लोकप्रिय सामाजिक उपन्यासों में प्यारे लाल 'आवारा' का नाम चर्चित रहा है। इलाहाबाद निवासी प्यारे लाल 'आवारा' ने अपने लेखन की शुरुआत कुशवाहा कांत के सानिध्य में चिनगारी प्रकाशन के अन्तर्गत की थी।
चिनगारी प्रकाशन से प्यारे लाल 'आवारा' का प्रथम उपन्यास 'राज-रानी' प्रकाशित हुआ था। सन् 1957 में प्यारे लाल 'आवारा' ने स्वयं का 'रूपसी प्रकाशन' आरम्भ किया किसके अंतर्गत स्वयं के और अन्य लेखकों के उपन्यास प्रकाशित होते रहे।
रूपसी एक मासिक पत्रिका थी। जिसमें उपन्यास प्रकाशित होते थे।
प्यारे लाल आवारा के उपन्यास
1. पगडंडी
2. अँगङाई
3. जाङे की रात
4. अनारकली
5. सबेरा (सवेरा)
6. धङकन
7. खण्डहर
8. भँवर
9. घायल
10. सुखे पत्ते
11. शबनम
12. हमारी गलियां
13. अमावस
14. मोहमाया
15. पायल
16. सोलह अगस्त
17. मुमताज
18. पीली कोठी
19. रोते नैना
21. बस- अड्डा (लेखक का सौवां उपन्यास)
मिट्टी
चट्टानों के बीच
गाँठ
बरखा
खुमार
खरोंच
रेत के महल
रात बुलाती है।
बदली की धूप
स्वप्नजाल
गँदला पानी
लहरें तीन, फूल एक
अँतड़ियों की ऐंठन
अंदर मिट्टी, बाहर चूना
अब, तब और जब
जाड़े की रात
मरघट
कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा
फासला
दो घड़ी का पाप
सपनों का कफन
लहरें और लकीरें
बाहों के घेरे
दरारें
नये जमाने की नयी फसल
सन्नाटा
सफेद परछाईयाँ
आहट
कुहासा
सपने के साथी
नयी उमर, नये सपने
पानी के पँख
कच्चे धागे
पत्थर के फूल
शीक काई
चीखें
भँवर
शायद
पाषाणी
चाँदी के सिक्के
ऊँची-नीची राहें
मन के मोड़
नैन बावरे
चाँद, और मैं, और तू
कही और अनकही
पटरी का पाईप
आँच
कच्ची नीदों के आँगन
कुछ हारे, कुछ जीते
सूनी बाहों के सपने
चलती बेरिया
सूनी डाल के घोंसले (मार्च 1964) रूपसी प्रकाशन
क्या मुझे प्यारे लाल आवारा जी का उपन्यास मिल सकता हैं। कृपया बताये कहा उपलब्द हैं।
जवाब देंहटाएंpanghat pyasa
जवाब देंहटाएंpanghat pyasa 1966 ????????
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