कुशवाहा कांत विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने कम समय में ही उपन्यास जगत में अपनी लेखनी का प्रभाव स्थापित कर दिया था।
जहाँ उन्होंने एक तरफ सामाजिक, शृंगार रस से परिपूर्ण उपन्यास लिखे तो वहीं इन्होंने जासूसी और क्रांतिकारी उपन्यासों का सृजन किया
जहाँ उन्होंने एक तरफ सामाजिक, शृंगार रस से परिपूर्ण उपन्यास लिखे तो वहीं इन्होंने जासूसी और क्रांतिकारी उपन्यासों का सृजन किया
मूल नाम- कांतप्रसाद कुशवाहा
औपन्यासिक नाम- कुशवाहा कान्त
जन्म- 9 दिसम्बर,1918
जन्म भूमि- मिर्जापुर,उत्तर प्रदेश
मृत्यु- 29 फ़रवरी,1952
प्रसिद्ध रचनाएँ- 'लाल रेखा', 'पारस', 'विद्रोही सुभाष', 'आहुति' आदि।
विशेष- इनकी कृतियाँ 'कुँवर कान्ता प्रसाद' के नाम से प्रकाशित होती थीं।
- इन्होंने 'महाकवि मोची' नाम से कई हास्य नाटकों तथा कविताओं का भी सृजन किया।
- मिर्जापुर,उत्तर प्रदेशके 'महुवरिया' नामक मोहल्ले में जन्में कुशवाहा कान्त ने नौवीं कक्षा में ही ‘खून का प्यासा’ नामक जासूसी उपन्यास लिखा था।कुशवाहा कांत जी द्वारा संपादित पत्रिकाएँ
जन्म- 9 दिसम्बर,1918
जन्म भूमि- मिर्जापुर,उत्तर प्रदेश
मृत्यु- 29 फ़रवरी,1952
प्रसिद्ध रचनाएँ- 'लाल रेखा', 'पारस', 'विद्रोही सुभाष', 'आहुति' आदि।
विशेष- इनकी कृतियाँ 'कुँवर कान्ता प्रसाद' के नाम से प्रकाशित होती थीं।
- इन्होंने 'महाकवि मोची' नाम से कई हास्य नाटकों तथा कविताओं का भी सृजन किया।
- मिर्जापुर,उत्तर प्रदेशके 'महुवरिया' नामक मोहल्ले में जन्में कुशवाहा कान्त ने नौवीं कक्षा में ही ‘खून का प्यासा’ नामक जासूसी उपन्यास लिखा था।कुशवाहा कांत जी द्वारा संपादित पत्रिकाएँ
1. चिनगारी
2. नागिन ( मासिक पत्रिका)
3. बिजली
2. नागिन ( मासिक पत्रिका)
3. बिजली
.29 फ़रवरी,1952 को कबीर चौरा के पास गुण्डों ने एक आक्रमण किया, जिसमें कुशवाहा कान्त का निधन हो गया।
कुशवाहा कांत के कुल 35 उपन्यास
3. परदेसी (प्रथम भाग)
4. परदेशी (द्वितीय भाग) (परदेशी भाग-2, का अन्य नाम 'पराया' है)
5. पारस
6. जंजीर √
7. मदभरे नयना√
8. नागिन
9. विद्रोह सुभाष √
10. उसके साजन√
11. जवानी के दिन
12. हमारी गलियां√ -1946 (प्रथम प्रकाशन-1946-गुल्लू प्रसाद केदार नाथ बुक्स सैलर,कचौड़ीगली, बनारस)
13. खून का प्यासा (प्रथम भाग)
14. रक्त मंदिर. (द्वितीय भाग)
15. दानव देश√ (तृतीय भाग)
16. गोल निशान
17. उङते-उङते (चिंगारी पत्रिका में प्रकाशित स्तंभों का संकलन)
18. पराजिता
19. काला भूत√
20. कैसे कहूँ
21. लाल किले की ओर
22. निर्मोही √
23. लवंग√
24. नीलम √
25. आहूति√
26. बसेरा√
27. इशारा
28. जलन√
29. कुंकुम√
30. पागल√
31. मंजिल√
32. भंवरा√
33. चूङियाँ
34. अकेला √ (जून-1944)
35. अपना पराया√
√ मेरे द्वारा पढे गये उपन्यास ।
- 'जंजीर'- कुशवाहा कांत जी का अंतिम उपन्यास है, जिसे उनके भाई जयंत कुशवाहा ने पूर्ण किया था।
- 'नीलम' उपन्यास का द्वितीय भाग 'सरोज' इनकी पत्नी 'गीतारानी कुशवाहा' लिखा है।
कुशवाहा कांत के नाम पर प्रकाशित नकली उपन्यास
1. आहट
2. काजल
3. कलंक
4. कटे पंख
5. उपासना
संदर्भ:- उपर्युक्त समस्त जानकारी कुशवाहा कांत के छोटे भाई उपन्यासकार जयंत कुशवाहा द्वारा एक उपन्यास में प्रकाशित की गयी थी।
4. परदेशी (द्वितीय भाग) (परदेशी भाग-2, का अन्य नाम 'पराया' है)
5. पारस
6. जंजीर √
7. मदभरे नयना√
8. नागिन
9. विद्रोह सुभाष √
10. उसके साजन√
11. जवानी के दिन
12. हमारी गलियां√ -1946 (प्रथम प्रकाशन-1946-गुल्लू प्रसाद केदार नाथ बुक्स सैलर,कचौड़ीगली, बनारस)
13. खून का प्यासा (प्रथम भाग)
14. रक्त मंदिर. (द्वितीय भाग)
15. दानव देश√ (तृतीय भाग)
16. गोल निशान
17. उङते-उङते (चिंगारी पत्रिका में प्रकाशित स्तंभों का संकलन)
18. पराजिता
19. काला भूत√
20. कैसे कहूँ
21. लाल किले की ओर
22. निर्मोही √
23. लवंग√
24. नीलम √
25. आहूति√
26. बसेरा√
27. इशारा
28. जलन√
29. कुंकुम√
30. पागल√
31. मंजिल√
32. भंवरा√
33. चूङियाँ
34. अकेला √ (जून-1944)
35. अपना पराया√
√ मेरे द्वारा पढे गये उपन्यास ।
- 'जंजीर'- कुशवाहा कांत जी का अंतिम उपन्यास है, जिसे उनके भाई जयंत कुशवाहा ने पूर्ण किया था।
- 'नीलम' उपन्यास का द्वितीय भाग 'सरोज' इनकी पत्नी 'गीतारानी कुशवाहा' लिखा है।
कुशवाहा कांत के नाम पर प्रकाशित नकली उपन्यास
1. आहट
2. काजल
3. कलंक
4. कटे पंख
5. उपासना
संदर्भ:- उपर्युक्त समस्त जानकारी कुशवाहा कांत के छोटे भाई उपन्यासकार जयंत कुशवाहा द्वारा एक उपन्यास में प्रकाशित की गयी थी।
कुशवाहा कांत के उपन्यास कैसे उपलब्ध होंगे?
जवाब देंहटाएंAmazon और फ्लिपकार्ट pr
हटाएंKushvaha kant ke upnyas kaise our kahi se milenge
जवाब देंहटाएंAmazon से हमने लाल रेखा ख़रीदा है. आप v मंगा लें
हटाएंHow novel of kushwaha kant be available
जवाब देंहटाएंफ्लिपकार्ट और अमेज़न pr. कुछ मेरे पास v है
हटाएंश्रीमंत!
हटाएंआपके पास कुशवाहा कांत व जयंत कुशवाहा की कौन कौन सी पुस्तकें हैं और मुझे कैसे मिल सकती है.
I am searching book"Vidrohi Subhash"
हटाएंIs it possible to get, I need five copies.
My email is nityashivananda@gmail.com
Send me address kuswaha kant
जवाब देंहटाएंकैसे मिल सकते हैं इनके उपन्यास
जवाब देंहटाएंCaal me sir plese 7390052836
जवाब देंहटाएंएक जमाना था,जब मैं इनके लिखे उपन्यासों का दिवाना था. वे सारी किताबें लोगों ने वापस नहीं की. अब इस उम्र में पुनः पढ़ने की इच्छा जागृत हो रही है.��
जवाब देंहटाएंmere saath bhi aisa hi huya , jo koi maang ke le gya , vaapas nhi aayi
हटाएंKushwaha Kant ji ki aahuti kisi ke paas kya mil sakti hai to call me 7355612778
हटाएंAur kisi ke paas unki yang age ki pic ho to kripya bheje
जवाब देंहटाएंहमारे पास सन 1960 से लेकर लगभग 2010 तक इन 50 सालों के बीच में भिन्न-भिन्न लेखकों द्वारा लिखे गए लगभग 1500 उपन्यासों का संग्रह है इसमें लगभग सवा 200 लेखन के उपन्यास है अगर कोई कुछ लेना चाहता है तो हमसे संपर्क कर सकते हैं 8299740289
जवाब देंहटाएं