नाम- निरंजन चौधरी
निरंजन चौधरी सत्तर के दशक के चर्चित जासूसी उपन्यासकार रहे हैं।
इनके पात्र जासूस सम्राट नागपाल, एस.पी. होमीसाईड निरंजन सिंह ठाकुर, कैप्टन दिलीप और सिगार उसमानी आदि होते थे।
इनके उपन्यासों का कथानक रोचक और दिलचस्प था। इनके उपन्यास 'चंदर पॉकेट बुक्स, सूरत, गुजरात' और 'गुप्तचर' मासिक पत्रिका 'नीता प्रकाशन- इलाहाबाद' से प्रकाशित होते रहे हैं।
निरंजन चौधरी के उपन्यास
इनके पात्र जासूस सम्राट नागपाल, एस.पी. होमीसाईड निरंजन सिंह ठाकुर, कैप्टन दिलीप और सिगार उसमानी आदि होते थे।
इनके उपन्यासों का कथानक रोचक और दिलचस्प था। इनके उपन्यास 'चंदर पॉकेट बुक्स, सूरत, गुजरात' और 'गुप्तचर' मासिक पत्रिका 'नीता प्रकाशन- इलाहाबाद' से प्रकाशित होते रहे हैं।
निरंजन चौधरी के उपन्यास
- तलाश हत्यारे की
- अंधेरे का तीर
- आखिरी हत्या
- बाहरवीं गली का मकान - दिसंबर 1969
- मैं हत्यारा हूँ
- पीले गुलाब
- काली रोशनी।
- यादें, धुआँ और परछाईयां
- मुर्दे की वापसी
- जानवरों का हंगामा
- दोहरा आदमी
- उल्लू का निशान
- विचित्र पक्षी
- अँधेरे टापू का सम्राट
- जिंदा चट्टाने
- मौत का साया
- जहाँ मौत रोती है
- निशान के पुजारी
- खूनी परछाईयां
- मौत का भेद
- काली रोशनी। समीक्षा
- और वह भाग गयी। समीक्षा
- भगतराम मर्डर केस (Feb. 1964)
- यमराज की बेटी - प्रथम भाग
- रोशनी, फीता और बिल्ली - द्वितीय भाग
- अँधेरे के अपराध
- काइमा का सफर

निरंजन चौधरी के उपन्यास पीडीएफ में होतोभिजवायें।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंWant to buy all books of niranjan choudhary
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