उत्तर प्रदेश के कई छोटे-बड़े शहरों में बचपन व्यतीत करने के बाद शुभानंद ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बी फार्मा किया और फ़िलहाल मुंबई में मौजूद हैं।
एस सी बेदी के लेखन ने इन्हें बचपन में इतना प्रभावित किया कि जब लेखन क्षेत्र में उतरे तो राजन-इकबाल को एक बार फिर मैदान में ले आये. उसके साथ इन्होने जावेद-अमर-जॉन नामक जासूसी श्रंखला की शुरुआत की जिस पर ये अब तक दो विस्तृत व एक लघु उपन्यास लिख चुके हैं.
लेखन के क्षेत्र में उतरने पर इनकी मित्रता कई और लेखकों से हुई और इन्होने उनके साथ मिलकर एक नई प्रकाशन संस्था ‘सूरज पॉकेट बुक्स’ की स्थापना की.
इस संस्था में नए लेखकों के अलावा कुछ महान लेखक भी शामिल हुए जिनमे से एक खुद इनके गुरु ‘एस सी बेदी’ शामिल हैं. हाल ही मैं सूरज पॉकेट बुक्स को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लेखा ली चाइल्ड के उपन्यासों का हिंदी रूपान्तर करने के अधिकार हासिल हुए हैं.
शुभानंद के उपन्यास
1. कमीना
2. कब्र का रहस्य
3. जिस्म बदलने वाले
4.रोङ किलर
5. गोलियों की बरसात
6. जोकर जासूस
7. बदकिस्मत कातिल
8. राजन की शादी
9.
10.
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