर पुकारा हो। नही न। ऐसा इसलिए कि कम्बोज ने कभी ऐसा लिखा ही नही। परंतु जाने अनजाने में उन्होंने दोनों के मध्य एक ज्योतिषीय साम्य प्रस्तुत किया है। वृष और तुला दोनो राशियों का स्वामी ग्रह शुक्र है। और उनकी मित्रता का मजबूत आधार है। रघुनाथ हमेशा विजय के पास प्रोफेशनल मदद की अपेक्षा करता है। क्यों? इसका उत्तर दोनो के नज़्म में ही छुपा है।
विजय का नामांक 1, रघुनाथ के नामांक 5 का मित्र है इसके विपरीत रघुनाथ के नामांक 5 के लिए विजय का नामांक सपोर्टिव है मददगार है।
ज्योतिष के विद्वान जैमिनी ज्योतिष से भली भांति परिचित है। इसमें अंको की 'क, ट, प, य' आदि पद्धति से भावो को इंगित किया जाता है। इस पद्धति से विजय और रघुनाथ दोनों शब्दो से कुंडली के प्रथम भाव का बोध होता है।
दोनों के राशि स्वामी होने से नव पंचम दोष इनके सम्बन्धो में बाधक नही बनता।।
लेखक- प्रवीण जैन
प्रस्तुत पोस्ट आपको कैसी लगी। अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
श्री मान प्रवीण जैन जी ने एक सराहनीय प्रयास किया है और यह प्रयास स्वयं में अनूठा और एकदम अलग है। प्रवीण जी ने आदरणीय वेदप्रकाश कांबोज साहब के पात्रों का ज्योतिषीय महत्व रेखांकित किया है।
इस श्रृंखला की प्रथम कड़ी में आप पढेंगे रघुनाथ और विजय के नाम का ज्योतिषीय महत्व। (गुरप्रीत सिंह, साहित्य देश)
भाई वेद प्रकाश कम्बोज के जासूसी उपन्यास पढ़ने वाले मित्र उनके अन्य पात्र रघुनाथ को नही भूल सकते खास तौर से इसलिए कि विजय हमेशा उसे प्यारे तुला राशि कह कर सम्भोदित करता है। पाठको को ऐसी अनुभूति होती है जैसे अपने किसी अति घनिष्ठ मित्र से मिल रहे हो। पर क्या कभी आपने पढ़ा है कि विजय को किसी ने, रघुनाथ ने भी वृष राशि कह कर पुकारा हो। नही न। ऐसा इसलिए कि कम्बोज ने कभी ऐसा लिखा ही नही। परंतु जाने अनजाने में उन्होंने दोनों के मध्य एक ज्योतिषीय साम्य प्रस्तुत किया है। वृष और तुला दोनो राशियों का स्वामी ग्रह शुक्र है। और उनकी मित्रता का मजबूत आधार है। रघुनाथ हमेशा विजय के पास प्रोफेशनल मदद की अपेक्षा करता है। क्यों? इसका उत्तर दोनो के नज़्म में ही छुपा है।
विजय का नामांक 1, रघुनाथ के नामांक 5 का मित्र है इसके विपरीत रघुनाथ के नामांक 5 के लिए विजय का नामांक सपोर्टिव है मददगार है।
ज्योतिष के विद्वान जैमिनी ज्योतिष से भली भांति परिचित है। इसमें अंको की 'क, ट, प, य' आदि पद्धति से भावो को इंगित किया जाता है। इस पद्धति से विजय और रघुनाथ दोनों शब्दो से कुंडली के प्रथम भाव का बोध होता है।
दोनों के राशि स्वामी होने से नव पंचम दोष इनके सम्बन्धो में बाधक नही बनता।।
लेखक- प्रवीण जैन
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