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शुक्रवार, 6 दिसंबर 2024

कंवल पाॅकेट बुक्स, दिल्ली

कंवल पॉकेट बुक्स, दिल्ली 

कंवल पॉकेट बुक्स, दिल्ली-35
A-1/239B, लाॅरेसं रोड़, 
दिल्ली-110035

पॉकेट बुक्स के इतिहास में असंख्य प्रकाशक आये और गये । कुछ का नाम चला और कुछ अँधेरे में लुप्त हो गये ।
   इस शृंखला में हमारा प्रयास रहेगा आपको पॉकेट बुक्स के विषय में जानकारी देने का ।
हालांकि हमने ब्लॉग पर पहले भी काफी प्रकाशकों के विषय में जानकारी शेयर की है।
  आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं दिल्ली के एक पुराने प्रकाशन 'कंवल पॉकेट बुक्स' के विषय में ।
इसके मालिक का नाम 'जगदीश कंवल' था, जो दिल्ली के निवासी थे। इनके प्रकाशन का एक उपन्यास 'कत्ल के बाद कत्ल' पढने को मिला, जिसके लेखक संजय नागपाल हैं। इस उपन्यास मं दिये गये विज्ञापनों से यही प्रतीत होता है की इस प्रकाशन का अधिकांश लेखन 'छद्म लेखन' में ही आता है।
आप भी इनको के नाम देख लीजिये- कंवल, संजय नागपाल, जगदीश, चन्द्रेश, कामना इत्यादि।
'जगदीश' नाम स्वयं प्रकाशक महोदय का था। उन्हे लिखने का शौक था। यह नाम वास्तविक भी है।
दूसरा इन्होंने अपने 'कंवल' नाम से पॉकेट बुक्स स्थापित की और इसी नाम से उपन्यास प्रकाशित किये ।
संजय नागपाल नाम थोड़ा वास्तविक प्रतीत होता है, पर इसकी सत्यता हम नहीं परख सकते।
शेष दो नाम 'चन्द्रेश' और 'कामना' समान्यत Ghost writing ही है।
   आदरणीय योगेश मित्तल जी के शब्दों में - "हां, यह प्रकाशन बन्द हो चुका है। ज्यादा सैट नहीं निकले। जगदीश कंवल को लेखक बनने का शौक था। कोई छापने वाला नहीं मिला। पास में पैसा था। खुद प्रकाशक बन गये। इस तरह के प्रकाशन कभी ज्यादा नहीं चलते। हद से हद दो तीन सैट्स तक ही ज़िन्दगी होती है इनकी। फिर बन्द हो जाते हैं। यह भी बन्द हो गया।"

 कंवल पाकेट से प्रकाशित कुछ उपन्यासों की जानकारी
जगदीश-          कांच के टुकड़े, दर्द भरा आंचल, उनके सितम
कंवल-              दर्द के रिश्ते, थोड़ा सा प्यार, उजड़ा आशियाना
संजय नागपाल- कत्ल के बाद कत्ल, जहरीली नागिन
चन्द्रेश-             चूड़िया, नया सुहाग, मुकद्दर
कामना-          ‌  भाई बहन, अधूरी सुहागिन


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