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सोमवार, 23 मई 2022

राजा ठाकुर

नाम - राजा ठाकुर
प्रकाशक - पवन पॉकेट बुक्स
  प्रकाशकों और Ghost writer की भीड़ में‌कम कौनसा नया नाम सामने आ जाये कुछ नहीं कहा जा सकता। ऐसा ही एक Ghost writer है राजा ठाकुर‌। राजा ठाकुर पवन पॉकेट बुक्स का ट्रेड नाम है। हालांकि इनके उपन्यास कभी देखने को नहीं मिले। पवन पॉकेट बुक्स से प्रकाशित यह एकमात्र 'विज्ञापन' ही नजर आया है। 
    इसी के साथ लोकप्रिय उपन्यास साहित्य के एक और लेखक की चर्चा हो जाये। उपन्यासकार अनिल सलूजा जी ने भी 'राजा ठाकुर' नाम का एक पात्र उपन्यास साहित्य को दिया है, हालांकि राजा ठाकुर पर उन्होंने बहुत कम उपन्यास लिखे हैं। 

राजा ठाकुर के उपन्यास
  1. यमराज आयेगा मरने
  2.  



रीमा भारती

 लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में एक चर्चित लेखक रहे हैं दिनेश ठाकुर। जिनका एक अतिचर्चित पात्र रहा है रीमा भारती। 

    दिनेश ठाकुर ने अपने वास्तविक नाम प्रदीप कुमार शर्मा नाम से भी रीमा भारती शृंखला के उपन्यास लिखे हैं, लेकिन वास्तविक प्रसिद्ध इन्हें दिनेश ठाकुर के नाम से लिखे उपन्यासों से ही प्राप्त हुयी है। 
   बाद में अपने प्रसिद्ध पात्र 'रीमा भारती' के नाम से एक लेखिका भी मैदान में उतार दी थी। माना जाता है लेखिका रीमा भारती के उपन्यास के अंतिम आवरण पृष्ठ पर जो तस्वीर है वह दिनेश ठाकुर की पत्नी की है।
  वहीं दिनेश ठाकुर द्वारा रचित रीमा भारती और स्वयं लेखिका रीमा भारती द्वारा लिखित रीमा भारती के उपन्यासों‌ में जो मूल अंतर है वह है अश्लीलता का चित्रण। जहाँ दिनेश ठाकुर के उपन्यासों में एक्शन और रीमा भारती का अश्लील चित्रण होता है वहीं रीमा भारती द्वारा लिखित उपन्यासों में अश्लील का वर्णन नहीं होता। वहीं दोनों के कथानक लगभग एक जैसे ही होते हैं।

   रीमा भारती के उपन्यास

रीमा भारती के उपन्यास

1. बिच्छू
2. आग
3. रेड लाइन
4. कातिल फरार है
5. डाॅज www.sahityadesh.blogspot.com
6. बिग बाॅस
7. पीछे मौत खड़ी
8. जहर
9. ब्लैक स्टाॅन
10. गोली
11. भेड़िया
12.  मौत डरेगी मुझसे
13. डोंट टच मी
14. कौन जीता कौन हारा
15. वारंट मेरी मौत का
16. मुर्दा नम्बर 13
17. काली दुनिया का भगवान
18. तू है भ्रष्टाचार की माँ
19. कली हूँ गुलाब की
20. काला नाग
21. कंकाल तानाशाह
22. जला दूंगी आग हूँ
23. ख़तरा नम्बर वन
24. दुल्हन कब्रिस्तान की
25. काली दुनिया का भगवान
26. माटी मेरे देश की
27. यमदूत
28. भेड़िया
30.        

धीरज पॉकेट बुक्स से प्रकाशित रीमा भारती के उपन्यास
  1. हाइजैक
  2. लावा
  3. गन मशीन 
  4. सौ करोड़ की फिरौती
  5. सीज फायर

शुक्रवार, 20 मई 2022

नये उपन्यास-2022

 नमस्ते पाठक मित्रो,
  साहित्य देश ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है। 
नये उपन्यासों की सूचना स्तम्भ में प्रस्तुत है आपके लिए कुछ नये उपन्यासों की जानकारी। हालांकि यह पोस्ट कुछ समय पहले आ जानी चाहिए थी, पर अतिव्यस्तता के कारण देर हो गयी।

1. तीसरी आँख- कमलदीप
    प्रकाशक-      अजय पॉकेट बुक्स
       कमलदीप जी उपन्यास क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं पर वे पर्दे के पीछे ही रहे हैं, अर्थात Ghost writing करते रहे हैं। लेकिन अब अजय पॉकेट बुक्स ने उन्हें उन्हीं के काम से प्रकाशित किया है।
तीसरी आँख एक मर्डर मिस्ट्री पर आधारित उपन्यास है। जिसमें अमन नामक डिटेक्टिव रामा पैलेस में हुये मर्डर की जांच करता है। 
      पत्थर की जुबान रखने वाले शातिर अपराधी भी अमन के आगे तोते की तरह बोलने लगता था। मुर्दे के हलक में हाथ डालकर सच्चाई उगलवाने की काबिलियत थी उसमे , वही अमन वर्मा रामा पैलेस में एक के बाद एक हो रहे क़त्ल के चक्रव्यूह में उलझ कर रह गया था। तीन -तीन क़त्ल की वारदांतो ने उस तेज तरार जासूस की खोपड़ी घुमा कर रख दी थी उसकी तीसरी आँख क्या इन क़त्ल का राज़ उजागर कर सकी...?
लेखक का स्वयं के नाम से प्रकाशित होने का यह प्रथम अवसर है। अतः पाठक मित्रों को यह उपन्यास एक बार तो अवश्य पढना चाहिये।
   एक बात और भी गौरी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित केशव पण्डित का प्रथम उपन्यास 'सुहाग की हत्या' के रचयिता कमलदीप जी ही हैं।
किंडल लिंक- तीसरी आँख- कमलदीप

2.  हेरीटेज हाॅस्टल हत्याकाण्ड- आनंद चौधरी
   प्रकाशक- अजय पॉकेट बुक्स

बुधवार, 18 मई 2022

यादें वेदप्रकाश शर्मा जी की -20

यादें वेद प्रकाश शर्मा जी की -20
प्रस्तुति- योगेश मित्तल
   लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में योगेश मित्तल जी एक चर्चित नाम है। उनका लेखकों और प्रकाशकों से घनिष्ठ संबंध रहा है, वे लेखक-प्रकाशक दिल्ली के हो या मेरठ के योगेश जी का सभी के साथ अपनत्व रहा है। योगेश जी ने स्वयं के नाम के साथ-साथ अनेक नामों से Ghost writing भी की है। सद्य प्रकाशित इनकी रचना 'प्रेत लेखन का नंगा सच' में इन्होंने प्रेत लेखन कॆ विषय में बहुत कुछ लिखा है। 
    शीघ्र ही इनकी एक और रचना प्रकाशित हो रही है जो उपन्यासकार वेदप्रकाश शर्मा जी के जीवन से संबंधित है।
उसके बाद मैं अगले दो दिन ईश्वरपुरी के किसी भी प्रकाशक के यहाँ नहीं गया। 
देवीनगर गया था, वहाँ सतीश जैन उर्फ मामा ने कुछ पुराने आठ नौ फार्म के सामाजिक उपन्यास दिये, जो घोस्ट नामों से छपे हुए थे। उनमें तीन चार फार्म का मैटर बढ़ाना था। तरीका सतीश जैन ने यह बताया कि लगभग आठ पेज का मैटर उपन्यास के स्टार्टिंग में बढ़ाना है और इतने ही पेज आखिर में। उपन्यास का अन्त बेशक बदल जाये, उसकी कोई चिन्ता नहीं। बाकी बीच में जितने भी चैप्टर हैं, सबकी स्टार्टिंग दो तीन लाइन बदल देनी है या नयी एडजस्ट करनी है। 
             उपन्यास के मुख्य पात्रों के नाम सतीश जैन ने स्वयं ही पहले से काट-पीट करके बदल रखे थे। उपन्यास  का नाम भी कोई नया ही रखना था।
                   मतलब समझ गये आप...! एक पुराना उपन्यास, जो अच्छा रहा हो या बकवास... योगेश मित्तल का हाथ लगने के बाद एक नये नाम से बिल्कुल नये उपन्यास के रूप में पाठकों के हाथ में जाना था और लेखक को यानि मुझे नया उपन्यास लिखने के पारिश्रमिक से आधा ही पारिश्रमिक मिलना था और प्रकाशक के पास एक नया उपन्यास तैयार हो जाना था।  ऐसे कामों में मुझसे ज्यादा सिद्धहस्त उस दौर में दूसरा कोई भी लेखक नहीं था। यह मैं या मेरा अहंकार नहीं कह रहा है - यह शब्द उन दिनों लक्ष्मी पाकेट बुक्स के सर्वेसर्वा सतीश जैन के थे। इसका एक कारण यह भी था कि उन दिनों ज्यादातर लेखक अपनी दाल-रोटी के लिये लिखते थे और उनके लिखने का रूटीन रोज नियम से कुछ घण्टे लिखने का था, जबकि मेरे लिखने का न तो कोई टाइम होता था, ना ही मूड। जब पैन उठाया - काम शुरू। 
                       चौबीस घण्टों में किसी भी घण्टे मैं बिना किसी प्लानिंग के, बिना कुछ सोचे हुए भी कलम उठा लेता था तो दिमाग की बत्ती तुरन्त जल जाती थी और पैन फुल स्पीड से दौड़ने लगता था और यह खूबी अब भी मुझ में बरकरार है, यह और बात है कि इस खूबी का मैं अपने जीवन में माकूल फायदा नहीं उठा सका। 

उपन्यास पोस्टर - सुरेन्द्र मोहन पाठक

सुरेन्द्र मोहन‌ पाठक जी के उपन्यासों के रोचक‌ पोस्टर




 







सुरेन्द्र मोहन‌ पाठक




@sahityadesh
Email- sahityadesh@gmail.com

शुक्रवार, 6 मई 2022

गुंजन

नाम-  गुंजन
प्रकाशक- नीलम पॉकेट बुक्स, मेरठ
श्रेणी- Ghost Writer

Hindi Pulp Fiction में एक और नाम मिला है वह है गुंजन।
गुंजन के उपन्यास नीलम पॉकेट बुक्स मेरठ से प्रकाशित होते रहे हैं। नाम के प्रतीत होता है गुंजन एक Ghost Writer है।

गुंजन के उपन्यास

  1. अनुपमा
  2. घुटन - सितम्बर 1976
  3. उमंग



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